हर मनुष्य को एक अच्छी नींद की आवश्यकता होती है. नींद के दौरान शरीर में कई तरह के रिपेयर और मेंटेनेंस होते हैं और नए-नए सेल्स पैदा होकर शरीर को स्वस्थ्य रखते हैं. इस तरह नींद एक सेल्फ रिपेयरिंग सिस्टम है, लेकिन प्यारी और मीठी नींद हर किसी को नसीब नहीं होती. दुनियाभर में ऐसे लाखों लोग हैं, जो अच्छी नींद के लिए तरसते हैं. अनिद्रा दुनियाभर की आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, जिससे सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि हर उम्र के लोग पीड़ित हैं.
फ्लिप्स ग्लोबल सर्वे बताता है कि दुनियाभर में एक अरब लोग अनिद्रा के शिकार हैं. ख़ास बात यह है कि इनमें से 80 फ़ीसदी लोग इसका इलाज ही नहीं करवाते हैं. यह सर्वे कहता है कि भारत में तक़रीबन 66 फ़ीसदी से ज़्यादा लोग नींद की कमी महसूस करते हैं. भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका में भी अनिद्रा बड़ी समस्या है. अमेरिकन एकैडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, 30 से 35 फ़ीसदी अमेरिकी किसी न किसी प्रकार की अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं.
स्लीप एक्सपर्ट्स के अनुसार, 18 से 40 वर्ष तक की आयुवालों को आठ घंटे की नींद और 40 से 65 वर्ष तक के स्वस्थ मनुष्य के लिए 7-9 घंटे की नींद ज़रूरी होती है, जबकि 65 से अधिक आयुवाले लोगों को कम से कम 7 सात घंटे की नींद लेनी चाहिए.
अनिद्रा का सबसे प्रमुख कारण टेंशन है. शोर-शराबेवाली जीवन शैली, अनियमित दिनचर्या, कम शारीरिक व्यायाम व कम मेहनत करना व ज़्यादा शराब सेवन करने से भी नींद नहीं आती है. आधुनिक रिसर्च के अनुसार इस तरह की समस्याओं का कारण हमारी बदलती जीवनशैली है.
आयुर्वेद के अनुसार, वात और पित्त बढ़ जाने से अनिद्रा की स्थिति आती है. वात-पित्त में असंतुलन मानसिक तनाव के कारण बढ़ता है. जबकि योग व मंत्र विज्ञान के अनुसार, हृदय और पेट के तंत्र में असंतुलन होने और तीसरे नेत्र की अवस्था में व्यर्थ के विचार चलने के कारण यह समस्या होती है. नींद लाने के लिए कई आसान उपाय बताए गए हैं. योग उनमें से एक उपाय है. पश्चिमी देशों में संगीत को महत्व दिया गया है. अनिद्रा दूर करने का एक कारगर तरीका मंत्र, मुद्रा व ध्यान भी है.
अनिद्रा दूर भगाने के लिए सबसे लाभकारी मुद्रा ज्ञान मुद्रा है. इसके लिए अंगूठे और तर्जनी के अग्र भागों को स्पर्श करके शवासन में लेट जाएं. शवासन में जाकर आंखें बंद कर लें. शरीर को ढीला छोड़कर ॐ अगस्ती शयीनाः का जाप करें. शय का अर्थ होता है निद्रा. इस मंत्र के माध्यम से हम निद्रा के देव अगस्ती के शरण में जाते हैं. वो हमारा ध्यान रखते हैं. जिस तरह छोटा बच्चा जैसे ही अपनी मां की गोद में जाता है, उसका रोना-बिलखना बंद हो जाता है, वैसे ही निद्रा के देव की शरण में जाने से हमारी नींद संबंधी सभी परेशानियां दूर होने लगती हैं.
