सब कुछ इतना अप्रत्याशित घटा कि अपर्णा कुछ प्रतिक्रिया नहीं दे पाई. कुछ आंसू पलकों से लुढ़ककर गालों के साथ…
प्रशांत और अपर्णा को झारखंड आए चार महीने हो चुके थे. दोनों की दिनचर्या बदस्तूर जारी थी. आज प्रशांत थोड़ा…
“इस दुनिया में सभी बिज़ी हैं, बस एक मैं ही हूं धरती पर बोझ.” बड़बड़ाते हुए वह स्वचालित-सी रसोईघर की…