Jyotish aur Dharm

श्रद्धा एवं जागरूकता मनुष्य को ज्ञानी बनाते हैं – गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर (Faith And Awareness Makes Humans Knowledgeable – Gurudev Sri Sri Ravi Shankar)

श्रद्धा और सजगता, दोनों एक दूसरे के विरोधाभासी लगते हैं। जब तुम पूर्णतः जागरूक होते हो तो अक्सर श्रद्धा नहीं रहती और तुम व्याकुल एवं असुरक्षित महसूस करते हो। जब तुम किसी पर पूर्ण विश्वास कर के चलते हो अर्थात श्रद्धा से चलते हो, तब मन पूर्ण रूप से शांत एवं सुरक्षित महसूस करता है और विश्राम में रहता है। पर, तब तुम जागरूक नहीं रहते!

श्रद्धा तीन प्रकार की होती है

1) तामसिक श्रद्धा 
तामसिक श्रद्धा आलस्य से उत्त्पन्न होती है। जैसे, जब तुम कोई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हो, या आलस्यवश कोई काम नहीं करना चाहते, तब तुम कहते हो कि, ‘कोई बात नहीं, भगवान सब ठीक कर देंगे।’ (सब हंसते हैं।)

2) राजसिक श्रद्धा
जब तुम इच्छा और तृष्णा के तीव्र वेग के कारण श्रद्धा का सहारा लेते हो, तब इच्छापूर्ति की तीव्र पिपासा ही तुम्हारी श्रद्धा को जीवित रखती है। ये राजसिक श्रद्धा है।

3) सात्विक श्रद्धा
ऐसा विश्वास, ऐसी श्रद्धा जो निष्कपट हो, भोलापन लिए हो और जो हमारी चेतना की पूर्णता से उत्पन्न हुई हो, वह सात्विक श्रद्धा है।

 

श्रद्धा से यदि इच्छा पूरी न हो तो क्या करें? जानने के लिए देखें गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर का ये वीडियो:

 

श्रद्धा एवं जागरूकता मनुष्य को ज्ञानी बनाते हैं
श्रद्धा एवं जागरूकता भले ही एक दूसरे के विरोधाभासी लगते हों, परन्तु वे एक दूसरे के पूरक है| श्रद्धा के बिना तुम्हारा आंतरिक विकास संभव नहीं है। और, बिना सजगता के तुम कुछ भी भली-भांति समझ नहीं पाओगे। श्रद्धा तुम्हे आनंद के मार्ग पर ले जाती है और सजगता तुम्हें व्याकुल रखती है।

जहां विश्वास ( श्रद्धा) नहीं है वहां भय रहता है, और जब जागरूकता कि कमी हो तो न तो तुम कुछ ठीक से समझ पाओगे और न ही उसे ठीक से व्यक्त कर पाओगे। अतः दोनों का मिश्रण अत्यंत आवश्यक है।

ज्ञान में स्थित होकर सजग रहने से तनाव विहीनता आती है, श्रद्धा आती है और आनंद आता है। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है श्रद्धा से उत्पन्न मूर्खता (राजसिक श्रद्धा) के तत्वों अर्थात आलस्य को मिटाना एवं जागरूकता से उत्पन्न भय और व्याकुलता को भी मिटाना। यह एक अनोखा एवं अतुल्य मिश्रण है। अगर तुम्हारे अन्दर श्रद्धा एवं जागरूकता एक साथ दोनों ही हैं तो तुम सही मायनों में एक ज्ञानी बन जाओगे।

 

श्रद्धा एवं जागरूकता को सही मायने में समझने के लिए देखें गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर का ये वीडियो:

 

Kamla Badoni

Recent Posts

रिश्तों में क्यों बढ़ रहा है इमोशनल एब्यूज़? (Why is emotional abuse increasing in relationships?)

रिश्ते चाहे जन्म के हों या हमारे द्वारा बनाए गए, उनका मक़सद तो यही होता…

July 3, 2025

कहानी- वो लड़की कम हंसती है… (Short Story- Who Ladki Kam Hasti Hai…)

नेहा शर्मा “सब मुस्कुराते हैं, कोई खुल कर तो कोई चुपचाप और चुपचाप वाली मुस्कुराहट…

July 3, 2025
© Merisaheli