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बैंक अकाउंट क्लोज़ करने से पहले जानें ये ज़रूरी बातें (How To Close A Bank Account?)

बैंक (Bank) में अकाउंट (Account) खोलना तो आसान है, लेकिन बंद (Close) करना इतना आसान नहीं, जितना कि आप सोच रहे हैं. खाता बंद करने से पहले बैंक में कुछ ज़रूरी औपचारिकताएं निभानी पड़ती हैं, जिनके बारे में शायद आपको जानकारी भी नहीं होगी.

अकाउंट बंद करने से पहले रखें इन बातों का ख़्याल

  •  कोई भी खाता ऑनलाइन क्लोज़ नहीं होता है. खाता बंद करने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए आपको अपने निकटतम बैंक में ही जाना पड़ेगा.
  • अगर आपका डोरमेंट अकाउंट (निष्किय खाता) है, तो इसे बंद करने के लिए पहले आपको उस अकाउंट को चालू करना पड़ेगा. डोरमेंट अकाउंट (निष्क्रिय खाता) वह अकाउंट होता है, जिसमेें दो साल से किसी तरह का कोई लेन-देन न किया गया हो.
  • डोरमेंट अकाउंट बंद करने के लिए भी बैंक में फॉर्म भरकर देना होता है.
  • खाते को बंद करने से पहले यह देखना भी ज़रूरी है कि आपके खाते से बीमा पॉलिसी, क्रेडिट कार्ड पेमेंट, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट, लोन, सेविंग अकाउंट  और लॉकर रेंट पेमेंट से कोई लिंक तो नहीं है. अधिकतर लोग अपने बैक अकाउंट को लोन, क्रेडिट कार्ड पेमेंट, बीमा पॉलिसी, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट आदि से लिंक करते हैं, ताकि आसानी से उनका भुगतान किया जा सके.
  • अकाउंट बंद करने जा रहे हैं, तो डॉक्यूमेंट प्रूफ, जैसे- आधार कार्ड और पैन कार्ड साथ में ज़रूर लेे जाएं.
  • अगर आपका खाता संयुक्त है, तो खाता बंद करते समय दोनों खाताधारकों का उपस्थित रहना अनिवार्य है, लेकिन कुछ बैंकों में खाताधारक एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) देकर भी खाता बंद कर सकते हैं.

और भी पढ़ें: क्रेडिट कार्ड फ्रॉड होने की स्थिति में क्या करें? (Credit Card Fraud: What To Do If You’re A Victim)

अकाउंट क्लोज़ करने के लिए उठाएं ये क़दम


1. आप जिस खाते को बंद करने की योजना बना रहे हैं, अगर उसमें कुछ जमाराशि है, तो उसे नक़दी के तौर पर निकाल लें या फिर किसी दूसरे बैंक में उस जमाराशि को स्थानांतरित कर दें. यह राशि आप डिमांड ड्राफ्ट बनाकर दूसरे बैंक में स्थानांतरित कर सकते हैं. इसके अलावा उसी बैंक के किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं.
2. ट्रांसफर करते समय इस बात का ध्यान रखें कि अकाउंट के अंतिम ट्रांज़ैक्शन का स्टेटमेंट अपने पास ज़रूर रखें.
3. इसके बाद अकाउंट क्लोज़र (खाता बंद करने का) फॉर्म भरें और बैंक कर्मचारी के पास जमा कराएं. यह क्लोज़र फॉर्म लेने के लिए आपको बैंक जाने की ज़रूरत नहीं है. यह फॉर्म ऑनलाइन भी उपलब्ध है. बस, आपको उस बैंक की वेबसाइट पर जाकर उसे डाउनलोड करना होगा.
4. आपको उस खाते को बंद करने का कम-से-कम एक कारण बताना होगा.
5. अगर आपके बैंक अकाउंट का क्रेडिट कार्ड पेमेंट, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट, बीमा, लोन आदि से लिंक है, तो पहले अपने दूसरे अकाउंट को इनसे लिंक करें. अकाउंट बंद करते समय आपको डीलिंकिंग अकाउंट फॉर्म भरना पड़ सकता है.
6. इसके बाद बैंक अधिकारी को बैंक अकाउंट क्लोज़ करने की एप्लिकेशन और सेल्फ अटैच्ड यानी ख़ुद साइन किया हुआ लेटर बैंक में जमा कराना होता है.
7. उपरोक्त के बाद आपको चेक बुक, एटीएम कार्ड और क्रेडिट कार्ड बैंक को वापस करना पड़ेगा.
8. इसके बाद बैंक अधिकारी आपके खातों के साथ टैग किए गए किसी भी प्रकार के शेष और लंबित पड़े शुल्क (पेंडिंग चार्जेस) की जांच करेगा. अगर किसी भी तरह का ज़ुर्माना, बकाया या वैल्यू ऐडेड सर्विस का भुगतान आपको करना है, तो बैंक उसे आपसे चार्ज करेगा.
9. कुछ प्राइवेट बैंक ऐसे हैं, जो खाता बंद करने के चार्ज वसूल करते हैं. ध्यान देनेवाली महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि आप बैंक अकाउंट खोलने के 14 दिन के अंदर उसे बंद कर देते हैं, तो बैंक आपसे किसी तरह का कोई चार्ज वसूल नहीं कर सकता है. अगर आप 14 दिन से एक साल के अंदर खाता बंद कर देते हैं, तो भी बैंक आपसे क्लोज़र चार्ज वसूल कर सकता है. इसी तरह से यदि आपको बैंक में खाता खोले हुए एक साल से अधिक समय हो गया है, तो इस स्थिति में भी बैंक आपसे कोई चार्ज वसूल नहीं कर सकता है. वैसे तो रिज़र्व बैंक ने किसी सरकारी या निजी बैंक को अकाउंट क्लोज़र चार्जेस के बारे में कोई निर्धारित दिशा-निर्देश नहीं दिए हैं, पर कुछ बैंक अपनी मर्ज़ी से अकाउंट क्लोज़र चार्ज लगाने के लिए स्वतंत्र हैंै.
10. अंत में बैंक अधिकारी आपको अकनॉलिजमेंट की एक कॉपी देंगे और फिर 10 दिन के अंदर आपका खाता बंद हो जाएगा.
11. सारी कार्यवाही पूरी होने के बाद बैंक के रजिस्टर्ड ईमेल के साथ-साथ आपके मोबाइल पर भी खाता बंद होने का एसएमएस आ जाएगा.

