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जानें घुटनों में दर्द के 10 कारण और आराम पाने के आसान उपाय ( 10 Possible Causes For Knee Pain)

घुटना मानव शरीर का एक ऐसा हिस्सा है, जो पूरे शरीर का भार उठाता है. फेमर और टिबिया नामक दो हड्डियों का अंतिम सिरा घुटने के पास जाकर ख़त्म होता है, लेकिन दोनों का अंतिम सिरा एक-दूसरे से नहीं मिलता है. घुटने की हड्डी के जोड़वाले सिरे पर कार्टिलेज की परत चढ़ी होती है. कार्टिलेज चिकने व रबर जैसी मुलायम संयोजी ऊतकों का समूह है, जो जोड़ों को ठीक ढंग से मोड़ने व घुमाने में मदद करता है. चोट और घाव से कार्टिलेज को हानि पहुंचती है, जिससे कार्टिलेज घिसने लगती है और घुटने में दर्द और सूजन की शिकायत (Causes For Knee Pain) हो सकती है. लेकिन इसके अलावा भी अन्य कई कारण हैं, जिनसे घुटनों में दर्द की समस्या होती है. मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर में ऑर्थोपेडिक सर्जरी के डायरेक्टर, डॉक्टर अमीत पिस्पति कुछ ऐसे कारण बता रहे हैं, जो जोड़ों या घुटने के दर्द के लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं.


मोटापा
अगर आप मोटापे के शिकार हैं तो आपके शरीर का वज़न आपके घुटनों का दुश्मन बन सकता है, क्योंकि जब शरीर का वज़न ज़्यादा होता है तो उसका पूरा भार पैरों पर आ जाता है. पैरों पर शरीर का पूरा भार आ जाने की वजह से घुटनों में दर्द की शिकायत (Causes For Knee Pain) होने लगती है.
पैरों में विकृति
जिन व्यक्तियों के पैर सीधे न होकर मुड़े हुए होते हैं तो ऐसी स्थिति में शरीर का भार घुटने की एक तरफ़ आ जाता है, जो घुटने में दर्द और गठिया का कारण बन सकता है. पैर की इस विकृति को दूर करने के लिए सर्जरी कराई जा सकती है. इससे घुटने में दर्द और गठिया होने की संभावना को कम किया जा सकता है.
व्यवसाय
जो दिनभर घुटने टेककर या पालथी मारकर काम करते हैं, उन्हें घुटनों में दर्द होने का ख़तरा अधिक होता है. कारपेंटर और प्लंबर्स इस श्रेणी में आते हैं इसलिए उन्हें घुटने के दर्द की आशंका दूसरों के मुकाबले ज़्यादा होती है. इसके अलावा ज़मीन पर बैठकर बच्चों को पढ़ानेवाले बालवाड़ी के शिक्षक भी घुटने के दर्द के शिकार(Causes For Knee Pain) हो सकते हैं, लेकिन फिज़ियोथैरेपी और एक्सरसाइज़ की मदद से इस समस्या से थोड़ी राहत पाई जा
सकती है.
इंफेक्शन
टीबी और बैक्टीरियल इंफेक्शन आपके घुटने को डैमेज कर सकता है. जिसके चलते घुटने में असहनीय दर्द, सूजन और अकड़न हो सकती है. इंफेक्शन से घुटनों में होनेवाले दर्द के कारण पीड़ित को चलने-फिरने में काफ़ी दिक्कत पेश आती है. इंफेक्शन से होनेवाले घुटने के दर्द का कारण जानने के लिए
ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, एमआरआई स्कैन कराना पड़ता है.
इंफ्लेमेशन
रूमेटॉइड आर्थराइटिस (ठहर्शीारींेळव), सोरिएटिक आर्थराइटिस (झीेीळरींळल) एंकीलूज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस और गठिया के कारण घुटनों में सूजन हो सकती है. दवाओं की मदद से इन बीमारियों को ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर घुटने ज़्यादा क्षतिग्रस्त हो जाएं तो सर्जरी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता. आधुनिक चिकित्सा तकनीक की मदद से सर्जरी करवाकर मरीज़ 3 दिन में घर वापस आ सकता है और सामान्य तरी़के से जीवन जी सकता है.
ट्यूमर
घुटनों में सूजन और असहनीय दर्द के लिए कभी-कभी कैंसरकारक ट्यूमर भी ज़िम्मेदार हो सकते हैं. ट्यूमर से होनेवाले घुटनों के दर्द(Causes For Knee Pain) से निजात पाने के लिए एक्स-रे, एमआरआई स्कैन, बायोप्सी और सर्जरी कराने तक की ज़रूरत पड़ सकती है.
खेलकूद
खेलकूद वैसे तो शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है लेकिन खेलकूद में एक ही तरह की एक्टीविटी बार-बार दोहराने की वजह से कार्टिलेज पर दबाव पड़ता है. ख़राब सतह या ट्रेडमिल पर दौड़ने के कारण घुटनों में दर्द की शिकायत(Causes For Knee Pain) हो सकती है. इससे बचाव के लिए फिज़ियोथैरेपी और शारीरिक गतिविधियों में बदलाव करना बेहतर होगा.

