फिल्म उपकार के मंगल चाचा हों, डॉन का शातिर जेजे हो, कालिया के जेलर हों या फिर ज़ंजीर के शेरखान. हर किरदार एक से बढ़कर एक निभाने वाले प्राण साहब बॉलीवुड के एक ऐसा अभिनता हैं, जिन्होंने पर्दे पर जो भी किरदार निभाया वो अमर हो गया. उन्होंने हर किरदार में अपने अभिनय की ऐसी छाप छोड़ी कि ऐसा लगता था कि ये किरदार उनके बिना कोई कर ही नहीं सकता था. दमदार आवाज़, डायलॉग बोलने का एक अलग अंदाज़ उन्हें सबसे ख़ास बनाता था. आज प्राण साहब का जन्मदिन है. भले ही प्राण साहब हम सब के बीच न हों, लेकिन उनकी फिल्में हमेशा उनकी याद दिलाती रहेंगी.
12 फरवरी 1920 को दिल्ली के एक रईस परिवार में प्राण साहब का जन्म हुआ था. प्राण साहब का पूरा नाम प्राण कृष्ण सिकंद था. 400 फिल्मों में काम कर चुके प्राण साहब ने लाहौर में बतौर फोटोग्राफर के तौर पर की थी. फिल्म यमला जट से उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की. जिस दौर में हीरो को ही फिल्म का सब कुछ समझा जाता था, उस दौर में प्राण साहब ने खलनायक के कई ऐसे किरदार निभाए, जिसने नेगेटिव रोल्स की परिभाषा ही बदल दी. प्राण साहब का अभिनय सिर्फ़ नेगेटिव रोल्स तक ही सीमित नहीं रहा, उन्होंने कई अलग तरह के किरदार भी निभाए.
मेरी सहेली (Meri Saheli) की ओर से प्राण साहब को नमन. आइए, देखते हैं उनके कुछ दमदार डायलॉग्स.
फिल्म- उपकार (1967)
फिल्म- ज़ंजीर (1973)
फिल्म- कालिया (1981)
फिल्म- दिल दिया दर्द लिया (1966)
फिल्म- डॉन (1978)
फिल्म- बॉबी
फिल्म- अमर अकबर एंथनी (1977)
फिल्म- औरत (1967)
फिल्म- लाखों में एक (1971)
फिल्म- शराबी (1984)
प्रियंका सिंह
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