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Adipurush: मनोज मुन्तशिर ने किया ‘आदिपुरुष’ के रावण का बचाव, बोले- ‘कौन सा खिलजी तिलक धारण करता है, कौन सा खिलजी जनेऊ पहनता है, हमारे रावण ने किया है’ (Manoj Muntashir defends Ravan Of Adipurush, Says- Do Khilji wears Janeu, do Khilji applies Tilak, Our Ravan has done this all)

प्रभास (Prabhas), सैफ अली खान (Saif Ali Khan) और कृति सेनन (Kriti Sanon) की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘आदिपुरुष’ (Adipurush) को लेकर चारों तरफ बवाल मचा हुआ है. लोगों को सबसे ज़्यादा गुस्सा फिल्म में सैफ के रावण लुक को देखकर आ रहा है, जिसके लिए सैफ और फिल्म के डायरेक्टर ओम राउत को जमकर ट्रोल किया जा रहा है. अब ‘आदिपुरुष’ के डायलॉग राइटर मनोज मुन्ताशिर ने इस पूरे विवाद के बचाव में सामने आए हैं और इस फिल्म, इसमें रावण के किरदार को लेकर काफी कुछ कहा है. मनोज का ये भी कहना है कि अगर रावण का चेहरा खिलजी से मिलता है तो क्या बुराई नहीं है.

अलाउद्दीन ख़िलजी इस दौर की बुराई का चेहरा है. रावण भी बुराई का चेहरा है


इस फिल्म में लम्बी दाढ़ी और मॉडर्न हेयरकट वाले रावण और बिना मूंछो वाले हनुमान ती को देखकर लोग कह रहे हैं कि मेकर ने रामायण के पात्रों का इस्लामीकरण कर दिया है. इस पर अपनी बात रखते हुए मनोज मुन्तशिर ने कहा, “1 मिनट 35 सेकंड का टीजर देखें, उसमें रावण ने त्रिपुंडी लगाया हुआ है. कौन सा खिलजी त्रिपुंडी लगाता है. कौन सा खिलजी तिलक धारण करता है. कौन सा खिलजी जनेऊ पहनता है और कौन सा खिलजी रुद्राक्ष धारण करता है. हमारे रावण ने 1 मिनट 35 सेकंड के टीजर में किया हुआ है. ये तो जो आपने देखा है, उसकी बात कर रहा हूं, बाकी तो बहुत कुछ दिखाने को है, जो लोगों ने देखा नहीं है. इसलिए कह रहा हूं कि जब फिल्म आएगी तो वो सब देखना. दूसरी बात कि हर युग की बुराई का अपना चेहरा होता है. रावण मेरे लिए बुराई का चेहरा है, अलाउद्दीन खिलजी इस दौर के बुराई का चेहरा है और अगर रावण का चेहरा उससे मिलता-जुलता भी है तो कोई बुराई नहीं है इसमें. हालांकि हमने इंटेंशनली ऐसा नहीं किया है.”

‘मेरी बात सुनकर ओम राउत कुर्सी से खड़े हो गए और बोले, सर सीता मेरी मां हैं और उन्हें कोई भी छू नहीं सकता

मनोज मुन्तशीर ने डायरेक्टर ओम राउत की तारीफ करते हुए आगे कहा, “हम ऐसे देश से आते हैं जहां श्रीराम का नाम लेते ही सिर श्रद्धा से झुक जाता है और झुकना ही चाहिए. भगवान श्रीराम को लेकर लोगों की भावनाएं थोड़ी सी उग्र हैं और वह होनी भी चाहिए. लेकिन हम इतना ही कहना चाहते हैं कि इस फिल्म से ओम राउत जुड़े हैं, जिन्होंने ‘तानाजी’ जैसी फिल्म बनाई. इस बात को भी छोड़िए. ओम राउत ने सीता हरण को जिस तरह से दिखाया है, उसे देखकर मैं दंग रह गया. मैंने देखा कि रावण मां सीता का हरण कर रहा है लेकिन एक क्षण के लिए भी उन्हें स्पर्श नहीं करता. वह उनका माया से हरण करता है. मैंने ओम से पूछा कि मैंने इस बारे में तो कभी सोचा ही नहीं क्योंकि हमने पहले जब भी सीता हरण देखा है तो उसमें रावण द्वारा हाथ पकड़कर उन्हें खींचकर ले जाते देखा है. मेरी बात सुनकर ओम राउत कुर्सी से खड़े हो गए और बोले, “सर वो मेरी मां हैं और उन्हें कोई भी छू नहीं सकता. तो ये अप्रोच है एक मेकर का. इससे ज़्यादा और क्या कहूं मैं.”

जूते बाहर निकालकर लिखते थे फिल्म का डायलॉग

मनोज ने यह भी बताया कि जब भी वो इस फिल्म का डायलॉग लिखते थे तो जूते नहीं पहनते थे. ” यह मेरी 70वीं फिल्म है, जिसका मैंने डायलॉग लिखा है. ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है कि जिस ऑफिस में मैं डायलॉग लिखता था, वहां अपने जूते बाहर खोलकर आया करता था.”

जिस दिन लोग हमारी नियत समझ लेंगे वो हमारी फिल्म का सपोर्ट करेंगे

मनोज मुन्तशिर ने आगे कहा, “ये फिल्म एक मौका है, एक अवसर है भगवान श्रीराम की कहानी नई पीढ़ी, नई जेनरेशन तक पहुंचाने का. मुझे हिन्दू जनमानस पर विश्वास है, मैं जानता हूं कि जिस दिन उनको हमारी नियत, हमारा उद्देश्य समझ आ जायेगा, वो खुद हमारी फिल्म का समर्थन करेंगे.”

मनोज मुन्तशिर ने इस इंटरव्यू का क्लिप ट्विटर पर शेयर किया है और आदिपुरुष के विवाद पर बात की हैं. आप भी देखें उनका ये इंटरव्यू क्लिप:

Pratibha Tiwari

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