यह भी जानें…
मिट्टी को इतना महत्व क्यों दिया जाता है. दरअसल हमारा शरीर पंच तत्वों से बना है और मिट्टी में पांचों तत्व होते हैं. लिहाज़ा, मिट्टी से सीधा संपर्क शरीर और अंगों को नवजीवन देता है. इसका इस्तेमाल इलाज में होने लगा है. प्राचीनकाल से ही मड थेरेपी, मड बाथ या मड स्नान से इलाज हो रहा है. विशेषज्ञ मानते हैं कि मड बाथ के लिए गंगा की मिट्टी सोने पे सुहागा है, क्योंकि गंगा की माटी रोगों से लड़ने की क्षमता होती है. रिसर्च के मुताबिक़, मिट्टी में एक्टिनोमाइसिटेस नाम का जीवाणु होता है, जिसका व्यवहार मौसम के अनुसार बदलता है. जल के संपर्क में जीवाणु तेज़ी से आगे बढ़ते हैं. त्वचा की विकृतियों ठीक करने में मड थेरेपी श्रेष्ठ है. शरीर को ठंडा करने के लिए मड-ट्रीटमेंट लेते हैं. शरीर में बीमारी की वजह बनने वाले दूषित पदार्थों को मिट्टी अब्ज़ॉर्ब करके शरीर से बाहर फेंक देती है
क्या आप जानते हैं…
हमारे धर्म में क्षमा करने पर इतना ज़ोर क्यों दिया जाता है, क्योंकि मायो क्लिनिक के एक रिसर्च में कहा गया है कि क्षमा यानी फ़ॉरगिवनेस सेहत के लिए फ़ायदेमंद होता है. किसी के प्रति पूर्वाग्रह या द्वेष रखने का असर कार्डीओवैस्क्यलर यानी दिल की नलियों और नर्वस सिस्टम पर दिखता है. जब हम आहत करने वाले को माफ़ करने की कल्पना करते हैं तो सुकून भरी अनुभूति होती है और मन में पॉज़िटिविटी बढ़ती है.
यह भी जानें
हमारे शास्त्रों में ग़ुस्से से दूर रहने पर इतना ज़ोर क्यों दिया जाता है? दरअसल, ग़ुस्सा मानव का नेचुरल इमोशन है और ग़ुस्सा आना बुरी बात नहीं है, लेकिन उसका बेक़ाबू हो जाना ज़रूर बुरा है. अधिक ग़ुस्सा करने से हमारे नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है, जिससे हार्ट डिसीज़, ब्लड प्रेशर जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए अगर तंदुरुस्त रहना है तो ग़ुस्से पर अंकुश लगाना होगा.
क्या आप जानते हैं
मैग्नेटिक थेरेपी प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है. शरीर के विभिन्न अंगों या उनके आसपास चुंबकीय उपकरणों का इस्तेमाल करके कई तरह के दर्द और बीमारी दूर की जा सकती है. यह थेरेपी तब लोग अपनाते थे, जब मॉडर्न मेडिकल साइंस का इलाज प्रचलन में नहीं था. उस समय मैगनेट थेरपी से ही कई बीमारियों का इलाज किया जाता था. मैगनेट थेरेपी आज़माते समय शरीर को मैगनेटिक फील्ड की सीरीज़ के समांतर रखा जाता है. इसमें अगल-अलग क्षमता वाले चुंबक का इस्तेमाल किए जाते हैं. इस थेरेपी से सिरदर्द, तनाव, अनिद्रा, हड्डी के रोग, जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों की समस्याएं, कंधा, गर्दन और पीठ के दर्द दूर किए जा सकते हैं.
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