Categories: Top Stories

क्यों जरूरी है गणपति बाप्पा का विसर्जन: जानें विसर्जन की विधि, शुभ मुहूर्त और विसर्जन से जुड़ी कथा (Anant Chaturdashi 2020: Know The Shubh Muhurat, Pooja Vidhi For Ganpati Visarjan)

आज 1 सितंबर यानी अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बाप्पा का विसर्जन किया जाएगा. गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी को घर में श्रद्धाभाव से गाजे बाजे के साथ लोग अपने घर पर लाते हैं, 10 दिन तक भगवान गणेश को घर में स्थापित कर उनकी पूजा करते हैं. गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक इस पर्व को गणेश महोत्सव के रूप में मनाया जाता है. 11वें दिन गणपति बप्पा का धूमधाम से विसर्जन कर उन्हें विदाई दी जाती है. माना जाता है कि बिना विसर्जन बप्पा की पूजा पूरी नहीं होती है. ऐसे में विधिवत विसर्जन करना बेहद ज़रूरी है.



सरकारी गाइडलाइंस का पालन करें
कोरोना संक्रमण की वजह से चूंकि सरकार ने गणपति विसर्जन के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं, इसलिए ध्यान रखें कि पूजा की सारी विधियां घर पर ही संपन्न कर लें और बाप्पा को विधिवत विदाई दें.

बप्पा को ऐसे दें विदाई


बप्पा को विदा करने से पूर्व विधि पूर्वक पूजा करें. विसर्जन से पहले भगवान को मोदक और उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं. अगले वर्ष पुन: घर आने की विनती करें. 10 दिनों में उनकी पूजा-अर्चना में कोई भूल हो गई है तो उसके लिए माफी मांगें. सुख-समृद्धि और बुद्धि प्रदान करने की प्रार्थना करें. नियमों का पालन करते हुए विसर्जन करें.

गणेश विसर्जन विधि
सुबह स्नानादि करने के बाद भगवान गणेश की पूजा करें. गणेश विसर्जन से पूर्व गणेश मंत्र और गणेश आरती का पाठ करें. पूजा स्थल पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं. इसके बाद शुभ मुहूर्त में गणेश विसर्जन करें.


गणेश विसर्जन के शुभ मुहूर्त
प्रात:काल मुहूर्त: सुबह 09:10 बजे से दोपहर 01:56 बजे तक
गणेश विसर्जन दोपहर का मुहूर्त: दोपहर 15:32 बजे से शाम 17:07 बजे तक
गणेश विसर्जन शाम का मुहूर्त: शाम 20:07 बजे से 21:32 बजे तक
गणेश विसर्जन रात्रिकाल मुहूर्त: रात्रि 22:56 बजे से सुबह 03:10 बजे तक है.


क्यों करते हैं बाप्पा का विसर्जन?
बिना विसर्जन बप्पा की पूजा पूरी नहीं होती है. ऐसे में विसर्जन करना बेहद ज़रूरी है. आखिर विसर्जन ज़रूरी क्यों है, तो चलिए जानते हैं इसकी पीछे की कहानी. विसर्जन के पीछे दो कहानियां प्रचलित हैं.

जल तत्व के आधिपति हैं गणपति
पहली मान्यता के अनुसार भगवान गणेश को जल तत्व का अधिपति कहा जाता है, इसलिए अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणपति की पूजा अर्चना के बाद उन्हें वापस जल में विसर्जित कर देते हैं. यानि वो जहां के अधिपति हैं उन्हें वहां पर उन्हें पहुंचा दिया जाता है.


महाभारत से जुड़ी है कहानी

पुराणों के अनुसार विसर्जन से अन्य कहानी भी जुड़ी है. पुराणों में कहा गया है कि श्री वेद व्यास जी ने गणपति जी को गणेश चतुर्थी से महाभारत की कथा सुनानी शुरू की थी और गणपति उसे लिख रहे थे. इस दौरान व्यास जी ने अपनी आंख बंद कर ली और लगातार 10 दिनों तक कथा सुनाते गए और गणपति जी लिखते गए. 10 दिन बाद जब व्यास जी ने अपनी आंखें खोलीं तो उस समय गणेश जी के शरीर का तापमान बेहद बढ़ गया था. गणेश जी के शरीर को ठंडा करने के लिए वेदव्यास जी ने उनसे जल में डुबकी लगवाई जिसके बाद उनका शरीर शांत हो गया. तभी से मान्‍यता है कि गणेश जी को शीतल करने के लिए उनका विसर्जन करते हैं.

Meri Saheli Team

Share
Published by
Meri Saheli Team

Recent Posts

‘पीकू’ की दोबारा रिलीज़ पर इमोशनल नोट के साथ दीपिका पादुकोण ने इरफान खान को याद किया… (Deepika Padukone remembers Irrfan Khan with an emotional note on the re-release of ‘Piku’…)

अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण, इरफान खान स्टारर फिल्म ‘पीकू’ साल 2015 में आई थी. पिता-पुत्री…

April 19, 2025

कहानी- आसमान साफ़ है (Short Story- Aasman Saaf Hai)

"हमेशा अपने बच्चों की मां बनकर जीने के अलावा नारी को कभी-कभी अपने पति की…

April 19, 2025
© Merisaheli