सच पूछिए तो भैया, क़ानून ने स्त्रियों को चाहे जितने अधिकार दिए हों, चाहे वे कितनी ही अत्याधुनिक हों, पर…
मुझे लगा अचानक मेरे पांव जैसे किसी दहकते अंगारे पर पड़ गए हों. मैं क्या इतनी पराई हो गई थी…
बात भाभी ठीक ही बोल रही थीं, पर न जाने क्यूं ये बात शूल की तरह मेरे अंतस में कहीं…