ख़ूबसूरत और स्टाइलिश घर की चाह भला किसे नहीं होती. इसके लिए लोग तरह-तरह के चीज़ों से घर को सजाने लगते हैं, लेकिन कई बार होम डेकोर में वे कुछ ऐसी ग़लतियां भी कर देते हैं, जिनसे घर की ख़ूबसूरती प्रभावित होती है. इसी विषय पर हमें इंटीरियर डिज़ाइनर एकांश बंसल ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं.
* घर का डेकोर बदलने से पहले यह देख लें कि आप किस तरह ज़्यादा से ज़्यादा जगहों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
* घर की पेंटिंग और लाइटिंग अरेंजमेंट किस तरह की होनी चाहिए. कभी भी अपनी पसंद की सभी चीज़ों को एक ही कमरे में सजा देने की भूल न करें.
* दीवारों पर ब्राइट कलर्स न लगाएं. इसकी बजाय नेचुरल कलर्स का इस्तेमाल करें, जैसे- बेज या क्रीम.
* किसी भी तरह का मोज़ैक टाइल्स रूम के किसी भी दीवार पर न लगाएं.
* कई लोग मैग्ज़ीन में छपे इंटीरियर डेकोरेशन को देख उसी तरह की डेकोरेशन करने की सोचते हैं. ऐसा न करें. अपने घर के आकार और ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए होम डेकोर करें.
* सीलिंग के मामले में अक्सर लोग ग़लतियां करते हैं, जैसे- सीलिंग लो हो या बहुत ही हाई, दोनों ही स्थितियों में होम डेकोर के हिसाब से ख़राब लगता है. ऐसे में यदि कमरे की छत नीची है, तो कमरे का आकार बड़ा दिखाने के लिए आप ग्लास के दरवाज़े लगा सकते हैं. इसी तरह यदि सीलिंग बहुत ऊंची है, तो वह देखने में बहुत अजीब लगती है. इसके लिए कमरे में बड़ी-बड़ी लाइटें या झूमर लटका देते हैं, जिससे ऐसा लगता है कि हमारे सिर के ऊपर कोई बोझ लटका हुआ है. इन सबसे बेहतर यही होगा कि फॉल्स सीलिंग बनाई जाए.
* पूरी दीवार को पेंटिंग्स या आर्ट वर्क न सजाएं. ब्राइट और लाइवली आर्ट वर्क दीवार के बीचोंबीच लगाएं यानी सेंटर प्लेस पर.
* फ्लोर छोटा है, तो दीवारों पर डार्क कलर करने की भूल न करें, इससे फ्लोर और छोटा नज़र आएगा.
* आपने बहुत स्टाइलिश फर्नीचर से घर को सजा तो दिया, लेकिन वे फर्नीचर्स कंफर्टेबल न हो, तो ऐसे फर्नीचर का कोई औचित्य नहीं है.
* ड्रॉइंगरूम में शोपीस का ढेर न लगा दें. फर्नीचर के अलावा शोपीस कॉफी टेबल या फिर साइड टेबल पर लगाएं.
* घर की खिड़कियां बड़ी हैं, तो उन्हें लैमीनेटेड ग्लास पेन्ट से कवर करने की ग़लती न करें. इसकी बजाय ग्रिल्स का इस्तेमाल करें. इससे जहां कमरे को एथनिक लुक मिलेगा, वहीं फ्रेश हवा भी कमरे में आएगी.
* कमरों को छोटे-छोटे चीज़ों से न भर दें. बहुत अधिक छोटे सामानों से रूम बहुत भरा-भरा लगता है.
* कभी भी दीवारों पर पेंटिंग बहुत ऊंचाई पर न लगाएं. इसे लगाने से पहले दीवार के सामने बैठकर देख लेें और एक निश्चित ऊंचाई पर इसे लगाएं.
* छोटे कमरे में रखा गया बड़ा सोफा इंटीरियर के अनुसार बहुत बड़ी ग़लती है. ग़लत तरी़के से रखा गया फर्नीचर घर के शो को बिगाड़ देता है. एक बड़े सोफे के साथ छोटा-सा साइड टेबल भी अच्छा नहीं लगता.
* बड़े पैटर्नवाले कारपेट की बजाय कमरे में छोटे पैटर्नवाले कारपेट बिछाएं, इससे कमरा बड़ा दिखेगा. इसके अलावा छोटे कारपेट से भी कमरे बड़े दिखते हैं.
* दीवारों पर एक ही कलर के अलग-अलग शेड्स का इस्तेमाल न करें, जैसे- सीलिंग पर अगर इंडिगो कलर लगा रहे हैं, तो एक तरफ़ की दीवार पर हल्का नीला रंग करें.
* कमरे की हर चीज़ एक-दूसरे से अधिक मैच करने की ग़लती न करें, जैसे- सोफे, पर्दे, कारपेट, लैंपशेड आदि मैचिंग करने पर अधिक ज़ोर न दें. वरना हर चीज़ एक ही शैली व रंगों में दिखाई देगी, जो होम डेकोर के हिसाब से ठीक नहीं होगा.
* यदि स्ट्रेटलाइन सोफा वेलवेट रेड कलर का है, तो उसके साथ कश्मीरी कारपेट नहीं जाएगा.
* कई लोग ड्रॉइंगरूम को ट्रेंडी और आकर्षक दिखाने के लिए डेकोरेटिव पीसेस, बड़े-बड़े शैंडेलेयसर्र्, पेंटिंग्स, प्लांट्स, फोटोफ्रेम आदि से भर देते हैं. इससे कमरा ख़ूबसूरत दिखने की बजाय म्यूज़ियम लगने लगता है.
