हिस्टेरेक्टॉमी में सर्जरी के ज़रिए यूटरस और सर्विक्स निकाल दी जाती हैं. यह सर्जरी एब्डॉमिनल, वेजाइनल और लैप्रोस्कोपिक तरीक़ों से की जा सकती है. वेजाइनल और लैप्रोस्कोपिक दोनों ही बेहतरीन तरी़के हैं, क्योंकि इनमें रिकवरी तेज़ी से होती है और ज़्यादा ब्लीडिंग भी नहीं होती. कुछ ही हफ़्तों में आप अपनी नॉर्मल लाइफ शुरू कर सकती हैं. सर्जरी के दौरान ओवरीज़ भी निकाल देने से एस्ट्रोजेन की कमी हो जाती है, जिससे मेनोपॉज़ के सभी लक्षण महसूस होते हैं. हालांकि सर्जरी के बाद डॉक्टर आपको क्या करें, क्या न करें की पूरी लिस्ट देंगे. सर्जरी के बाद आपको हाई फाइबर डायट लेना होगा, ताकि कफ़ या कब्ज़ की शिकायत न हो, वरना आपकी सर्जरी पर इसका असर पड़ेगा.
आमतौर पर 11 से 14 साल के बीच लड़कियों के पीरियड्स आ जाते हैं, पर आपकी जो स्थिति है उसे हेमाटोकोल्पोस और हेमाटोमेत्रा कहते हैं, जिसमें ब्लड वेजाइना और यूटरस में जमा होता रहता है. आपकी वेजाइनल ओपनिंग बंद है, जिसके कारण ब्लड वेजाइना और यूटरस में जमा हो रहा है. जैसा कि आपने बताया कि 14 साल की उम्र से ही आपको हर महीने दर्द होता है, पर पीरियड्स नहीं होते, दरअसल तभी से आपके पीरियड्स शुरू हो गए हैं, पर वेजाइनल ओपनिंग के बंद होने के कारण ब्लड बाहर नहीं निकल पाया. आपको डरने की कोई ज़रूरत नहीं. बस, एक छोटे-से ऑपरेशन से सब ठीक हो जाएगा और आपके पीरियड्स नॉर्मल हो जाएंगे.
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डॉ. राजश्री कुमार
स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ
rajshree.gynoncology@gmail.com
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