ये भी पढ़ेंः जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाने के 20 सुपर इफेक्टिव घरेलू उपाय

जिम
35 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति अगर जिम में ट्रेडमिल पर दौड़ते हैं, पलथी मारकर बैठते हैं और छलांग लगाने की प्रैक्टिस करते हैं तो इससे उनके घुटने में तकलीफ़ हो सकती है. इसलिए 35 साल की उम्र के
बाद एक्सरसाइज़ करते वक़्त सावधानी बरतनी चाहिए.
ओस्टियोकॉन्ड्रिटिस डिस्केन्स
ओस्टियोकॉन्ड्रिटिस डिस्केन्स एक ऐसी अवस्था है, जिसमें घुटने के कार्टिलेज डैमेज होकर टुकड़ों में तब्दील हो जाते हैं. कार्टिलेज के ये टुकड़े घुटनों में ही घूमते रहते हैं जिससे घुटने लॉक होने लगते हैं और उसमें दर्द होता है. इसके इलाज के लिए ऑपरेशन कराना पड़ता है, जिसे ऑर्थ्रोस्कोपी कहा जाता है. ऑपरेशन के दौरान कई बार कार्टिलेज के टुकड़ों को निकाल दिया जाता है या फिर उसे दोबारा फिक्स करके घुटनों को क्लीन किया जाता है.
ओस्टियोआर्थराइटिस
कार्टिलेज के डैमेज होने और दर्द के साथ घुटनों में अकड़न होने की स्थिति को ही ओस्टियोआर्थराइटिस कहते हैं. वज़न को नियंत्रित करके, फिज़ियोथैरेपी और दवाइयों की मदद से इस समस्या पर काफ़ी हद तक क़ाबू पाया जा सकता है. अगर आपके घुटने डैमेज हो गए हैं तो फिर घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी भी करानी पड़ सकती है.

जीवनशैली में करें ये बदलाव
घुटने का दर्द कोई रोग नहीं है. बस, यह एक शारीरिक पीड़ा है. इससे डरने की ज़रूरत नहीं है. इसका इलाज और समाधान दोनों ही मौजूद हैं, लेकिन इसके साथ ही आपको अपने लाइफ स्टाइल में थोड़ा परिवर्तन लाने की आवश्यकता है.

1- अपने भोजन में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाएं. लो फैट मिल्क, डेयरी प्रोडक्ट्स, बादाम, सोया और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों को अपने आहार में शामिल करें.
2- सूर्य के प्रकाश को विटामिन डी का स्रोत माना जाता है. सुबह के वक़्त की सूर्य की किरणें जब शरीर पर पड़ती हैं तो शरीर मज़बूत होता है. शरीर में विटामिन डी की कमी न हो इसके लिए कुछ समय सुबह की धूप में बिताएं व अंडे का सेवन करें.
3- अगर वज़न ज़्यादा है तो उसे कंट्रोल करने की दिशा में सकारात्मक क़दम उठाएं. इसके लिए अच्छी डायट और एक्सरसाइज़ की मदद लें.
4- बालू वाली सतह पर या मुलायम सतह पर जॉगिंग या रनिंग करें. अगर घुटनों में तकलीफ़ है तो पलथी मारकर बैठने, छलांग लगाने और ट्रेडमिल पर दौड़ने से परहेज़ करें.
5- अगर आपके घुटनों में लगातार 4 हफ़्तों से दर्द और सूजन बरक़रार है तो फिर इसे हल्के में न लें और ऑर्थोपेडिक सर्जन से परामर्श करें.
करें यह आसान एक्सरसाइज़
एक्सरसाइज़ की मदद से आप अपने घुटनों के दर्द पर कुछ हद तक क़ाबू पा सकते हैं. इसके लिए साइकिल के टायर का एक ट्यूब निकालकर उसे कुर्सी के आगे वाले दाहिने पैर में फंसाएं. उसके बाद ख़ुद उस कुर्सी पर बैठ जाएं और उस ट्यूब के भीतर अपना दाहिना पैर डालें. अब साइकिल ट्यूब को स्ट्रेच करते हुए अपने पैर को ऊपर की ओर उठाएं और अपने पैर को एक-दो मिनट के लिए इसी स्थिति में रखें, फिर धीरे-धीरे अपने पैर नीचे की ओर पहली वाली स्थिति में लेकर आएं. दाहिने पैर का यह एक्सरसाइज़ जब पूरा हो जाए तो इस प्रक्रिया को बाएं पैर के लिए दोहराएं. यह एक्सरसाइज़ बेहद आसान है. घुटनों में तकलीफ़ होने पर यह एक्सरसाइज़ दिन में दो बार 10-15 बार दोहराएं.

ये भी पढ़ेंः आर्थराइटिस से जुड़े 10 मिथकों की सच्चाई

Shilpi Sharma

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