* आप घर को कैसा लुक देना चाहते हैं, उसी के अनुसार ही होम डेकोर के सामान ख़रीदें, जैसे- एथनिक लुक, फ्यूज़न लुक देना चाह रहे हैं, तो उसी के अनुसार सही कॉम्बीनेशन की चीज़ें इस्तेमाल करें.
* बच्चों के कमरों को बहुत अधिक खिलौनों से न भर दें. इससे जहां बच्चे का कमरा छोटा दिखाई देगा, वहीं इन्हें रखने-हटाने में भी मुश्किलें आएंगी.
* डायनिंग रूम में क्रॉकरी को सजाकर न रखें, वरना मेहमानों के आने पर क्रॉकरी को डायनिंग रूम से किचन में ले जाना पड़ता है, जो ठीक नहीं लगता. वैसे भी क्रॉकरी कोई रूम को सजाने की वस्तु नहीं है, इसलिए इसे किचन में ही रखें, तो बेहतर है.
* यदि रूम की सीलिंग नीची है और उसे रूम की दीवारों के कलर से अधिक डार्क कलर से पेंट करा दिया है, तो वो और अधिक नीची लगेगी. सीलिंग को ऊंचा दिखाने के लिए लाइट कलर का इस्तेमाल करें.
* इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, जैसे- एलसीडी टीवी, म्यूज़िक सिस्टम आदि के कई वायर्स होते हैं. इन वायरों को बाहर की तरफ़ बिखरा हुआ न रहने दें. इसके लिए टीवी पैनल बनाए जाते हैं, उसमें इसे छिपाकर रखा जा सकता है.
* बाथरूम में फ्लैशी हाइलाइटर्स अवॉइड करना चाहिए. बेडरूम को स्टोर रूम बनाने की ग़लती न करें. बेड के क़रीब ग़ैरज़रूरी चीज़ें या बुक्स आदि का ढेर न रखें.
* मिरर को बेड की ओर मुंह करके न रखें. फ्लोरिंग के लिए ज्योमैट्रिकल डिज़ाइन का इस्तेमाल करना ग़लत है. जहां इस तरह के डिज़ाइन्स आंखों में चुभते हैं, वहीं रूम भी भरा-भरा लगता है.
* साथ ही इस तरह की फ्लोरिंग के साथ फर्नीचर मैच करना बहुत मुश्किल हो जाता है.
* फिर भी यदि आप फ्लोरिंग के लिए ज्योमैट्रिकल डिज़ाइन्स इस्तेमाल करना ही चाहते हैं, तो फर्नीचर बहुत ही लाइट व स्लीक वाले इस्तेमाल करें.
* बेडरूम में डल कलर से पेेंट न कराएं. स़फेद रंग या ऑफ व्हाइट जैसे लाइट कलर एंग्ज़ाइटी व डिप्रेशन पैदा कर सकते हैं.
* साथ ही बेडरूम की दीवारों पर गहरे रंग भी न लगाएं. इसकी बजाय पिंक, पेस्टल या पेल शेड्स सिलेक्ट करें.
* डेकोरेशन में झालर व डोरियां लगाने से बचें, क्योंकि इनका अन्य डेकोरेशन के साथ तालमेल बैठाना मुश्किल होता है.
* ड्रेसिंग टेबल और स्टडी टेबल पर डिम लाइट न लगाएं. यहां हमेशा अच्छी रोशनी होनी चाहिए.
* लाइटिंग अरेंजमेंट ऐसा हो, जो आंखों पर चुभे नहीं, बल्कि आराम पहुंचाए. अतः हर कमरे की ज़रूरत के अनुसार लाइटिंग
अरेंजमेंट करें.
* बच्चों के कमरे में बहुत ज़्यादा डेकोरेटिव लाइट का इस्तेमाल न करें. इससे पढ़ते व़क्त उनकी आंखों पर तनाव बढ़ता है और चिड़चिड़ापन भी आता है.
* कभी भी बासी फूलों को कमरे में न रखें. डेकोरेशन के लिए जब भी फूलों का इस्तेमाल करें, तो फ्रेश फ्लावर्स ही लें. फ्रेश फ्लावर्स जहां नकारात्मक ऊर्जा को घर से बाहर निकालने में सहायक होते हैं, वहीं घर के सदस्यों के लिए एनर्जी बूस्टर का काम भी करते हैं.
* बाथरूम में मिरर टाइल्स न लगवाएं. बेडरूम में मेटल फ्रेम वाले बेड की बजाय वुडन बेड का इस्तेमाल करें.
* बेड के पिलो और मैट्रेस न ज़्यादा कड़े होने चाहिए और न ही ज़्यादा नरम. बेड पर बिछाने के लिए भी कॉटन फैब्रिकवाला बेडशीट चुनें. यह बेहद आरामदायक होता है.
* अक्सर लोग बेडरूम या टॉयलेट्स जैसी ज़रूरी चीज़ों की तुलना में लॉबी यानी खाली स्पेस को ज़्यादा बड़ा रखते हैं. जबकि ऐसा करना जगह की बर्बादी करना है.
* बेड बिना किसी सहारे के न रखें, बेड को दीवार से सटाकर रखें. यानी आपके बेड के पीछे दीवार होनी चाहिए. बेड कवर, बेडशीट और पिलो कवर्स के लिए नेचुरल फैब्रिक्स का प्रयोग करें.
* ऐसे में खाली जगह होने पर कई बार वहां पर वॉशिंग मशीन, बच्चों के खिलौनों की टोकरी, साइकिल या फिर प्रेस के लिए जानेवाले कपड़ों की पोटली आदि रख देते हैं. ऐसी ग़लती न करें. इस जगह को स्टोरेज बनाने की बजाय यहां क्लासिक डेकोरेटिव चीज़ें रखकर घर का ख़ास आकर्षण बना सकते हैं.
– रीटा गुप्ता
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