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बजट कम हो तो गर्मी की छुट्टियों में इन हिल स्टेशन्स का मज़ा लें (Low Budget Hill Stations)

अगर आप गर्मियों (Summer) में कहीं घूमने जाना चाहते हैं, लेकिन आपका बजट (Budget) आपको प्लानिंग (Planning) करने से रोक रहा है, तो आप कम…

अगर आप गर्मियों (Summer) में कहीं घूमने जाना चाहते हैं, लेकिन आपका बजट (Budget) आपको प्लानिंग (Planning) करने से रोक रहा है, तो आप कम बजट (Low Budget) में इन जगहों (Places) की सैर कर सकते हैं.

ऋषिकेश


अगर आप एडवेंचर का शौक रखते हैं तो ऋषिकेश आपके लिए सबसे बेहतरीन जगह हो सकती हैं. यहां पर 2 दिन और 3 रातें ठहरने पर खाना-पीना मिलाकर 3 हजार से भी कम का खर्चा आएगा. यहां पर सुख सुविधाओं के साथ काफी कम पैसों में रुकने के लिए धर्मशालाएं मिल जाएंगी. आप राफटिंग से लेकर बंगी जंपिंग और ट्रेकिंग के लिए जा सकते हैं. ये पूरा ट्रिप आपका 5 से 6 हजार के अंदर हो जाएगा.

चकार्ता 

देहरादून का खूबसूरत हिल स्टेशन चकार्ता टौंस और यमुना नदी के बीच में स्थित है. प्रकृति को पसंद करने वालों के लिए यह जगह सबसे बेस्ट है. यहां टाइगर फॉस और यहां से ग्रेट वॉल ऑन चाइना का नज़ारा, हनूल महासू और लाखामंडल मंदिर बहुत प्रसिद्ध हैं. यह जगह नैनिताल और मसूरी के मुकाबले सस्ती है और यहां आपको भीड़ भी कम मिलेगी.

कसोल 


बैचलर्स की सबसे ज्यादा पसंदीदा जगहों में से एक कसोल है. यह चंडीगढ़ और मनाली के पास एक छोटा सा हिल स्टेशन है. अगर बहुत पीक सीजन नहीं चल रहा है तो यहां पर आपको आसानी से 800 से 900 रुपए में होटल मिल जाएगा. खाने पीने को लेकर यह जगह सस्ती है. कम पैसों में ही आप पेटभर खाना आराम से खा सकते हैं. आप कसोल में पार्वती नदी के पास बैठकर टाइम स्पेंड कर सकते हैं. वहां कुछ कैफे भी हैं, जिनमें आप इजरायली खाने का लुत्फ उठा सकते हैं. इसके अलावा वहां जर्मन बेकरी है, जहां आप शाम को ब्रेकफास्ट कर सकते हैं. अगले दिन सुबह खिरगंगा ट्रेकिंग के लिए निकले. रात को खिरगंगा में ही कैंप में स्टे करें। आपको यह ट्रिप हमेशा याद रहेगा.

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लैंड्सडाउन


कपल्स के लिए ये स्पॉट बेस्ट है. दिल्ली से इसकी दूरी सिर्फ 250 किलोमीटर है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1700 मीटर है. यहां के सबसे लाजवाब पॉइंट्स हैं भुल्ला लेक, सेंट मैरी चर्च और टिप इन टॉप. यहां से हिमालय की चौखम्बा और त्रिशूल चोटी साफ दिखाई देती है. हां, लेकिन यहां गर्मियों में जाना अवॉइड करें.

