"तुम मेरी कमी स्वीकारने को तैयार हो न? अथवा यह जानकर कि मैं तुम्हें संतान देने में अक्षम हूं मुझे…
आश्चर्य यह हुआ कि पूरी बात सुनकर भी कपिल निश्चिन्त हो सो गए, बिना कुछ कहे. परन्तु मुझे रातभर नींद…
जिस घाव को मैंने पुराना जान भर जाने दिया था, मस्तिष्क से निकाल दिया था, वही आज मेरे सम्मुख उघड़ा…
मैं किस बूते पर अपनी जीवनगाथा लिखने की ज़ुर्रत कर रही हूं? मैं एक सामान्य-सी गृहिणी! और एक गृहिणी के…