पंचतंत्र की कहानी: भूखी चिड़िया (Panchatantra Story: Hungry Bird)

बहुत समय पहले की बात है. एक घंटाघर में टींकू चिड़िया अपने माता-पिता और 5 भाइयों के साथ रहती थी. टींकू चिड़िया छोटी और बेहद प्यारी थी. उसके पंख बड़े मुलायम थे. उसकी मां ने उसे घंटाघर की ताल पर चहकना सिखाया था.

उसी घंटाघर के पास ही एक घर भी था, जिसमें पक्षियों से प्यार करने वाली एक भली महिला रहती थी. वह टींकू चिड़िया और उसके परिवार के लिए रोज़ खाना खिलाती थी, वो उनको कभी रोटी तो कभी ब्रेड का टुकड़ा डाल देती थी जिससे उनका पेट भर जाता था.

लेकिन फिर वो महिला बीमार पड़ गई और उसकी मृत्यु हो गई. टींकू चिड़िया और उसका पूरा परिवार उस महिला द्वारा दिए गए खाने पर निर्भर था, लेकिन महिला की मौत के बाद अब उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं था.

लेकिन भूख से बेहाल होने पर टींकू चिड़िया के पिता ने कीड़ों का शिकार करने का फैसला किया. बहुत मेहनत और कोशिश के बाद उन्हें 3 कीड़े मिले, जो परिवार के लिए काफी नहीं थे, क्योंकि उनका परिवार बड़ा था. वे 8 लोग थे, इसलिए उन्होंने टींकू और उसके 2 छोटे भाइयों को खाना खिलाने का निर्णय लिया.

YouTube.com

इधर, खाने की तलाश में भटक रही टींकू, उसके भाई और उसकी मां ने एक घर की खिड़की में चोंच मारी, ताकि कुछ खाने को मिल जाए, लेकिन खाना तो दूर की बात है, उस घर के मालिक ने उन पर राख फेंक दी, जिससे उन तीनों का रंग भूरा हो गया.

उधर टींकू के पिता को आख़िरकार बड़ी मेहनत के बाद एक ऐसी जगह मिल गई जहां काफी संख्या में कीड़े थे. अब उनके कई दिनों के खाने का इंतजाम हो चुका था, इसलिए वो खुशी-खुशी ढेर सारे कीड़े लेकर घर पहुंचा, लेकिन वहां कोई नहीं था. घोंसले में किसी को भी न पाकर वो परेशान हो गया था और इतने में ही टींकू चिड़िया, उसका भाई और मां वापस लौटे, लेकिन उन पर राख गिरने के कारण भूरे रंग का होने पर पिता ने उन्हें पहचाना ही नहीं और उन्होंने सबको भगा दिया.

वो लोग निराश हो गए, लेकिन टींकू ने हार नहीं मानी. वो सब के पास के तालाब में गए और नहाकर अपने ऊपर लगी राख हटा दी. तीनों घोसले के पास आकर चहकने लगे, जिससे टींकू के पिता ने उन्हें पहचान लिया और माफी मांगी.

अब सब मिलकर खुशी-खुशी एक साथ रहने लगे. उनके पास खाने की भी कमी नहीं थी, क्योंकि उन्होंने अपनी मेहनत से खाना प्राप्त करना सीख लिया था और अब उनके पास खाने की कोई कमी नहीं थी.

सीख: अपनी ज़रूरतों के लिए कभी भी किसी पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि हम सबको खुद मेहनत करके अपना पेट भरना चाहिए और अपनी ज़रूरतें पूरी करनी चाहिए.

Geeta Sharma

Share
Published by
Geeta Sharma

Recent Posts

रिश्तों में क्यों बढ़ रहा है इमोशनल एब्यूज़? (Why is emotional abuse increasing in relationships?)

रिश्ते चाहे जन्म के हों या हमारे द्वारा बनाए गए, उनका मक़सद तो यही होता…

July 3, 2025

कहानी- वो लड़की कम हंसती है… (Short Story- Who Ladki Kam Hasti Hai…)

नेहा शर्मा “सब मुस्कुराते हैं, कोई खुल कर तो कोई चुपचाप और चुपचाप वाली मुस्कुराहट…

July 3, 2025

आपके मोबाइल की बैटरी की सबसे ज़्यादा खपत करते हैं ये ऐप्स (These Apps Drain Your Phone’s Battery the Most)

आपके पास चाहे कितना भी महंगा और लेटेस्ट फीचर्स वाला स्मार्टफोन क्यों न हो, लेकिन…

July 2, 2025
© Merisaheli