कुछ दिनों पहले विराट कोहली (Virat Kohli) के शाकाहारी (Vegetarian) बनने की ख़बर ने इस बहस को फिर से हवा दे दी कि शाकाहार सेहत की दृष्टि से कितना फ़ायदेमंद है. हालांकि विराट का यह निर्णय उनके फिटनेस जर्नी का एक हिस्सा है, लेकिन यहां यह जानना ज़रूरी है कि सेरेना विलियम्स, लेविस हैमिल्टन और कार्ल लेविस जैसे विदेशी खिलाड़ी पहले से ही शाकाहारी समुदाय का हिस्सा हैं और वे वीगन डायट (Vegan Diet) का पालन कर रहे हैं. यदि आप इस डायट प्लान को अपनाने का मन बना रहे हैं या इसके फ़ायदे जानना चाहते हैं तो ये सभी तथ्य आपको अवश्य पता होने चाहिए.
वीगन डायट क्या है?
वीगन डायट पूरी तरह प्लांट बेस्ड डायट है और इसमें सब्ज़ियां, दालें, अनाज और नट्स शामिल होते हैं. वीगन डायट का पालन कर रहे लोग अंडे व मीट के साथ-साथ डेयरी प्रोडक्ट्स का भी सेवन नहीं करते.
क्या खाते हैं?
1. सब्ज़ियां और फल
2. अनाज
3. दाल व बीन्स
4. नट्स और सीड्स
5. टोफू
6. प्लांट बेस्ड ऑयल्स
क्या हैं इसके फ़ायदे?
इस डायट के कई फ़ायदे हैं. इसका सेवन करने से शरीर को मांसाहारी भोजन की तुलना में ज़्यादा विटामिन सी व फाइबर मिलता है, लेकिन इसके फ़ायदे काफ़ी हद तक इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप इसे किस तरह अपनाते हैं. अगर आप इस डायट का पालन करने के साथ-साथ चिप्स और तले हुए खाद्य पदार्थ का भी सेवन करेंगे तो कोई फ़ायदा नहीं होने वाला. सही तरी़के से वीगन डायट का पालन करने के निम्न फ़ायदे हैं.
हृदय संबंधी बीमारियों का ख़तरा कम होता है
यह तो सभी को पता है कि मीट में सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है. ऐसे में शाकाहारी भोजन करने से सैचुरेटेड फैट का सेवन कम हो जाता है, जिससे दिल संबंधी बीमारियों का ख़तरा कम होता है.
वज़न कम होता है
प्लांट बेस्ड डायट में फाइबर की मात्रा अधिक होती है. यही वजह है कि ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पेट जल्दी भर जाता है, साथ ही साथ इसे पचाना भी आसान होता है.
ज़्यादा ख़ुश रहते हैं
जी हां, हम मज़ाक नहीं कर रहे. एक शोध से इस बात की पुष्टि हुई है कि जो लोग शाकाहारी डायट लेते हैं, वे मीट और फिश खानेवालों की तुलना में ज़्यादा ख़ुश
रहते हैं.
माइग्रेन पीड़ितों के लिए फ़ायदेमंद
चॉकलेट और चीज़ जैसे खाद्य पदार्थ माइग्रेन टिगर्स का काम करते हैं. ऐसे में जो लोग गंभीरता से शाकाहारी डायट फॉलो करते हैं, वे खाने में सतर्कता बरतते हैं, जिससे माइग्रेन अटैक का ख़तरा कम होता है.
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त्वचा स्वस्थ होती है
प्लांट बेस्ड डायट में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है, जिसका सकारात्मक प्रभाव त्वचा पर पड़ता है. इसके अलावा ऐसे डायट में एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा अधिक होती है, जिसके कारण मुंहासे और दूसरी त्वचा संबंधी समस्याओं का ख़तरा कम होता है. इसके
अलावा यह त्वचा को हेल्दी ग्लो प्रदान करता है और कोलैज़न के स्तर को सामान्य बनाए रखता है, जिससे त्वचा ज़्यादा दिनों तक स्वस्थ व जवां नज़र आती है.
पर्यावरण के लिए भी फ़ायदेमंद
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, शाकाहारी डायट पर्यावरण के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद होता है. इससे ग्रीनहाउस गैस कम निकलता है, क्योंकि शोधकर्ताओं के अनुसार, 60 फ़ीसदी ग्रीनहाउस गैस मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स के कारण निकलता है.
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