किसी भी चीज़ को टिकाऊ और व्यवस्थित रखने के लिए समय-समय पर उसकी साफ़-सफ़ाई ज़रूरी होती है. हमारे रिश्ते भी ऐसे ही होते हैं, अगर उन्हें भी टिकाऊ बनाना है, तो समय-समय पर उन्हें भी क्लीनिंग की ज़रूरत पड़ती है. अपने रिलेशनशिप में से तमाम बुरी आदतें, नकारात्मक भावनाएं दूर करके उन्हें क्लीन करें और अपने रिश्ते को बनाएं परफेक्ट.
ईगो: किसी भी रिश्ते की मज़बूती के लिए बहुत ज़रूरी है ईगो को बीच में न आने दिया जाए, लेकिन हम अपने अहम् को इतना महत्व देते हैं कि अधिकतर रिश्ते इसी के भेंट चढ़ जाते हैं.
– ईगो को इतना बड़ा बना लेते हैं कि उसके सामने रिश्ते छोटे लगने लगते हैं.
– छोेटी-छोटी बातों को अपने स्वाभिमान का विषय बनाकर अपनों से ही उलझ पड़ते हैं.
– बहुत ज़रूरी है कि अपने रिश्ते में से ईगो को क्लीन किया जाए, ताकि आपका रिश्ता रहे लॉन्ग लास्टिंग.
ईर्ष्या: अपने रिश्ते को सेफ रखने के लिए बहुत ज़रूरी है कि ईर्ष्या को मन में न पनपने दें. चाहे कोई भी रिश्ता हो, ईर्ष्या अगर दिल में घर कर जाए, तो क़रीबी रिश्ते को भी ख़त्म कर सकती है.
– अपनी भावनाएं सकारात्मक रखें.
– नकारात्मक विचार मन से निकाल दें.
– यदि किसी में कोई कमी या कमज़ोरी भी है, तो भी उसके गुणों पर ध्यान दें.
– किसी की सफलता पर ईर्ष्या करने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. बेहतर होगा कि इस दुर्गुण को अपने रिश्ते से क्लीन करें, प्रशंसा करना सीखें और रिश्ते को पॉज़िटिव बनाएं.
कम्यूनिकेशन गैप: अक्सर हमें एहसास ही नहीं हो पाता और हमारे बीच मौन पसर जाता है. अंजाने में ही हम अपने रिश्ते के प्रति इतने कैज़ुअल होते चले जाते हैं कि आपस में बातचीत करना हमारी प्राथमिकता में रहता ही नहीं.
– बेहतर होगा कि कम्यूनिकेशन गैप को क्लीन करें और आपस में बात और शेयरिंग का सिलसिला जारी रखें.
– न स़िर्फ अपने सुख-दुख, बल्कि छोटी-छोटी बातें भी शेयर करने का अलग ही सुख होता है. इससे रिश्ते मज़बूत बनते हैं.
ठंडापन: रिश्ते में ठंडापन और उदासीनता ख़तरे की निशानी है. अगर आपका रिश्ता भी इसी स्थिति से गुज़र रहा है, तो अलर्ट हो जाएं और इसे अपने रिलेशनशिप से दूर करें.
– रोमांटिक पलों को एंजॉय करें और ऐसे पलों को ज़रूर चुराएं, जो आप दोनों को क़रीब लाएं.
– सरप्राइज़ दें, डेट्स प्लान करें.
– कुछ नया करें, ताकि एक्साइटमेंट बना रहे.
सेक्स के प्रति अरुचि: सेक्स एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इसे नज़रअंदाज़ करना रिश्ते के लिए ख़तरनाक हो सकता है.समय के साथ-साथ सेक्स के प्रति अरुचि होने लगती है, जिससे रिश्ता उबाऊ होने लगता है.
– एक-दूसरे के प्रति आकर्षण बना रहे, इसका प्रयास जारी रखें.
– अपनी फिटनेस व पर्सनल हाइजीन का ख़्याल भी रखें.
– पार्टनर को कॉम्प्लीमेंट्स दें. रोमांटिक बातें करें.
