स्कूल में जब तुम मुझे क्लास बंक करते देख मुझे हक़ से डांटते, तो मुझे तुम्हारी डांट बहुत अच्छी लगती.…
हल्की सी बूंदाबांदी शुरू हो गई. वह बूंदों की सरगम पर फिर गुनगुनाने लगी. उसका आसमानी दुपट्टा हवा से लहरा…
तुम बाजू पर लिखने लगी थी, तो मैंने कहा, “यहां नहीं, ऊपर दिल पर…” ये सुनते ही पहली बार तुम्हारी…
"… मैंने उन्हें ध्यान से देखा है, उनमें ग़म में भी ख़ुशी तलाशने वाली अद्भुत इच्छाशक्ति है. अपने सद्प्रयासों से…