क्यों ज़रूरी है बैंक अकाउंट क्लोज़ करना?

आजकल की युवापीढ़ी क्रेडिट कार्ड, स्मार्ट कार्ड, वीज़ा कार्ड, लोन आदि के चक्कर में अनेक बैंकों में अपना खाता खोल लेती है या फिर बार-बार नौकरी बदलने के कारण उन्हें कंपनी द्वारा अलग-अलग बैंकों में सैलरी अकाउंट खोलने पड़ते हैं, जिसकी वजह से उनके पास मल्टीपल सेविंग अकाउंट हो जाते हैं. इतने मल्टीपल सेविंग अकाउंट रखने से फ़ायदा कम और नुक़सान अधिक होता है. अत: इतने सारे मल्टीपल सेविंग अकाउंट रखने की बजाय उन्हें बंद कर देना ही उचित है, क्योंकि-

  •  बैंक अकाउंट जितने कम होंगे, उन्हें मेंटेन करना और उन पर नज़र रखना आसान होगा.
  • सेविंग बैंक अकाउंट होने पर कई तरह के शुल्क अदा करने पड़ते हैं, जैसे- डेबिट कार्ड के इस्तेमाल करने का शुल्क, एसएमएस अलर्ट फी, एटीएम उपयोग शुल्क (फ्री ट्रांज़ैक्शन से अलग) आदि. मल्टीपल अकाउंट होने के कारण बिना वजह आपको ये शुल्क भरने पड़ेंगे. इससे बेहतर होगा कि अतिरिक्त बैंक अकाउंट बंद कर दिए जाएं.
  • ज़्यादा बैंक अकाउंट होने के कारण आपको उनमें मिनिमम बैलेंस भी रखना बेहद ज़रूरी है. मिनिमम बैलेंस मेंटेन न करने पर बैंक द्वारा लगाई गई पेनाल्टी आपको भरनी पड़ सकती है.
  • सेविंग बैंक अकाउंट में बहुत कम दर ब्याज मिलता है. इसके बदले अगर आप उस जमाराशि को फिक्स्ड डिपॉज़िट, म्यूच्अल फंड या डीमैट अकाउंट में निवेश करते हैं, तो आपको ज़्यादा लाभ मिलेगा.
  • उपरोक्त कारणों के अलावा इंकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय भी डोरमेंट अकाउंट (निष्क्रिय खाते) के बारे में बताना ज़रूरी होता  है.

और भी पढ़ें: क्या आप में है बैंक संबंधी अच्छी आदतें? (Do You Have Good Habits Of Bank?)

– पूनम नागेंद्र शर्मा

Poonam Sharma

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