डॉक्टर, इंजीनियर से अलग कुछ और बनने की चाह मन में है, तो स्पेशल एज्युकेशन में करियर बनाना आपके लिए बेहतर विकल्प होगा. इसकी डिमांड भी लगातार बढ़ रही है. स्पेशल टीचिंग में आप किस तरह अपना करियर बना सकते हैैंं? जानने के लिए हमने बात की करियर काउंसलर मालिनी शाह से.
स्पेशल टीचर बनने के लिए आवश्यक गुण
स्पेशल बच्चों को शिक्षित करना आसान काम नहीं है. इस तरह के बच्चों को बहुत ज़्यादा प्यार और समय की ज़रूरत होती है. ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए अच्छा दिमाग़ ही नहीं, दिल भी चाहिए. स्पेशल टीचर बनने के लिए इन चीज़ों की ज़रूरत होती हैः
शैक्षणिक योग्यता
स्पेशल एज्युकेशन में बीएड.
इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए बारहवीं तक के विषयों में साइकोलॉजी सब्जेक्ट अनिवार्य है.
रिमीडियल एज्युकेशन में ग्रैज्युएशन और पोस्ट-ग्रैज्युएशन डिप्लोमा होना अनिवार्य है.
कम से कम स्पेशल एज्युकेशन टीचिंग प्रोग्राम में ग्रैज्युएशन करना अनिवार्य है.
कई राज्यों में स़िर्फ मास्टर डिग्री से भी काम चल जाता है.
कई राज्यों में बीए के बाद स्पेशल टीचिंग के समतुल्य कुछ कोर्सेस कराए जाते हैं.
अपने आप से पूछें सवाल
इस क्षेत्र में आगे बढ़ने से पहले अपने आप से निम्न सवाल ज़रूर पूछें. अगर इनका उत्तर आपको हां में मिलता है, तो बिना देर किए इस क्षेत्र में आगे बढ़ जाइए.
स्पेशल चिल्ड्रेन को कैसे करें हैंडल?
स्पेशल चिल्ड्रेन को पढ़ाते समय आप उन्हें स़िर्फ शिक्षा नहीं, बल्कि बहुत-सी ऐसी बातें भी सिखाते हैं, जो उन्हें पहले से पता नहीं होतीं. ऐसे बच्चों की क्लास में जाने से पहले इन बातों पर ज़रूर ग़ौर करेंः
स्टूडेंट्स के मेंटल हेल्थ के बारे में जानें
आम बच्चों की तरह स्पेशल चिल्ड्रेन क्लास में आसानी से सब कुछ सीखने के लिए तैयार नहीं रहते. ऐसे में कई बार टीचर्स को काफी मेहनत करनी पड़ती है. ऐसे में जब तक आपको बच्चे के मानसिक संतुलन का सही पता नहीं चलेगा, आप उसके साथ न्याय नहीं कर पाएंगे.
बच्चों की क्षमता के अनुसार पढ़ाएं
शारीरिक और मानसिक बीमारियों से ग्रसित स्पेशल बच्चों को अचानक कुछ सिखाने से पहले उनकी क्षमता के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है, जैसे- एक घंटे में किसी विषय पर वो कितना ध्यान लगा सकते हैैं, किन बातों में उन्हें ज़्यादा मज़ा आ रहा है, किसी काम को करने में वो कितना समय लेते हैं? ऐसा करने से आपको बच्चों की सही स्थिति का ज्ञान होगा और उन्हें अच्छी शिक्षा देने में आप कामयाब होंगे.
ये न भूलें कि वो भी बच्चे हैं
ग़ुस्से में आकर कोई भी सज़ा देने से पहले इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि वो भी बच्चे हैं. उन्हें आपके सपोर्ट और प्यार की ज़रूरत है. आप पर ही उनके भविष्य की उम्मीद टिकी है.
बच्चों के पैरेंट्स से मिलें
स्पेशल टीचर बनने के लिए आपकी ज़िम्मेदारी स़िर्फ स्कूल तक सीमित नहीं रहती. सही मायने में आप ऐसे बच्चों के कम्प्लीट गाइड होते हैं. इन बच्चों में सुधार तभी संभव है, जब आपको इनकी वास्तविक स्थिति का ज्ञान हो. अतः जितना संभव हो इनके पैरेंट्स से मिलें और इनके बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानने की कोशिश करें.
चुनौतियां
शिक्षा से जुड़े दूसरे टीचर्स की अपेक्षा स्पेशल टीचर्स की राह बहुत कठिन है. इसमें हर कोई सफल नहीं हो पाता. क्या हैं वो चुनौतियां? आइए, जानते हैं.
मिशेल (फिल्म ब्लैक में रानी के क़िरदार का नाम) और झिलमिल (फिल्म बर्फी में प्रियंका चोपड़ा द्वारा निभाया गया क़िरदार) जैसे बच्चों को परिवार, समाज और अपने ही माता-पिता से कई बार उपेक्षा झेलनी पड़ती है. अपने ही घर में इनके साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है. घर के अन्य सामान्य बच्चों की अपेक्षा इन्हें कम तवज्जो दी जाती है. शिक्षा के माध्यम से ऐसे बच्चों को आम बच्चों की तरह जीवन जीने में मदद की जा सकती है. इसके लिए पढ़ाई का अच्छा माहौल और अच्छी टीचर का होना ज़रूरी है. स्पेशल टीचिंग में करियर बनाकर आप ऐसे बच्चों के जीवन को नई दिशा दे सकते हैं. इससे आपको जॉब सेटिस्फैक्शन के साथ ही समाज के लिए कुछ करने का मौक़ा भी मिलेगा.
– श्वेता सिंह
कैटरीना कैफ और विक्की कौशल हर त्योहार पूरे जोश, प्यार और उमंग-उत्साह के साथ मनाते…
होली रंगों का त्योहार है, जो हंसी-ख़ुशी और मस्ती से भरा होता है. लेकिन ये…
“राधिकाजी, आपको और सुननेवालों को नमस्कार! आज यहां आकर एक बहुत बड़ा सपना पूरा हो…
अपनी अपकमिंग फिल्म बी हैप्पी (Be Happy) के प्रमोशन के दौरान अभिषेक बच्चन ने इस…
देशभर में होली (Holi) का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. आम आदमी की…
Does the phrase ‘butterflies-in-my-stomach’ remind you of those breezy times that you spent with your…