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गणेश चतुर्थी पर विशेष: अनुष्ठान और पूजा विधि (Ganesh Chaturthi Special: Rituals And Puja Vidhi)

हर‌ साल गणेश चतुर्थी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. बप्पा के आगमन को लेकर लोगों के उमंग-उत्साह के साथ हर तरफ़ भक्तिमय माहौल बन जाता है. आइए, इससे जुड़ी विधिवत पूजा के बारे में जानें एस्ट्रोलॉजर रिचा पाठक से.

भक्त सुबह जल्दी स्नान करके अपने घरों को साफ़-सफ़ाई करके दिन की शुरुआत करते हैं. जिस स्थान पर मूर्ति रखी जाएगी, उसे देवता के लिए पवित्र वातावरण बनाने के लिए गंगाजल से शुद्ध किया जाता है.


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मूर्ति की स्थापना
भगवान गणेश की मूर्ति को मंत्रोच्चार और प्रार्थनाओं के बीच घर या सार्वजनिक पंडालों में लाया जाता है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पवित्र मंत्रों के माध्यम से मूर्ति में प्राण फूंकना शामिल है, जो उत्सव की आधिकारिक शुरुआत को चिह्नित करता है. यह समारोह महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भक्तों के दिलों और घरों में भगवान गणेश के आगमन का प्रतीक है.

प्रसाद
भक्त भगवान गणेश को फूल, फल, मिठाई और धूप सहित 16 अलग-अलग चीज़ें चढ़ाते हैं. सबसे महत्वपूर्ण प्रसाद मोदक है, एक मिठाई, जिसे भगवान गणेश का पसंदीदा भोग माना जाता है. ये प्रसाद अत्यंत भक्ति के साथ बनाए जाते हैं, क्योंकि माना जाता है कि इससे गणेशजी प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं.


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दैनिक पूजा
अगले दस दिनों तक, सुबह और शाम दोनों समय दैनिक आरती (प्रकाश के साथ पूजा) की जाती है. भक्तगण भजन गाते हैं और भगवान गणेश से बुद्धि, समृद्धि और बाधाओं को दूर करने का आशीर्वाद मांगते हुए प्रार्थना करते हैं. यह दैनिक पूजा भक्तों और ईश्वर के बीच संबंध को मज़बूत करती है, जिससे आध्यात्मिक पूर्णता की भावना बढ़ती है.

विसर्जन
अनंत चतुर्दशी पर त्योहार के अंतिम दिन, मूर्ति को एक जलाशय में विसर्जन के लिए एक भव्य जुलूस में ले जाया जाता है. यह अनुष्ठान भगवान गणेश के अपने स्वर्गीय निवास पर लौटने का प्रतीक है, अगले साल वापस आने के वादे के साथ.
विसर्जन एक मार्मिक क्षण होता है, क्योंकि भक्त जल्द ही उनका स्वागत करने की उम्मीद के साथ देवता को विदाई देते हैं.
ऊपर बताए गए अनुष्ठानों और समय का पालन करके, भक्त भगवान गणेश की कृपा से अपने मार्ग को रोशन करते हुए एक समृद्ध और धन्य वर्ष की आशा कर सकते हैं.


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वैदिक कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3:01 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर को शाम 5:37 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि (सूर्योदय की तिथि) के महत्व को देखते हुए, गणेश चतुर्थी 7 सितंबर, शनिवार को मनाई जाएगी.


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Usha Gupta

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