आर्यन खान ड्रग केस: कम मात्रा में ड्रग लेनेवालों को न भेजा जाए जेल, सामाजिक न्याय मंत्रालय ने की सिफारिश (Avoid Jail For Small Quantity Users, Send Them To Rehabilitation Centre: Recommends Social justice ministry)

जब से शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को मुम्बई क्रूज़ ड्रग केस में आर्थर रोड जेल भेज दिया गया है, तब से देश में कई तरह की बहस शुरू हो गई है. कई लोग विदेशों की तरह कम मात्रा में ड्रग के सेवन को लीगल करने की मांग कर रहे हैं, तो कुछ लोग नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS Act) एक्‍ट में बदलाव करने की मांग भी कर रहे हैं और अब ऐसी ही मांग सामाजिक न्याय मंत्रालय ने भी की है.

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश में ड्रग्‍स यूज़र्स को कानून में ढील देने की सिफारिश की है और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS Act) एक्‍ट की समीक्षा करने की अपील की है. सामाजिक न्याय मंत्रालय ने इस मामले में कुछ सुझाव भी दिए हैं और ड्रग्‍स लेने वाले व इसके आदी लोगों को जेल की बजाय उनके साथ मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की सिफारिश की है.

कुछ दिनों पहले सामाजिक न्याय मंत्रालय ने एक सिफारिश भेजी है, जिसमें निजी इस्‍तेमाल के लिए कम मात्रा में ड्रग्‍स रखने को अपराध की श्रेणी से मुक्त करने की मांग की है. इसके लिए मंत्रालय ने एनडीपीएस एक्‍ट में संशोधन का सुझाव दिया है, ताकि उन लोगों का इलाज किया जा सके जो ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं या पीड़ितों के रूप में ड्रग्‍स पर निर्भर हैं. इस सिफारिश में कहा गया है कि ऐसे लोगों को जेल की सज़ा देने की बजाय रिहैबिलिटेशन सेंटर भेजा जाना चाहिए, ताकि उन्हें सुधारा जा सके.

दरअसल भारत में नशीले पदार्थों का सेवन या उनको पास में रखना क्रिमिनल ऑफेंस है. एनडीपीएस एक्‍ट की धारा 27 में किसी भी नशीले पदार्थ या साइकोट्रोपिक पदार्थ के सेवन के लिए एक साल तक की कैद या 20,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. यह धारा ड्रग्‍स एडिक्ट लोगों, पहली बार ड्रग्‍स लेने वालों और यूं ही शौकिया लेने वालों के बीच कोई अंतर नहीं करती है. इसलिए इसमें संशोधन की मांग की जा रही है.

एनडीपीएस एक्‍ट की धारा 27 का इस्तेमाल कई हाई-प्रोफाइल मामलों में किया गया है. शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी भी ऐसे ही मामलों में से एक है. इसलिए सोशल जस्टिस मिनिस्ट्री ने सुझाव दिया है कि कानून कम मात्रा यानी केवल निजी इस्‍तेमाल के लिए ड्रग्स के साथ पकड़े गए लोगों को जेल की सजा से बाहर किया जाए और उन्हें रिहैबिलिटेशन सेंटर भेजा जाए.

बता दें कि आर्यन की ड्रग केस में गिरफ्तारी, उन्हें 20 दिन से ज़्यादा समय से आर्थर रोड जेल में रखें जाने और बार-बार उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद शाहरुख खान के फैंस, सेलेब्स, लीगल एक्सपर्ट और सोशलिस्ट इस बात को लेकर नाराज़गी ज़ाहिर कर रहे हैं कि जब आर्यन के पास से ड्रग्स बरामद हुई ही नहीं, तो उन्हें जमानत क्यों नहिं दी जा रही. ये भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि आज जबकि सरेआम आम लोग भी ड्रग्स को भी ड्रग्स उपलब्ध हो रहा है और वो धड़ल्ले से ड्रग्स का सेवन कर रहे हैं. तो सिर्फ सेलेब्रिटी को निशाना बनाकर ड्रग का मुद्दा कैसे सुलझेगा. साथ ही लोग आर्यन को जेल भेजने का भी विरोध कर रहे हैं.

Pratibha Tiwari

Recent Posts

फिल्म समीक्षाः मेट्रो… इन दिनों- रिश्ते और प्यार से जूझती रोमांटिक म्यूज़िकल जर्नी… (Movie Review: Metro… In Dino)

रेटिंग: *** अनुराग बसु रिश्ते के ताने-बाने की गहराई को बख़ूबी समझते हैं और अपने…

July 4, 2025

पहला अफेयर- तीन दिवसीय प्यार! (Love Story- Teen Divasiy Pyar)

वो मोहित के स्टेशन आने की ख़ुशी और बिछड़ने के ग़म दोनों को शब्द नहीं…

July 4, 2025

कहानी- आपने कहा था (Short Story- Aapne Kaha Tha)

सांत्वना सिसक पड़ी. एक पल को चुप रह कर अविनाश ने कहा, "सांत्वना, आज से…

July 4, 2025
© Merisaheli