होम डेकोर में लाइटिंग की काफ़ी अहमियत होती है. लाइटिंग से आप अलग ही एंबियंस क्रिएट कर सकते हैं. अलग-अलग स्तर पर अलग-अलग मिक्स लाइटिंग…
होम डेकोर में लाइटिंग की काफ़ी अहमियत होती है. लाइटिंग से आप अलग ही एंबियंस क्रिएट कर सकते हैं. अलग-अलग स्तर पर अलग-अलग मिक्स लाइटिंग से कमरे की ख़ूबसूरती को निखारा जा सकता है, दूसरी तरफ़ टास्क लाइटिंग से अपनी ज़रूरत के हिसाब से काम लिया जा सकता है.
लिविंग रूम
* चार में से तीन कोनों को लाइट करें, जिसमें से एक लाइट किसी आर्ट पीस को फोकस करती हुई हो, जैसे चेयर, प्लांट या वास आदि.
* फ्लोर और टेबल लैंप्स का कॉम्बीनेशन यूज़ करें, जिनमें से कुछ नीचे फ्लोर की तरफ़ ग्लो करते हुए हों और कुछ ऊपर यानी सीलिंग की तरफ़ शाइन करते हुए हों.
* नीचे की तरफ़ फोकस करते हुए लैंप्स के पास सीटिंग और रीडिंग अरेंजमेंट करें.
* डिमर्स भी यूज़ कर सकते हैं, ताकि अपने हिसाब से लाइट कम-ज़्यादा कर सकें.
डायनिंग रूम
* यहां सबसे ज़रूरी है कि आप अपने डायनिंग टेबल पर फोकस करें और उसकी ब्राइटनेस बढ़ाएं. रूम का वो सबसे ब्राइट स्पॉट होना चाहिए.
* टेबल के ऊपर शैंडेलियर या पेंडेंट यूज़ करें.
* कमरे के दूसरे हिस्सों में इंडायरेक्ट लाइटिंग ही बेस्ट है, यह रिलैक्सिंग और फ्लैटरिंग होती है.
* स्पेशियस जगह या फिर साइडबोर्ड पर छोटे टेबल लैंप्स या वॉल पर अटैच्ड लैंप या कैंडल से ग्लोइंग इफेक्ट दें.
* ग्लास डोरवाले कैबिनेट्स में बैटरीवाले छोटे लैंप्स या बल्ब से लाइटिंग करें. ये बेहद ख़ूबसूरत लगेंगे और आपको सामान ढूंढ़ने में भी आसानी होगी.
किचन
* ओवरहेड लाइटिंग पर फोकस करें. रात को कुकिंग के व़क्त भी जो आपके लिए मददगार हो. डिमर्स हों, तो और भी अच्छा होगा, ताकि आप अपनी ज़रूरत के अनुसार लाइट एडजस्ट कर सकें.
* सभी ग्लास के डोर्स वाले कैबिनेट्स में लाइटिंग करवाएं.
बेडरूम
* यहां का माहौल बेहद सुकून देनेवाला और रोमांटिक टच लिए हुए होना चाहिए.
* बेडरूम में हमेशा सॉफ्ट लाइटिंग ही रखें.
* बेड के साइड में रीडिंग लैंप रखें, लेकिन उसका फोकस बेड पर सीधे न हो.
* फिक्स्ड लाइट्स भी हैं अगर, तो यह ध्यान रखें कि उनका भी फोकस सीधे बेड पर न हो.
* लो वॉट के लैंप्स या बल्ब का भी ऑप्शन रखें. वह आपको रोमांटिक और रिलैक्सिंग फील देंगे.
* बेडरूम के लिए डिमर्स बेस्ट ऑप्शन हैं.
बाथरूम
* साइड लाइट्स यहां सबसे महत्वपूर्ण हैं.
* बाथरूम के मिरर के साइड्स में लाइट्स बहुत ही ख़ूबसूरत लगती हैं.
* इसके अलावा ओवरहेड लाइट भी बहुत ज़रूरी है, जिससे आप साफ़-साफ़ चेहरा भी देख सकेंगे और बाथरूम की लाइटिंग और एनहांस भी होगी.
* आप चाहें, तो शॉवर के ठीक ऊपर भी लाइट लगवा सकते हैं.
बचें इन लाइटिंग मिस्टेक्स से
* अगर आपके रूम की सीलिंग थोड़ी नीचे होती है, तो बेहतर होगा कि यहां शैंडेलियर या पेंडेंट का इस्तेमाल न करें.
* फिक्स्ड माउंटेड लैंप्स यहां के लिए बेस्ट ऑप्शन हैं.
* एक ही जगह बहुत ज़्यादा और शार्प लाइटिंग न रखें.
* रूम में लाइटिंग का एक ही सोर्स कभी न रखें. फिक्स सोर्स के अलावा लैंप्स और कैंडल्स भी रखें.
* लैंप्स पर शेड्स या बहुत ज़्यादा ओपेक लाइट अवॉइड करें, वरना आपका रूम बहुत ही ज़्यादा डार्क लगेगा.