ओरछा

पहाड़ों से घिरा खूबसूरत स्थल ओरछा, मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित है. जो अपने ऐतिहासिक मंदिरों के लिए जाना जाता है. यह ऐतिहासिक नगर राजा रूद्र प्रताप सिंह द्वारा बसाया गया था. जो यहां के प्रथम शासक बने. यह शहर बेतवा नदी के किनारे बसा है, जो टीकमगढ़ से लगभग 80 किमी की दूरी पर स्थित है और जबकि उत्तर प्रदेश के झांसी से इसकी दूरी मात्र 15 किमी रह जाती है. इस पर्यटन स्थल का प्लान आप कम बजट में बना सकते हैं. जहांगीर महल, राज महल, राय प्रवीन महल, लक्ष्मीनारायण मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, रामराजा मंदिर, फूल बाग, सुंदर महल आदि यहां के प्रमुख देखने लायक स्थान हैं.
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मीति और मधुर बचपन से एक ही स्कूल में पढते थे, लेकिन मधुर के पिता का अचानक निधन हो गया और उसे मीति का स्कूल छोड़ सरकारी स्कूल में दाख़िला लेना पड़ा. लेकिन आते-जाते अक्सर दोनों के रास्ते मिल ही जाते थे और उनकी नज़रें मिल जातीं, तो दोनों केचेहरे  पर अनायास मुस्कुराहट आ जाती. स्कूल ख़त्म हुआ तो दोनों ने कॉलेज में एडमिशन ले लिया था. दोनों उम्र की उस दहलीज़ पर खड़े थे जहां आंखों में हसीन सपने पलने लगते हैं. मधुर भी एक बेहद आकर्षक व्यक्तित्व में ढल चुका थाऔर उसके व्यक्तित्व के आकर्षण में मीति खोती जा रही थी. कई बार मधुर ने उसे आगाह भी किया था कि मीति तुम एक रईस पिता की बेटी हो, मैं तो बिल्कुल साधारण परिवार से हूं, जहां मुश्किल से गुज़र-बसर होती है, लेकिन मीति तो मधुर के प्यार में डूब चुकी थी. वहकब मधुर के ख्यालों में भी बस गई थी वह यह जान ही नहीं पाया. मीति कभी नोट्स, तो कभी असाइनमेंट के बहाने उसके पास आ जाती, फिर कभी कॉफी, तो कभी  आइसक्रीम, ये सब तो उसका मधुरके साथ नज़दीकियां बढ़ाने का बहाना था.   अब मीति और मधुर क़ा इश्क कॉलेज में भी किसी से छिपा नहीं रह गया था. करोड़पति परिवार की इकलौती लाडली मीति कोपूरा विश्वास था कि मध्यवर्गीय परिवार के मधुर के कैंपस सेलेक्शन के बाद वह पापा को अपने प्यार से मिलवायेगी. मल्टीनेशनल कंपनी के ऊंचे पैकेज का मेल मिलते ही मधुर ने मीति को अपनी आगोश में ले लिया ऒर वह भावुक हो उठा, ”मीति, तुम तो मेरे जीवन मेंकी चांदनी हो, जो शीतलता भी देती है और चारों ओर रोशनी की जगमगाहट भी फैला देती है. जब हंसती हो तो मेरे दिल में न जानेकितनी कलियां खिल उठती हैं. बस अब मेरी जिंदगी में आकर मेरे सपनों में रंग भर दो.” मीति मधुर के प्यार भरे शब्दों में खो गई और लजाते हुए उसने अपनी पलकें झुका लीं और मधुर ने झट से उसकी पलकों को चूम  लिया था. इस मीठी-सी छुअन से उसका पोर-पोर खिल उठा. वह छुई मुई सी अपने में सिमट गई. लेकिन इसी बीच मीति के पापा ने उसकी ख्वाहिश को एक पल में नकार दिया और मधुर को इससे दूर रहने का फरमान सुना दिया. मधुर उदास पराजित-सा होकर दूर चला गया. दोनों के सतरंगी सपनों का रंग बदरंग कर दिया गया था. मधुर ने अपना फ़ोन नंबर भी बदल दिया था और अपनी परिस्थिति को समझतेहुए मीति से सारे संबंध तोड़ लिये थे.  मीति के करोड़पति पापा ने धूमधाम और बाजे-गाजे के साथ उसे मिसेज़ मेहुल पोद्दार बना दिया. उसका अप्रतिम सौंदर्य पति मेहुल केलिए गर्व  का विषय था. समय के साथ वह जुड़वां बच्चों की स्मार्ट मां बन गई थी. पोद्दार परिवार की बहू बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमतीऔर अपने चेहरे पर खिलखिलाहट व मुस्कान का मुखौटा लगाए हुए अपने होने के एहसास और वजूद को हर क्षण तलाशती-सी रहती. उसे किसी भी रिश्ते में उस मीठी-सी छुअन का एहसास न हो पाता और वह तड़प उठती. सब कुछ होने के बाद भी वह खोई-खोई-सी…

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