बदलती लाइफस्टाइल के कारण आजकल कम उम्र में ही महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में आ रही हैं. इस ख़तरनाक बीमारी से बचाव के लिए हर उम्र में ब्रेस्ट की सही देखभाल कैसे की जानी चाहिए? जानने के लिए हमने बात की लीलावती हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रंजना धानू से.
20 की उम्र में
क्या पहनें?
इस उम्र में ब्रेस्ट का आकार आकर्षक होता है. इसमें कसाव भी अधिक होता है. दिन में ब्रेस्ट सपोर्टिव ब्रा एवं एक्सरसाइज़ करते समय स्पोर्ट्स ब्रा पहनें.
30 की उम्र में
प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट का साइज़ बढ़ जाता है एवं स्ट्रेच मार्क्स भी आ जाते हैं. प्रेग्नेंसी के बाद एक्सरसाइज़ करके वेट मेंटेन करें. जब तक स्तनपान करा रही हैं तब तक मैटरनिटी ब्रा पहनें, बाद में सपोर्टिव ब्रा पहनें.
40 की उम्र में
उम्र बढने के साथ साथ ब्रेस्ट के लोब्युल्स और मिल्क ग्लैंडस सिकुड़ने लगती है, जिससे स्तन शिथिल होकर लटक जाते हैं. पुशअप ब्रा पहने इससे ब्रेस्ट में कसाव दिखेगा. यदि स्थायी इलाज चाहती हैं तो सर्जिकल ब्रेस्ट लिफ्ट कराएं.
सूजन/लंप क्या है?
13% महिलाओं में इस तरह का लंप दिखाई देता है जो 1 या 2 से.मी. का होता है. इसे दबाने पर यह इधर उधर सरकता है. लगभग 50% महिलाओं में यह मेनोपॉज़ के दौरान अपने आप गायब हो जाता है.
स्तनपान कराने वाली हर तीसरी महिला को ब्रेस्ट में लाल लंप (सूजन) हो जाते हैं और दर्दनाक पीड़ा होती है. एंटीबायोटिक्स से इसका समाधान हो जाता है, परंतु कई बार सर्जिकल ड्रेनेज करवाना ज़रूरी होता है.
इस उम्र में शरीर मेनोपॉज के लिए तैयार हो रहा होता है. इसमें ओव्युलेशन के पहले काफ़ी मात्रा में एस्ट्रोजन हार्मोन बनता है. यही 1-2 इंच चौड़े तरल पदार्थ भरी सिस्ट के रूप में ब्रेस्ट में दिखाई देता है. कई मामलों में डॉक्टर इस तरल पदार्थ को निकाल देते हैं.
कैसे टेस्ट करें?
पीरियड्स के बाद स्वयं ब्रेस्ट परीक्षण करें. साल में 1 बार स्त्री रोग विशेषज्ञ से परीक्षण करवाएं.
महीने में 1 बार ख़ुद ब्रेस्ट परीक्षण करें. स्त्री रोग विशेषज्ञ से साल में एक बार जांच अवश्य करवाएं. यदि आपकी मां या बहन को ब्रेस्ट कैंसर था तो 35 वर्ष की उम्र में मेमोग्राम ज़रूर करवाएं.
महीने में 1 बार स्वयं व साल में 1 बार स्त्री रोग विशेषज्ञ से परीक्षण करवाएं. 40 साल की उम्र में पहला मेमोग्राम करवाएं. इसके बाद हर दूसरे साल इसे करवाएं.
ब्रेस्ट कैंसर रिस्क
100 में से 4
100 में से 6
100 में से 28
ब्रेस्ट का आकार
एसिमेट्रिक ब्रेस्ट
– अक्सर देखा गया है कि एक ब्रेस्ट दूसरे ब्रेस्ट की अपेक्षा आकार में बड़ा होता है, परंतु ऐसा होना सामान्य बात है. शरीर के अन्य अंगों की तरह दोनों ब्रेस्ट भी अलग-अलग अंगों की तरह विकसित होते हैं. दोनों ब्रेस्ट विभिन्न हार्मोन्स के साथ अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया देते हैं. जिससे दोनों ब्रेस्ट में टिशूज़ और फैट की मात्रा भी अलग होती है. इसलिए एक ब्रेस्ट दूसरे से बड़ा हो सकता है.
– यदि अचानक ही एक ब्रेस्ट आकार में दूसरे से बड़ा होने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि यह इंफेक्शन (संक्रमण) या प्यूमर का लक्षण हो सकता है.
ऑड (असंगत) ब्रेस्ट
– ब्रेस्ट का आकार नुकीला, गोलाकार चपटा या अजीब तरह का है तो इसमें घबराने की बात नहीं है. दरअसल, ब्रेस्ट का आकार महिलाओं के बॉडी टाइप और अनुवांशिकता पर निर्भर करता है.
– एक बात ध्यान रखें कि कोई भी ब्रेस्ट पूरी तरह नरम, मृदु व कोमल नहीं होता. इसमें लम्प्स पाए जाते हैं. कुछ ब्रेस्ट टाइप को फाइब्रो सिस्टक ब्रेस्ट कहते हैं. इसमें काफ़ी लम्प होते हैं, लेकिन यह नॉर्मल माना जाता है.
निपल का आकार
कई महिलाओं में निपल अंदर की ओर दबे हुए तो कुछ में बाहर ओर निकले हुए होते हैं. इनका आकार भी अनुवांशिक होता है. 5% महिलाओं के निपल इनवर्टेड होते हैं. यदि आपको ऐसा लगे कि निपल के आकार में अचानक परिवर्तन हो गया है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
सुषमा श्रीराव
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