– बेडरूम का डेकोर भी रोमांटिक ही रखें. बीच-बीच में डेकोर बदलते रहें, ताकि नीरसता न आए.
झूठ और अविश्वास: अपने रिश्ते को झूठ और अविश्वास जैसी चीज़ों से बचाएं. विश्वास की बुनियाद पर ही रिश्ते खड़े होते हैं.
– बेहतर होगा कि ऐसी नौबत न आए कि आपको झूठ बोलना पड़े.
– कोई भी बात हो, अपने पार्टनर से ज़रूर शेयर करें, क्योंकि बातें छिपाने पर ग़लतफ़हमियां बढ़ती हैं.
– ग़लतफ़हमियां बढ़ने पर अविश्वास भी बढ़ता है, जिससे रिलेशनशिप में और उलझनें बढ़ने लगती हैं.
शक: अपने पार्टनर पर विश्वास करें. बात-बात पर या बेवजह शक करना या बहुत अधिक रोक-टोक व सवाल-जवाब करना सही नहीं. इससे पार्टनर को लगेगा कि आपको उन पर भरोसा नहीं.
– शक करने की कोई बड़ी वजह हो, तो बेहतर होगा कि आपस में बातचीत करके मसला हल करें.
– बेवजह मन में कड़वाहट पाले रखने से आपके स्वभाव व आपके रिश्ते पर नकारात्मक असर ही होगा.
– भरोसा करना सीखें. इससे रिश्तों में अपनापन और प्यार बढ़ता है और सामनेवाला भी आप पर भरोसा करके ख़ुद को सहज महसूस करता है.
अत्यधिक अपेक्षाएं: अपेक्षाएं स्वाभाविक हैं, लेकिन अत्यधिक अपेक्षाएं स़िर्फ दुख और निराशा ही देती हैं. ख़ुद को, अपने रिश्ते को इस कसौटी पर हमेशा परखें कि आपने क्या और कितनी अपेक्षाएं पाली हुई हैं.
– अपने साधनों और एक-दूसरे के स्वभाव को जानने के बाद कुछ बदलाव आपको करने ही होंगे.
– यह अपेक्षा करना कि सब कुछ आपके मन मुताबिक़ ही होगा, सही नहीं.
– रिश्तों में त्याग व समर्पण करना ही पड़ता है, तभी वे टिकते हैं.
– समय-समय पर अपने रिश्ते का विश्लेषण ज़रूर करें और नकारात्मक चीज़ों को बाहर करके रिश्ते को क्लीन करें.
रिश्ते को समय न देना: समय के साथ-साथ हम अपने रिश्ते को बहुत ही कैज़ुअली लेने लगते हैं. अपने प्रोफेशन से लेकर दोस्तों तक को हम समय देते हैं, लेकिन धीरे-धीरे अपने रिश्ते को ही समय देना भूल जाते हैं.
– यह ग़लती कभी न करें. आपके अपनों को सबसे ज़्यादा आपके समय की ही ज़रूरत होती है.
– समय निकालकर उन्हें ख़ुश करें और उन्हें स्पेशल फील करवाएं.
ज़िद व ग़ुस्सा: हर बात पर ज़िद करना या ग़ुस्सा होना ठीक नहीं है. अगर आप ऐसा करते हैं, तो संभल जाइए.
– ज़िद व ग़ुस्सा जैसी भावनाएं अच्छे से अच्छे रिश्ते को तोड़ सकती हैं.
– अपने रिश्ते को बचाए रखने के लिए आपको इन भावनाओं पर नियंत्रण करना ही होगा.
ताने देना: कुछ लोगों की आदत होती है बात-बात पर ताने देने की. कभी लड़ाई-झगड़े के दौरान, तो कभी मज़ाक के नाम पर भले ही आप ताने देते हों, लेकिन आपकी कही बातें सामनेवाले को तकलीफ़ दे सकती हैं.
– अपने चाहनेवालों का सम्मान करें. उन्हें सबके सामने नीचा दिखाने से बचें.
– जाने-अंजाने अगर आपमें यह आदत है, तो इसे समय रहते ठीक कर लें, वरना आपके रिश्ते पर यह भारी पड़ सकती है.
– विजयलक्ष्मी
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