मैंने सूरज को कैद किया था आंखों में, मैंने चांद उगाया था हथेली पर... स्याह रातें जब अंधेरा बिखेर रही…
एक ख़ूबसूरत ख़्याल जब पनपता है, तो उसे हक़ीक़त का रूप लेते देखना बेहद सुखद होता है... लेकिन इस सुखद…