– वॉलपेपर ख़रीदते समय अपने बजट का ध्यान रखें, क्योंकि महंगे वॉलपेपर लगाने का लेबर कॉस्ट भी अधिक होगा.
– वॉलपेपर ख़रीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि किस रूम के लिए किस टाइप का वॉलपेपर ख़रीदना है.
– किचन के लिए ऐसा वॉलपेपर चुनें, जो इनफ्लेमेबल (ज्वलनशील) न हो.
– किड्स रूम के लिए वॉलपेपर का चुनाव करते समय उनकी पसंद-नापसंद का ध्यान रखें.
– अच्छी क्वालिटीवाला वॉलपेपर ही ख़रीदें, जो टिकाऊ भी हो.
– आप ऐसे वॉलपेपर का चुनाव भी सकते हैं, जो स्क्रैचेज़ और स्टेन रेज़िस्टेंट हो.
– वॉलपेपर के मार्केट रेट की जानकारी प्राप्त करने के बाद एक बार ऑनलाइन रिसर्च ज़रूर करें. इस रिसर्च के दौरान वॉलपेपर के टाइप, मटेरियल, क़ीमत और रिव्यू ज़रूर पढ़ें.
विनायल वॉलपेपर: किचन और बाथरूम की सुरक्षा के लिए विनायल वॉलपेपर सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि इन वॉलपेपर पर नमी नहीं लगती. इनकी क़ीमत कम होती है और क्लीनिंग व केयर में भी अधिक मेहनत नहीं लगती. ये वॉलपेपर किचन व बाथरूम को शाइनी व स्मूद टच देते हैं.
पीवीएफ (पॉली विनायल फॉम) वॉलपेपर: इस वॉलपेपर को घर के इन्सुलेटेड एरिया में लगाना चाहिए, जैसे- घर के उस एरिया में, जहां पर आपने होम थियेटर सिस्टम इंस्टॉल किया हो. वास्तव में पीवीएफ, साउंड इन्सुलेटर का काम करता है, जिससे बाहरी शोर अंदर सुनाई नहीं देता. इस वॉलपेपर को लगाने का एक दूसरा लाभ यह भी है कि यह कमरे में कूलिंग बनाए रखने में मदद करता है.
फ्लोक्ड वॉलपेपर (टेक्सटाइल फाइबर से बने वॉलपेपर): सिल्क, कॉटन, वेलवेट और लिनेन से बने इन वॉलपेपर की क़ीमत बहुत अधिक होती है. इन वॉलपेपर को बहुत अधिक केयर और मेंटेनेंस की ज़रूरत होती है. महंगे होने के बाद भी अधिकतर लोग इन वॉलपेपर को अपने घर में लगाते हैं, क्योंकि ये वॉलपेपर कमरे में ङ्गविज़ुअल ब्यूटीफ जैसा लुक क्रिएट करते हैं. अमूमन डाइनिंग व लिविंग रूम में इस तरह के वॉलपेपर लगाए जाते हैं.
फाइबरग्लास वॉलपेपर: कंटेम्प्रेरी टाइपवाले ये वॉलपेपर दिखने में बहुत ही ख़ूबसूरत लगते हैं. ये फायर रेटारडेंट (अग्नि विरोधी) होते हैं. इन्हें घर पर धो भी सकते हैं.
फॉइल वॉलपेपर: घर को ट्रेडिशनल लुक देेने के लिए मेटालिक फॉइल शीट और पेपर से बने वॉलपेपर लगा सकते हैं, लेकिन मेटल शीट से बने होने के कारण इन वॉलपेपर्स को लाइट, स्विच व सॉकेट के आसपास न लगाएं.
उपरोक्त बताए टाइप के अलावा और भी बहुत सारे टाइप के वॉलपेपर बाज़ार में मिलते हैं, जिनका चुनाव आप अपनी पसंद, शौक़, बज़ट और ट्रेंड के अनुसार कर सकते हैं.
– आजकल मार्केट में विभिन्न प्रकार के पैटर्न- क्लासिक पैटर्न, ऐब्सट्रैक्ट पैटर्न, ग्राफिक्स पैटर्न, फ्लोरल पैटर्न, ज्योमैक्ट्रिकल पैटर्न, रेट्रो पैटर्न, थ्रीडी पैटर्न और मेटालिक पैटर्न आदि मिलते हैं. अपनी पसंद, शौक़ और कमरे के अनुसार वॉलपेपर का सिलेक्शन करें.
– अलग-अलग रूम के अलग-अलग थीम वाला वॉलपेपर चुनें.
– वॉल कलर से मैच करते हुए और डल कलरवाले वॉलपेपर का सिलेक्शन न करें.
– छोटे कमरे में बोल्ड कलर और बड़े प्रिंट के वॉलपेपर न लगाएं. इससे कमरा और छोटा लगेगा.
– छोटे कमरे को स्पेशियस लुक देने स्ट्राइप्स पैटर्नवाले वॉलपेपर का चुनाव करें. इससे कमरा स्पेशियस लगता है.
– किचन के लिए सॉलिड विनायल वॉलपेपर अच्छा विकल्प है. यह स्टेन रेज़िस्टेंट होता है, साथ ही रब करने पर जल्दी ख़राब भी नहीं होता.
– किड्स रूम के लिए ब्राइट कलर्स और आकर्षक पैटर्नवाले वॉलपेपर चुनें.
– कमरे की फीचर वॉल के लिए ब्राइट प्रिंट और पैटर्न बेस्ड वॉलपेपर चुनें.
– कमरे को मॉडर्न लुक देने के लिए ब्लैक कलर में क्लासिक पैटर्नवाला वॉलपेपर लगाएं.
– कमरे को बोल्ड लुक देने के लिए डीप रेड कलर के वॉलपेपर का सिलेक्शन करें.
– केवल एक दीवार पर ही नहीं, चाहें तो दो दीवारों पर ही वॉलपेपर लगाएं और बाकी दो दीवारों को पेंट करें. इससे भी डेकोर को न्यू लुक मिलेगा.
– देवांश शर्मा
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