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ख़ुद बनाएं अपनी वसीयत, जानें ज़रूरी बातें (Guidelines To Make Your Own Will)

आपकी वसीयत न स़िर्फ एक महत्वपूर्ण क़ानूनी दस्तावेज़ है, बल्कि यह आपका वह मालिकाना हक़ है, जिसके ज़रिए आप अपनी संपत्ति का सही तरी़के से बंटवारा कर सकते हैं. हालांकि जानकारी के बावजूद बहुतसे लोग इसे अनदेखा करते हैं. वसीयत न होने की स्थिति में आपके बाद आपकी प्रॉपर्टी को लेकर कई क़ानूनी उलझनें पैदा हो सकती हैं, जिन्हें वसीयत के ज़रिए आप बड़ी आसानी से सुलझा सकते हैं. तो क्यों न आप भी अपनी वसीयत बनाएं और अपनों को इन उलझनों से बचाएं.

 

हम सभी वसीयत के बारे में जानते हैं, पर ज़्यादातर लोग वसीयत नहीं लिखते/बनवाते, क्योंकि कहीं न कहीं लोगों में एक धारणा बन गई है कि जिसके पास बहुत ज़्यादा धनदौलत है, वही वसीयत बनवाता है, जबकि ऐसा है नहीं. आप जब चाहें, जितनी संपत्ति की चाहें, वसीयत बना सकते हैं. इस विषय पर हमें अधिक जानकारी दी बॉम्बे हाईकोर्ट के एडवोकेट अरुण कुमार ने.

क्यों ज़रूरी है वसीयत?

 आपके न रहने पर आपकी संपत्ति के सही बंटवारे के लिए यह सबसे ज़रूरी दस्तावेज़ है.

आप अपनी चीज़ों को अपने मन मुताबिक़ बांट सकते हैं.

अपने मालिकाना हक़ का पूरा इस्तेमाल कर पाएंगे.

वसीयत न होने की स्थिति में आपकी संपत्ति सक्सेशन लॉ के मुताबिक़ आपके क़ानूनी वारिसों में बराबर बांट दी जाएगी. हो सकता है आप किसी ख़ास को कुछ ज़्यादा और किसी सक्षम व्यक्ति को कम देना चाहते हों, जो नहीं हो पाएगा.

कब बनाएं?

– ज़्यादातर लोग यही सोचते हैं कि जब बुज़ुर्ग हो जाएंगे या तबीयत ख़राब रहने लगेगी, तब अपनी वसीयत बनाएंगे, पर ऐसा ज़रूरी नहीं है. 21 साल की उम्र के बाद आपको जब भी लगे, आप अपनी वसीयत बना सकते हैं.

वसीयत के लिए क्या है ज़रूरी?

वसीयत बनाने के सबसे ज़रूरी स़िर्फ दो चीज़ें हैं

वसीयत बनानेवाला बालिग हो और

उसके नाम स्थायी या अस्थायी

संपत्ति हो.

कैसे बनाएं ख़ुद अपनी वसीयत?

लोगों में यह एक बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी है कि यह एक क़ानूनी दस्तावेज़ है, तो इसे वकील से ही बनवाना चाहिए. आप अपनी वसीयत ख़ुद बना सकते हैं. हालांकि वसीयत के लिए किसी फॉर्मैट की ज़रूरत नहीं होती, फिर भी वसीयत बनाते समय इन बातों का ध्यान रखें.

किसी प्लेन पेपर पर सबसे पहले दाईं तरफ़ तारीख़ लिखें, क्योंकि इसी से लेटेस्ट विल का पता चलेगा.

आपके हस्ताक्षर के बिना विल का कोई मतलब नहीं, इसलिए साफ़सुथरी हैंडराइटिंग में विल लिखकर नीचे साइन ज़रूर करें. ध्यान रहे, आपका हस्ताक्षर क्लीयर होना चाहिए.

आपकी वसीयत की प्रामाणिकता को सिद्ध करने के लिए दो गवाहों के हस्ताक्षर बहुत ज़रूरी हैं. हो सके तो अपने डॉक्टर और वकील को गवाह बनाएं. जहां डॉक्टर के हस्ताक्षर से यह सिद्ध हो जाएगा कि जिस व़क्त आपने यह वसीयत बनाई, आप अपने पूरे होशोहवास में थे, वहीं वकील को आप बतौर एक्ज़ीक्यूटर भी अपॉइंट कर सकते हैं.

अगर आप चाहें तो किसी भी भरोसेमंद व्यक्ति को एक्ज़ीक्यूटर अपॉइंट कर सकते हैं, जिसकी ज़िम्मेदारी आपकी विल को सही तरी़के से लागू करने की होगी.

अपनी पूरी प्रॉपर्टी का ब्योरा सहीसही व पूरी डिटेल्स के साथ लिखें, शॉर्टकट में न निपटाएं, जैसेफलां जगह के इतने एरिए का प्लॉट या फ्लैट आदि.

वसीयत बनाते समय एक बात का और ख़्याल रखें कि जो लोग इस दुनिया में हैं, स़िर्फ उन्हीं को आप अपनी वसीयत में शामिल कर सकते हैं. जो बच्चे इस दुनिया में आए भी नहीं, उन तक आप अपनी संपत्ति का मालिकाना हक़ नहीं पहुंचा सकते. मसलन, मेरी बेटी के बाद जो भी उसकी संतान होगी, उसे सारा मालिकाना हक़ मिले.