इसके लिए ज्ञान मुद्रा लगाकर मंत्र का जाप करते हुए शवासन में जाएं. शरीर को शिथिल छोड़कर श्वास धीरे-धीरे लेते हुए मंत्र का जाप करें और ध्यान तीसरे नेत्र पर केंद्रित करें. यदि मन में किसी तरह का विचार आएं तो मंत्र में उसे छोड़ते जाएं. अपने-आप आपको गहरी निद्रा आने लगेगी. ध्यान रखें कि आपको मंत्र का उच्चारण जोर से नहीं करना है. इसको मन ही मन आहिस्ता-आहिस्ता दोहराना है. आप जितने गहरे में जाएंगे, उतनी गहरी नींद आपको आएगी. निद्रा का आग्रह नहीं करना है, निद्रा अगर नहीं आती है तो बैचेन न हों, सिर्फ शरीर को ढीला छोड़ दें. प्राण के प्रवाह को ढीला छोड़ दें. इंतजार करें. बिल्कुल शांत पड़े रहें. मुद्रा लगाकर मंत्र का जाप करते रहें. आप अपनेआप नींद की आगोश में चले जाएंगे. इसके साथ साथ ही एक बात का ध्यान रखना ज़रूरी है कि रात्रि का अंतिम विचार अच्छा और सकारात्मक रखें, क्योंकि रात्रि का अंतिम विचार ही सुबह का पहला विचार होता है.
इसके साथ मेडिटेशन करने से भी बहुत फ़ायदा है. मेडिटेशन एक दवा की तरह काम करता है, जिसके जरिए बाहरी व भीतरी हर तरह के मर्ज का इलाज किया जा सकता है. इसके अनेकों फायदे हैं. इससे एकाग्रता बढ़ती है और साथ ही दिमाग तेज और एक्टिव होता है. हर रोज मेडिटेशन करने से नींद भी अच्छी आती है, जिससे पूरा दिन खुशहाल बीतता है.
अनिद्रा से छुटकारा पाने के लिए मेडिटेशन करने के लिए ज्ञान मुद्रा में बैठ जाएं और ॐ अगस्ती शयीनाः का जाप शुरू करें. शरीर पर किसी प्रकार का जोर, प्रेशर या दबाव नहीं दें. अगर लेटे हुए हैं तो दोनों हाथों का ज्ञान मुद्रा में रखकर लेट जाएं. आंखें बंद कर लें. शरीर को मुर्दा की तरह ढीला छोड़ दें. श्वास धीमे लेना है. धीरे-धीरे ॐ अगस्ती शयीनाः का जाप करें.
हर श्वास के साथ यह मंत्र चलते रहना चाहिए. जैसे-जैसे शरीर ढीला होता जाएगा, इस मंत्र की तरंगें पहुंचना शुरू हो जाएंगी. जैसे-जैसे इस मंत्र की तरंगें आपके शरीर में पहुंचें. इसी मंत्र को ध्यान बना लें. इसी मंत्र का ध्यान लगा लें. मंत्र ही ध्यान हो जाएगा, ध्यान ही मंत्र हो जाएगा. आपके और मंत्र में कोई अंतर नहीं होना चाहिए. धीमे-धीमे शरीर, श्वास और प्राण एक होते जाएंगे. इस तरह नियमित रूप से मंत्र-मुद्रा-मेडिटेशन की मदद से आप अनिद्रा की समस्या से आसानी से निजात पा सकते हैं.
सिर्फ अनिद्रा ही नहीं, ध्यान और मंत्र-मुद्रा की मदद से आप हृदय संबंधी रोग, जोड़ों में दर्द जैसी 1-2 नहीं, बल्कि 48 बीमारियों से निजात पा सकते हैं. इसके लिए डाउनलोड करें वैदिक हीलिंग मंत्र ऐप. जिसमें 48 बीमारियों से संबंधित 48 मंत्रों व मुद्राओं के साथ-साथ 48 रोगों के लिए गाइडेड मेडिटेशन टेक्नीक यानी ध्यान के तरीक़ों की भी जानकारी दी गई है. इस तरह आप मंत्र, मुद्रा व ध्यान विज्ञान की इस प्राचीन विद्या का लाभ उठाकर स्वस्थ-निरोगी जीवन पा सकते हैं. ये ऐप एंड्रॉयड व आइओएस दोनों के लिए उपलब्ध है. मेडिटेशन की इन ख़ास तकनीकों के बारे में जानने के लिए 14 दिनों का फ्री ट्रायल पीरियड आज ही ट्राई करें और हमेशा स्वस्थ रहें.
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