हज़ारों जतन करती हूं मैं लाखों यतन करती हूं बहुत हंसती-हंसाती हूं मैं यूं ही मुस्कुराती हूं कभी सखियों के…
बड़ी ही ख़ूबसूरत लग रही थी वह स्त्री उसे देखते ही मेरी नज़रें, उसके चेहरे पर थम गई अपलक मैं…
मन को जो इतना मथा है हृदय में तेरे कितनी व्यथा है अब खोल दे बांहें यूं भर ना तू…
पृथ्वी घूमे धुरी पर, बदले दिन सँग रात।चक्कर काटे सूर्य के, शीत उष्ण बरसात। घेरे पृथ्वी को सदा, रेखाएँ हैं…
काश मैं दे पातातुम्हें वो उपहारजो अनेक बार देने के लिए सोचता रहाऔर न दे सकासंकोच के कारणकि तुम्हारे पास…
बचपन का सपना अचानक सच हो जाता हैजब मुझे दूल्हे के रूप मेंएक दिन सुपर हीरो मिल जाता हैअपने प्यार…
काँपें थर-थर तन सभी, मुख से निकले भाप।रगड़ें लोग हथेलियाँ, बढ़े तनिक सा ताप।बढ़े तनिक सा ताप, युक्ति सारी कर…
दिनभर की किच-किचऔर काम की आपाधापी में भी अक्सरसैंकड़ों मेंएक सेल्फी क्लिक करके मैं ख़ुद को सौंप देती हूंअदनी सी मुस्कुराहट…
यहांकोई भी व्याकरण नहीं होतीबारिश के गिरने कीन हीकोयल की कूक का कोई रागहवाओं के बहने का कोई नियम नहीं…
अतीत की ओरकिवाड़मज़बूती से भेड़और विस्मृति की चादर ओढ़मैं तो लगभग सो ही चुकी थीओ भूली हुई यादोंतुमने क्योंफिर आकरमेरा…