“देखो बच्चों, कल तुम्हारी ज़रूरत हमें होगी ये सच है, पर अभी से उस मुद्दे पर बात करना कुछ ऐसा…
सहसा शुभ्राजी ने अपूर्वा के दोनों हाथों को थामते हुए कहा, “अपनी समझदारी को छोटे-छोटे मसलों पर यूं कुर्बान करना…
“हमें क्यों शर्मिंदा करेगी अपने साथ...?” नलिनी के बोलते ही वह उखड़ गई. “इसमें शर्मिंदा होने जैसा क्या है मम्मी.…