Diet according to body

पहचानें अपनी बॉडी के सिग्नल्स: बॉडी खुद कहती है कि अब डाइयटिंग ज़रूरी है! (Health And Nutrition: Importance Of Balanced Diet And Healthy Lifestyle)

हमारा शरीर खुद ही हमें कई बातों का संकेत देता है, बस ज़रूरत है उन संकेतों को पहचानने की. इसी तरह जब हमारावज़न बढ़ता है तो भी शरीर संकेत देता है, समय पर उनको पहचानकर ध्यान दें वर्ना सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. सबसे पहला संकेत है कि आपको खुद अपना शरीर हेवी लगने लगता है. आप अक्सर सोचने लगते हो कि कहीं मेरावज़न बढ़ तो नहीं रहा. आपके कपड़े आपको टाइट होने लगते हैं, पुराने कपड़े अब नहीं आते.आप खर्राटे लेने लगते हैं, अगर कोई आपका अपना कहे कि आजकल आप खर्राटे लेने लगे हो तो नाराज़ होने कीबजाय गम्भीरता से लें इस बात को क्योंकि सोने के दौरान अनियमित सांसों से ऐसा होता है. दरअसल जब शरीर मेंफैट्स बढ़ता है तो गर्दन के आसपास भी फैट्स बढ़ जाता है जिससे सांस की नली संकरी हो जाती है और सांस लेनेमें रुकावट व दिक़्क़त होने लगती है. बेहतर होगा आप डॉक्टर के पास जाकर हल निकालें.थोड़ी सी शारीरिक गतिविधि से आपकी सांस फूलने लगे, सीढ़ियां चढ़ने पर, चलने फिरने पर भी सांस फूल जाए तोसमझ जाएं कि डायटिंग करके हेल्दी लाइफ़स्टाइल से वज़न कंट्रोल किया जाए. रूटीन चेकअप पर पता चले कि आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है. अगर आप वज़न कम करेंगे तो ब्लड प्रेशर भी कमहो जाएगा क्योंकि आपके कार्डीओवैस्क्युलर सिस्टम को शरीर को ऑक्सिजन सप्लाई करने के लिए कम मेहनतकरनी पड़ेगी. अगर आपका वजन बढ़ता है तो आप टाइप 2 डायबिटीज़ के रिस्क पर आ जाते हैं. बहुत ज़्यादा प्यास लगने लगे, बार बार यूरिन जाना पड़े और पिछले कुछ समय में फैट्स भी बढ़ा हो तो सतर्क हो जाएं. कॉलेस्टरॉल का बढ़ना भी बड़ा संकेत है और यह मात्र वज़न कम करने से कम नहीं होगा बल्कि हेल्दी ईटिंग, डायटिंगऔर एक्सरसाइज़ से कम होगा.परिवार में कोलोन या ब्रेस्ट कैंसर की हिस्ट्री है तो आपको शुरुआत से ही डायटिंग को अपनी आदत में शुमार करलेना चाहिए, क्योंकि इस तरह के कैंसर का मोटापे से गहरा संबंध होता है. डायटिंग का मतलब ना खाना नहीं, बल्कि हेल्दी खाना होता है अक्सर लोगों के मन में यह धारणा होती है कि डायटिंग का मतलब है खाना बंद कर दो या एकदम कम कर दो.लेकिन यह सोच ग़लत है, डायटिंग का मतलब होता है अनहेल्दी चीज़ों को छोड़कर हेल्दी चीज़ें खाएं. फ़्राइड चीज़ों को बेक्ड से रिप्लेस करें.चीनी और स्टार्च का सेवन कम कर दें.नमक कम कर दें.ग्रीन टी का सेवन करें, इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं.प्रोटीन का सेवन बेहद ज़रूरी है. प्रोटीन के सोर्स- दालें, ड्राइफ्रूट्स, बींस, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, दही, फिश, सोयाबीन, अंडा.फ़ाइबर का अधिक इस्तेमाल करें. फल और सब्ज़ियां फ़ाइबर का अच्छा सोर्स है. खीरा, गाजर, सलाद और हरीपत्तेदार सब्जियां ज़रूर खाएं.पानी का सेवन भरपूर मात्रा में करें. यह टॉक्सिंस को बाहर करता है, मेटाबॉलिज़्म को बेहतर करता है.गुनगुना पानी पीएं. हो सके तो सुबह शहद और नींबू गुनगुने पानी में लें.हेल्दी ब्रेकफ़ास्ट लें, रिसर्च बताते हैं कि नाश्ता आपको डायबिटीज़ के ख़तरे से बचाता है. जो लोग नाश्ता करते हैंउन्हें डायबिटीज़ का ख़तरा नाश्ता ना करनेवालों की तुलना में कम रहता है.इतना ही नहीं ब्रेकफ़ास्ट आपको मोटापे से बचाता है. जो लोग नाश्ता नहीं करते उनकी वेस्ट लाइन नाश्ता करनेवालों की तुलना में अधिक होती है. भले ही लंच ठीक से ना करें लेकिन नाश्ता हेल्दी करेंगे तो फ़ैट्स से बचेंगे. जो लोग नाश्ता करते हैं उनका एनर्जी लेवल अधिक होता है और वो दिनभर ऐक्टिव बने रहते हैं. नाश्ते से पाचन तंत्र संतुलित रहता है. यह क्रेविंग से बचाता है. जो लोग नाश्ता नहीं करते उन्हें दिनभर में मीठा खानेकी, जंक फ़ूड की और चाय आदि की तलब ज़्यादा लगती है, जिससे वो अधिक कैलरीज़ का सेवन कर लेते हैं औरमोटापे का शिकार होने लगते हैं.एक बार में ज़्यादा खाने की बजाए अपनी मील्स को डिवाइड करें. दिन में 4-6 बार छोटी-छोटी मील्स लें. हेल्दी सूप्स और सलाद को शामिल करें. रात को हल्का खाना लें और सोने से दो घंटे पहले डिनर कर लें. खाने के हेल्दी ऑप्शन्स की लिस्ट बना लें, जैसे- खिचड़ी, ओट्स, ब्राउन ब्रेड सैंडविच, ब्राउन राइस, दाल, इडली, सादा डोसा, उपमा, पोहा आदि.डायट के अलावा रोज़ आधा घंटा कुछ एक्सरसाइज़, वॉक या योगा ज़रूर करें.नींद पूरी लें और स्ट्रेस कम लें. सबसे ज़रूरी कि वज़न बढ़ने पर जब कपड़े टाइट होने लगें तो नए साइज़ के कपड़े लेने की बजाय अपना फ़िटनेसलेवल बढ़ाकर, हेल्दी ईटिंग कर, डायट और कसरत से वज़न कम करने पर फ़ोकस करें और उन्हीं कपड़ों में फिटहोने पर ध्यान दें! क्योंकि स्वास्थ्य से बड़ा धन कोई नहीं, वज़न बढ़ने पर कई बीमारियां एक साथ घेर लेती हैं औरइनमें से कई बीमारियां काफ़ी गंभीर और जानलेवा तक हो सकती हैं. आज से बल्कि अभी से अपनी बॉडी के संकेतोंको पहचानें, उन्हें नज़रअंदाज़ क़तई ना करें और उनपर ध्यान देकर एक्शन लें. स्वस्थ रहें और हेल्दी खाएं!भोलू शर्मा यह भी पढ़ें: शिशु को इन्फेक्शन से बचाने के स्मार्ट टिप्स.. (Smart Tips…

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