स्टूडेंट लाइफ़ चुनौतियों से भरी होती है और बात जब एक्ज़ाम्स की हो, तो ये चुनौती थोड़ी और बड़ी हो जाती है. पैरेंट्स की अपेक्षाएं और बढ़ता कॉम्पटिशन बच्चों पर और प्रेशर डालता है, जिससे अक्सर वे घबरा जाते हैं. ऐसे में ज़रूरी है कि बच्चे और पैरेंट्स दोनों ही कुछ बातों का ख़्याल रखें, ताकि एक्ज़ाम टाइम उनके लिए एक बोझ न बनकर सकारात्मक चुनौती बन जाए, जिसे वो हेल्दी तरी़के से हैंडल कर सकें. तो यहां हम एक्ज़ाम्स की तैयारियों से जुड़ी ख़ास बातें बताने जा रहे हैं, जो पैरेंट्स और बच्चों के लिए फ़ायदेमंद साबित होंगी.
जल्द शुरुआत करें: एक्ज़ाम्स सिर पर हों, तभी पढ़ाई शुरू करेंगे, तो बहुत देर हो जाएगी. बेहतर होगा कि पहले से नियमित रूप से थोड़ा-थोड़ा पढ़ा जाए, ताकि एक्ज़ाम्स के वक़्त स़िर्फ रिवाइज़ करना पड़े.
आउटलाइन तैयार करें और व्यवस्थित बनें: आपको किस सब्जेक्ट के लिए कितना समय देना है और उसमें भी क्या-क्या आसानी से याद हो जाएगा और किसमें परेशानी होगी, यह भी सोच लें और एक समरी बना लें, ताकि जिन विषयों में ज़्यादा मेहनत की ज़रूरत हो, उन पर ज़्यादा ध्यान दिया जा सके.
मदद लेने से हिचकें नहीं: अगर कोई सब्जेक्ट आपको समझ में नहीं आ रहा, तो बिना देर किए अपने टीचर, पैरेंट या फिर किसी फ्रेंड से पूछ लें.
टाइम टेबल बनाएं: व्यवस्थित ढंग से पढ़ाई करने और सब्जेक्ट को रिवाइज़ करने के लिए टाइम टेबल बनाना बहुत ज़रूरी है. पहले क्या पढ़ना है और कितना पढ़ना है? किस तरह से सब्जेक्ट्स को डिवाइड करना है? ये तमाम बातें टाइम टेबल बनाने से आसान हो जाती हैं.
पढ़ने की जगह भी मायने रखती है: पढ़ने का माहौल अच्छा होगा, तो पढ़ाई अच्छी होगी. आप जहां कंफर्टेबल महसूस करें, वही कमरा सिलेक्ट करें. साथ ही यह भी तय करें कि किस समय आप ज़्यादा ध्यान लगाकर पढ़ सकते हैं? रात में या सुबह-सुबह. अपनी सुविधानुसार समय निश्चित कर लें.
भरपूर नींद लें: नींद पूरी होनी बेहद ज़रूरी है, वरना मस्तिष्क को आराम नहीं मिलेगा और ध्यान लगाने व याद करने में परेशानी आएगी.
खाना ठीक से खाएं: डर के मारे खाना-पीना न छोड़ दें. बहुत-से बच्चे एक्ज़ाम्स के दौरान खाना-पीना लगभग छोड़ ही देते हैं, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ जाती है.
छोटे-छोटे नोट्स बनाएं: पॉइंट्स बनाकर या छोटे-छोटे नोट्स बनाने से केवल ज़रूरी पॉइंट्स ही याद रहेंगे और रिवीजन में भी आसानी होगी.
रटना छोड़ दें: विषय को समझकर ही याद करें. समझ में न आ रहा हो, तो टीचर से पूछें और समझने की कोशिश करें.
मन शांत रखें: एक्ज़ाम के वक़्त मन शांत रखें. अगर पेपर बहुत मुश्किल है, तो धैर्य रखें. ध्यान से सारे सवाल पढ़ें. जो आपको आते हों, उन्हें पहले सॉल्व करें और फिर बाद में मुश्किल सवालों पर ध्यान केंद्रित करें.
जल्दबाज़ी न करें: एक्ज़ाम से कुछ मिनट पहले सारी क़िताबें एक तरफ़ रखकर मन-मस्तिष्क को शांत रखें. पेपर अगर समय से पहले पूरा हो जाए, तो एक बार वापस सारे सवाल-जवाब देख लें कि कहीं जल्दबाज़ी में कुछ छूट तो नहीं गया.
एक्ज़ाम के बाद रिलैक्स करें: अगर आपको लग रहा है कि पेपर उतना अच्छा नहीं हुआ, जितना सोचा था, तब भी उस पर चिंतन न करें. इससे आगे के विषयों पर असर पड़ेगा.
डर को मन से निकाल दें: बहुत-से स्टूडेंट्स पढ़ने में अच्छे होते हैं, लेकिन उनके मन में एक्ज़ाम फीयर होता है, जिसका असर पढ़ाई और ग्रेड्स पर पड़ता है. यह डर मन से निकाल दें, कॉन्फिडेंट रहें और एक्ज़ाम से डरें नहीं, उसे पॉज़िटिव सोच के साथ लें.
अपना लक्ष्य निर्धारित करें, ख़ुद को चुनौती दें: धीरे-धीरे आगे बढ़ने की कोशिश करें. छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं कि इस बार मुझे पिछली बार से इतने नंबर ज़्यादा लेने हैं आदि.
हॉट डॉग व पिज़्ज़ा, कोल्ड ड्रिंक्स, हैम बर्गर, चीज़ बर्गर और सैंडविचेज़, रेड मीट और फ्राइड फिश.
– गीता शर्मा
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