त्योहारों पर नवविवाहित जोड़ों का मन बहुत-सी उम्मीदों व सपनों से भरा होता है, ख़ासकर दिवाली को लेकर. ऐसे में यदि वे अपने परिवार से दूर रह रहे हैं, तो बहुत सारी ज़िम्मेदारियां अकेले नववधू पर आ जाती हैं, जैसे- घर को सजाना, बजट मैनेज करना, सारी चीज़ों की व्यवस्था करना, पूजा करना आदि. उस पर बिना परिवारवालों के पारंपरिक रूप से त्योहार मनाना थोड़ा मुश्किल-सा हो जाता है. इसलिए यहां पर हम नवविवाहित जोड़े दिवाली पर क्या करें, किन बातों का ख़्याल रखें आदि की जानकारी दे रहे हैं. इनकी मदद से वे नवविवाहित, जो परिवार से दूर हैं, बड़ी आसानी से बेहतरीन तरी़के से दीपावली मना सकते हैं.
घर की साफ़-सफ़ाई
दिवाली के दिन लक्ष्मीजी की विशेष रूप से पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि जिस घर के लोग ख़ुश रहते हैं, अमूमन उनका घर साफ़-सुथरा होता है. ऐसे घरों में लक्ष्मीजी प्रवेश करती हैं और अपनी कृपा बरसाती हैं. अत: अपने पति के साथ मिलकर पूरे घर की साफ़-सफ़ाई करें. जितनी भी बेकार व अनुपयोगी चीज़ें हैं, उन्हें फेंक दें या कबाड़ी को दे दें. अब घर के मंदिर को साफ़ करें और लाल कपड़ा बिछाएं. लाइट्स और फूलों से सजाएं.
नोट: यदि आपके घर में मंदिर नहीं है, तो परेशान ना हों. चौकी रखें या बॉक्स जैसी कोई चीज़ रखकर ऊंचा प्लेटफॉर्म बना लें. ध्यान रहे, यह उत्तर-पूर्व (नॉर्थ-ईस्ट) दिशा में हो. चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं.
दीपावली पूजन के लिए आवश्यक सामग्री
* कलश (तांबा, चांदी या मिट्टी का), थाली, मिट्टी के दीये, घी, चावल, हल्दी, कुमकुम, अगरबत्ती, मिठाइयां, गणेशजी व लक्ष्मीजी की मूर्तियां. सरस्वतीजी की मूर्ति भी रखी जा सकती है. इनका रखना शुभ माना जाता है.
* पूजा की घंटी, फूल-मालाएं, कमल का फूल और अन्य फूल, पान के पत्ते/आम के पत्ते, सुपारी, फल, ड्रायफ्रूट्स, खील और बताशे, चांदी/सोने के सिक्के, पंचामृत, दूध, दही, शहद, सूखा धनिया और जीरा, गंगाजल.
* मंदिर के सामने थोड़े से चावल फैलाएं, उस पर कलश रख दें.
* कलश में पानी भरें. ऊपर थोड़ा-सा खाली छोड़ दें. कलश में सोने/चांदी का सिक्का, सुपारी और एक फूल डाल दें.
* अब कलश पर पान के पत्ते/आम के पत्ते रख दें.
* पूजा की सामग्री पर गंगाजल छिड़ककर उन्हें पवित्र कर दें.
* देवी-देवता की मूर्तियों को लाल कपड़ेवाली चौकी पर रखने से पहले दूध, दही, शहद और पानी से स्नान करा लें.
* एक थाली में हल्दी से स्वस्तिक बनाएं उस पर गणेशजी, लक्ष्मीजी और सरस्वती देवी की मूर्तियां रखें.
* लाल कपड़े पर मूर्तियों के सामने पैसे, गहने और अन्य मूल्यवान वस्तुएं रख दें.
* दीयों में घी/तेल डालकर उन्हें जला लें.
* अब देवी-देवताओं के माथे पर हल्दी, कुमकुम, अक्षत का तिलक लगाएं.
* पुष्प, मिठाई, नारियल, जायफल, सूखा धनिया, जीरा, खील, बताशा, फल, चावल एवं ड्रायफ्रूट्स अर्पण करें.
* अब परिवार के सदस्यों के माथे पर भी तिलक लगाएं.
* परिवार के हर सदस्य को मौली (लाल पवित्र धागा) बांधें.
* अगरबत्ती व धूप जलाकर गणेशजी और लक्ष्मीजी की आरती करें.
* अंत में परिवार का हर सदस्य प्रसाद ग्रहण करे.
इस तरह पूजा संपन्न हुई. यह दिवाली की बेसिक पूजा है, जो एक जैसी होती है. लेकिन हर परिवार में पूजा के समय कुछ अलग परंपराएं भी निभाई जाती हैं. इसलिए परिवार के बड़े-बुज़ुर्गों से इस बारे में सलाह व मदद अवश्य लें.
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