* डेलीकेट कपड़ों के आसपास हॉट लैंप्स या लाइट्स कभी न रखें. बेहतर होगा आप फ्लोरोसेंट लाइट्स का इस्तेमाल करें. यह ब्राइट होती हैं, रोशनी अधिक देकर बिजली की बचत भी करती हैं.
ईज़ी टिप्स
* रेग्युलर यूज़ के लिए सॉफ्ट लाइटिंग का प्रयोग करें, ताकि आंखों पर ज़ोर न पड़े.
* फर्नीचर, आर्ट पीस या डेकोरेटिव एक्सेसरीज़ को हाइलाइट करने के लिए हेलोजन लाइट का इस्तेमाल किया जा सकता है.
* ख़ास ओकेज़न के लिए दो तरह की लाइट्स का प्रयोग करें. ऐसा करते समय कलर कॉम्बीनेशन का ख़ास ध्यान रखें, ताकि लाइट का ख़ूबसूरत इफेक्ट देखने को मिले.
* मूड लाइटिंग के लिए लेड का प्रयोग करें, क्योंकि ये कम पावरवाले होते हैं.
– विजयलक्ष्मी
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मीति और मधुर बचपन से एक ही स्कूल में पढते थे, लेकिन मधुर के पिता का अचानक निधन हो गया और उसे मीति का स्कूल छोड़ सरकारी स्कूल में दाख़िला लेना पड़ा. लेकिन आते-जाते अक्सर दोनों के रास्ते मिल ही जाते थे और उनकी नज़रें मिल जातीं, तो दोनों केचेहरे पर अनायास मुस्कुराहट आ जाती. स्कूल ख़त्म हुआ तो दोनों ने कॉलेज में एडमिशन ले लिया था. दोनों उम्र की उस दहलीज़ पर खड़े थे जहां आंखों में हसीन सपने पलने लगते हैं. मधुर भी एक बेहद आकर्षक व्यक्तित्व में ढल चुका थाऔर उसके व्यक्तित्व के आकर्षण में मीति खोती जा रही थी. कई बार मधुर ने उसे आगाह भी किया था कि मीति तुम एक रईस पिता की बेटी हो, मैं तो बिल्कुल साधारण परिवार से हूं, जहां मुश्किल से गुज़र-बसर होती है, लेकिन मीति तो मधुर के प्यार में डूब चुकी थी. वहकब मधुर के ख्यालों में भी बस गई थी वह यह जान ही नहीं पाया. मीति कभी नोट्स, तो कभी असाइनमेंट के बहाने उसके पास आ जाती, फिर कभी कॉफी, तो कभी आइसक्रीम, ये सब तो उसका मधुरके साथ नज़दीकियां बढ़ाने का बहाना था. अब मीति और मधुर क़ा इश्क कॉलेज में भी किसी से छिपा नहीं रह गया था. करोड़पति परिवार की इकलौती लाडली मीति कोपूरा विश्वास था कि मध्यवर्गीय परिवार के मधुर के कैंपस सेलेक्शन के बाद वह पापा को अपने प्यार से मिलवायेगी. मल्टीनेशनल कंपनी के ऊंचे पैकेज का मेल मिलते ही मधुर ने मीति को अपनी आगोश में ले लिया ऒर वह भावुक हो उठा, ”मीति, तुम तो मेरे जीवन मेंकी चांदनी हो, जो शीतलता भी देती है और चारों ओर रोशनी की जगमगाहट भी फैला देती है. जब हंसती हो तो मेरे दिल में न जानेकितनी कलियां खिल उठती हैं. बस अब मेरी जिंदगी में आकर मेरे सपनों में रंग भर दो.” मीति मधुर के प्यार भरे शब्दों में खो गई और लजाते हुए उसने अपनी पलकें झुका लीं और मधुर ने झट से उसकी पलकों को चूम लिया था. इस मीठी-सी छुअन से उसका पोर-पोर खिल उठा. वह छुई मुई सी अपने में सिमट गई. लेकिन इसी बीच मीति के पापा ने उसकी ख्वाहिश को एक पल में नकार दिया और मधुर को इससे दूर रहने का फरमान सुना दिया. मधुर उदास पराजित-सा होकर दूर चला गया. दोनों के सतरंगी सपनों का रंग बदरंग कर दिया गया था. मधुर ने अपना फ़ोन नंबर भी बदल दिया था और अपनी परिस्थिति को समझतेहुए मीति से सारे संबंध तोड़ लिये थे. मीति के करोड़पति पापा ने धूमधाम और बाजे-गाजे के साथ उसे मिसेज़ मेहुल पोद्दार बना दिया. उसका अप्रतिम सौंदर्य पति मेहुल केलिए गर्व का विषय था. समय के साथ वह जुड़वां बच्चों की स्मार्ट मां बन गई थी. पोद्दार परिवार की बहू बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमतीऔर अपने चेहरे पर खिलखिलाहट व मुस्कान का मुखौटा लगाए हुए अपने होने के एहसास और वजूद को हर क्षण तलाशती-सी रहती. उसे किसी भी रिश्ते में उस मीठी-सी छुअन का एहसास न हो पाता और वह तड़प उठती. सब कुछ होने के बाद भी वह खोई-खोई-सी…