रवीना टंडन आजकल छाई हुई हैं, एक तरफ़ जहां लोग उनकी ब्यूटी की तारीफ़ करते नहीं थकते, तो वहीं उनका…
महामृत्युंजय जाप का विज्ञान इसमें अक्षरों का संयोजन इस प्रकार से है कि इसके नियमित जाप से सूर्य व चंद्र नाड़ियों में कंपन होता है और शरीर केसातों चक्रों में ऊर्जा का संचार होता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है और शरीर निरोगी रहता है. स्फटिक माला का स्वास्थ्य लाभ इसकी प्रकृति ठंडी होती है, इसलिए यह बुखार में बेहद लाभदायक है, क्योंकि यह शरीर की गर्मी यानी बढ़े हुए तापमानको नीचे लाने में कारगर है. यदि किसी को बुखार है, तो स्फटिक की माला को धोकर व्यक्ति के नाभि स्थान पर रख दें. इससे काफ़ी लाभ मिलेगा. इसी तरह से यदि कोई यह माला धारण करता है, तो उसे सिरदर्द की समस्या नहीं होता वउसका मन शांत रहता है. श्रावण में शिवलिंग पर दूध चढ़ाने का वैज्ञानिक कारण...इस माह दूध व उससे बने पदार्थ विष के समान होते हैं, क्योंकि ऋतु परिवर्तन से ये सब वात को बढ़ाते हैं. शिवजी विषों को पीकर हमारी रक्षा करते हैं, यही वजह है कि आयुर्वेद में भी श्रावण में शिवजी को दूध चढ़ाने का प्रावधान है, क्योंकि वह दूध हेल्दी नहीं होता. इस दौरान गाय-भैंस भी जो चारा खाती हैं, उसके ज़रिए कुछ कीटाणु शरीर में चले जाते हैं, जिससे उनका दूध दूषित हो जाता है. शास्त्रों में ग़ुस्से से दूर रहने पर इतना ज़ोर क्यों दिया जाता है? दरअसल, ग़ुस्सा मानव का नेचुरल इमोशन है और ग़ुस्साआना बुरी बात नहीं है, लेकिन उसका बेक़ाबू हो जाना ज़रूर बुरा है. अधिक ग़ुस्सा करने से हमारे नर्वस सिस्टम पर बुराअसर पड़ता है, जिससे हार्ट डिसीज़, ब्लड प्रेशर जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए अगर तंदुरुस्त रहना है तो ग़ुस्सेपर अंकुश लगाना होगा. क्या आप जानते नवरात्रि में उपवास क्यों रखे जाते हैं? इसका वैज्ञानिक पहलू यह है कि उस दौरान मौसम बदलता है औरइस वजह से हल्का-पाचक भोजन करने पर ज़ोर दिया जाता है, ताकि पाचन क्रिया ठीक से रहे और शरीर ऊर्जावान बनारहे. यही वजह है कि वर्ष में दो बार मौसम परिवर्तन के दौरान ही नवरात्रि आती है. बच्चों के स्वास्थ्य में भी लाभदायक है ॐ का उच्चारण! ॐ को सबसे शक्तिशाली मंत्र माना गया है. इसकी सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि आपका बच्चा भी इसका आसानी सेजाप कर सकता है. ॐ का जाप बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए बेहद लाभदायक है और यह उसे सकारात्मक ऊर्जा सेभर देगा. गाय के गोबर को क्यों पवित्र माना जाता है? पूजा व यज्ञ में गोबर व उसके उपलों का बेहद महत्व है, क्योंकि गोबर में हैजे य टीबी के कीटाणुओं को ख़त्म करने कीक्षमता है. यही वजह है कि गोबर में लक्ष्मी का वास भी माना जाता है. यह भी पढ़ें: कृष्ण की माखनचोरी…
भगवान शिव के 108 नाम और उनका अर्थ जानना हर शिवभक्त के लिए ज़रूरी है. देवों के देव महादेव के…
भगवान शिव को भोलेनाथ इसीलिए कहा जाता है, क्योंकि जो भी भक्त सच्चे मन से उनका नाम लेता है, शिव…
मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ। (Main Shiv Hun… Main Shiv Hun… Main Shiv Hun) विभत्स हूँ……