बैंक अकाउंट की रक़म वसीयत में लिखते समय बैंक अकाउंट की विस्तृत जानकारी दें. बैंक का नाम, अकाउंट नंबरब्रांच आदि.

अपने क़ानूनी वारिसों के बारे में साफ़साफ़ और पूरी जानकारी लिखें यानी उसका पूरा नाम, जिस नाम से वो ज़्यादा मशहूर हो (निक नेम), आपके साथ संबंध आदि.

अगर आप कुछ चैरिटी या दानधर्म करना चाहते हैं, तो किसे और कितनी रक़म देना चाहते हैं, उसकी पूरी जानकारी लिखें.

इसके अलावा अगर आपने किसी से कर्ज़ लिया है, तो उसे भी अपनी वसीयत में लिखें कि आपने फलां व्यक्ति से इतने पैसे उधार लिए हैं, जो आपके क़ानूनी वारिस को चुकाने होंगे. अगर वसीयत में दो क़ानूनी वारिस हैं, तो रक़म उनमें बराबर बंट जाएगी.

अपनी वसीयत को कोर्ट में रजिस्टर करें. मेट्रो शहर में रहते हैं, तो हाईकोर्ट, वरना डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में विल रजिस्टर करें.

 यह भी पढ़ें: कितना जानते हैं आप ‘नॉमिनी’ के बारे में?

 

किन बातों का रखें ख़्याल?

जब भी नई विल बनाएं, तो यह लिखना न भूलें कि यह आपकी लेटेस्ट और फाइनल विल है और इसके पहले की सभी विल्स अमान्य होंगी.

एक बात ध्यान रखें कि आप अपने किराए के मकान या दुकान को अपनी वसीयत में शामिल नहीं कर सकते.

वसीयत में आप स़िर्फ अधिकार ही नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारियां भी बांट सकते हैं. अगर आपके बच्चे छोटे हैं, तो अपनी विल में किसी भरोसेमंद व्यक्ति को उनका गार्जियन नियुक्त कर उन्हें ज़िम्मेदारी दे सकते हैं.

विल की दो कॉपीज़ बनवाएं और दोनों को दो अलग व सुरक्षित जगह रखें.

अगर आप जॉइंट फैमिली में रहते हैं, तो प्रॉपर्टी में आपका जितना हिस्सा है, स़िर्फ उतनी ही प्रॉपर्टी आप अपनी वसीयत में लिख सकते हैं.

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बचें इन ग़लतियों से

अगर आपने वसीयत बना ली और न ख़ुद हस्ताक्षर किए और न ही गवाहों के हस्ताक्षर लिए, तो भला वो किस काम की. तो आप ये ग़लतियां न करें, वरना आपकी विल किसी काम की नहीं रहेगी.

तारीख़ के बिना वसीयत का कोई महत्व नहीं.

अपनी संपत्ति में होनेवाले अपडेट्स को वसीयत में भी अपडेट करना न भूलें.

वसीयत में सिर्फ़ निक नेम लिखने की ग़लती न करें, बल्कि व्यक्ति का पूरा नाम लिखें.

संपत्ति के बंटवारे के लिए सही अनुपात न लिखना भी एक ग़लती है यानी संपत्ति कितने प्रतिशत किसे मिलेगी या बराबर मिलेगी आदि लिखें.

भविष्य में आनेवाली पीढ़ी को वसीयत में शामिल नहीं किया जा सकता यानी अपनी संपत्ति को पीढ़ी दर पीढ़ी ट्रांसफर नहीं कर सकते.

जॉइंट अकाउंट को इग्नोर करने की ग़लती अक्सर लोग करते हैं. अगर बैंक में आपका जॉइंट अकाउंट है, तो उसके मुताबिक़ ही वसीयत बनाएं.

यूं बनाएं ई-विल

किसी भी ऑनलाइन वेबसाइट पर रजिस्टर करें.

यहां आप 3000 से 5000 में वसीयत बना सकते हैं.

वेबसाइट पर फॉर्म भरें और सारी सही जानकारी दें.

पूरी जानकारी कंप्लीट होने पर सबमिट बटन पर क्लिक करें.

आपकी विल का ड्राफ्ट तैयार हो गया है. इस ड्राफ्ट को वेबसाइट से जुड़े वकील की मदद से पूरा किया जाएगा, ताकि कहीं कोई चूक न हो.

वेबसाइटवाले आपको एक रफ ड्राफ्ट भेजेंगे, ताकि कोई ग़लती हो, तो आप उसे सुधार सकें.

आपके द्वारा भेजे गए फाइनल ड्राफ्ट को अमलीजामा पहनाकर हार्ड कॉपी और सॉफ्ट कॉपी दोनों आपको भेजी जाएगी.

जब आपको विल मिल जाए, तो दो गवाहों की मौजूदगी में उस पर हस्ताक्षर करें.

एनएसडीएल (NSDL) का ईज़ी विल (Easy Will), एसबीआई कैप ट्रस्टी कंपनी आदि ईविल सर्विस मुहैया कराती हैं.

अनीता सिंह

 यह भी पढ़ें: जानें बैंकिंग के स्मार्ट ऑप्शन्स

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Aneeta Singh

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