प्यार का एहसास हर किसी के लिए बहुत ही ज़्यादा ख़ूबसूरत होता है. शुरुआत में तो कुछ सालों तक ये…
हर पुरुष की दिली ख़्वाहिश होती है कि उसकी पत्नी बेहद ख़ूबसूरत हो, मगर ख़ूबसूरती के साथ ही पुरुष पत्नी…
एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही. महाठग सुकेश चंद्रशेखर से अपने रिश्ते को लेकर पिछले दिनों…
हर रिश्ते की अपनी खूबसूरती होती है और उसी के साथ-साथ हर रिश्ते की अपनी मर्यादा भी होती है. कहते हैं रिश्ता तभीज़्यादा टिकाऊ होता है जब आप उसमें कुछ छूट यानी स्पेस या आज़ादी देते हैं और वहीं ये भी सच है कि कुछ ज़्यादा हीकैज़ुअल अप्रोच आपके रिश्ते के लिए घातक भी साबित हो सकती है. पति-पत्नी का रिश्ता भी ऐसा ही प्यारा सा रिश्ता है, जिसमें विश्वास, दोस्ती और मर्यादा का समन्वय ज़रूरी होता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या अपने रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए इसमें दोस्ती का पुट ज़्यादा होना चाहिए या फिर शिष्टाचार का पालन ज़्यादा करना चाहिए? पति-पत्नी के बीच दोस्ताना व्यवहार अच्छा तो है लेकिन सात फेरों के बंधन में बंधने के बाद वो रिश्ता थोड़ा बदलजाता है. इस रिश्ते को सम्मान और लिहाज़ से सींचना पड़ता है.इसमें विश्वास की नींव डालनी पड़ती है. इसमें प्यार और दोस्ती भी निभानी पड़ती है. ऐसे में आप या हम कोई एक दायरा नहीं बना सकते कि क्या कम हो और क्या ज़्यादा, क्योंकि हर कपल अलग होता है. उसकी सोच और अपने रिश्ते से उम्मीद भी अलग ही होती है. हां इतना ज़रूर हम तय कर सकते हैं कि इस रिश्ते में दोस्ती कब और कैसे निभाई जाए और शिष्टाचार का पालन कब और कितना किया जाए.ज़ाहिर से बात है कि अगर आप दोनों दोस्त नहीं बनेंगे तो आपका रिश्ता महज़ औपचारिक बनकर रह जाएगा, जिसमें एक झिझक और संकोच हमेशा बना रहेगा. ऐसे में न खुलकर दिल की बात शेयर कर सकेंगे, न एक साथ मिलकर हंस सकेंगे और न दोस्तों की तरह शिकायतेंकर सकेंगे, इसलिए दोस्ती पहला स्टेप है पति-पत्नी के रिश्ते की बुनयाद को मज़बूती देने की तरफ़. एक दोस्त की तरह उनका दुःख बांटें, उनका विश्वास जीतें. पता है लोग अपने प्रेमी-प्रेमिका या पति-पत्नी से जोबातें शेयर करने से झिझकते हैं वो बातें वो खुलकर अपने दोस्तों के साथ शेयर करते हैं, इसकी वजह जानते हैं? क्योंकि लगभग सभी का ये मानना है कि दोस्त हमें जज नहीं करते, वो हमें और हमारी कमज़ोरियों को बेहतर तरीक़ेसे समझते हैं. यही वजह है कि आपको सबसे पहले अपने पार्टनर को हर बात पर जज करना, परखना बंद करना होगा और उसकीजगह उनको समझना शुरू करना होगा, ताकि आप ही एक-दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त बन जाएं.अगर पति को कोई कलीग खूबसूरत और स्टाइलिश लगती है तो वो खुलकर कह सके बिना इस डर के कि आप इसआधार पर उनके चरित्र को जज न करें बल्कि ये सोचें कि ये तो इंसानी फ़ितरत है, आपके पार्टनर आपसे शेयर तोकर रहे हैं.इसी तरह अगर पत्नी भी अपने किसी मेल दोस्त या कलीग की सराहना करती है तो पति को उसे स्पोर्टिंगली लेना चाहिए. आपका रिश्ता ऐसा होना चाहिए जिसमें छोटी-छोटी बातों से आपको परखे जाने का डर न हो. इन बातों से आपके रिश्ते पर असर न हो. इस तरह से दोस्ती का एक रिश्ता आपको क़ायम करना चाहिए. वहीं दूसरी ओर ये भी न हो कि रिश्ते में आप दोनों इतने बेपरवाह हो जाएं कि बस सिर्फ़ दोस्त ही बनकर रह जाएं. शिष्टाचार का मतलब ये न निकालें कि रिश्ते को औपचारिक बना लें. लेकिन हां, एक-दूसरे का सम्मान करें. दूसरों के सामने एक-दूसरे को बेवजह टोकें नहीं. सॉरी, थैंक्यू और प्लीज़ जैसे मैजिक वर्ड्स का इस्तेमाल न स़िर्फ शिष्टता दर्शाता है, बल्कि रिश्ते को मज़बूत भी बनाता है.इसलिए आपसी बातचीत में शब्दों का चयन भी बहुत मायने रखता है.ध्यान रहे आप एक-दूसरे के पार्टनर हैं न कि गार्जियन, इसलिए स्कूलिंग न करें एक-दूसरे की.एक-दूसरे की सलाह लें, हर छोटे-बड़े मसले पर. शेयर करें, केयर करें. पार्टनर की राय का सम्मान करें. एक-दूसरे से परिवार वालों को भी रेस्पेक्ट दें. दूसरों के सामने बहुत ज़्यादा सवाल-जवाब न करें, अगर कहीं कोई संदेह है तो अकेले में बात करें. एक-दूसरे के काम में हाथ बंटाना भी शिष्टाचार है और शादी में ये बहुत ज़रूरी है.अपनों से बात करते वक़्त हम अक्सर अपने शब्दों के चयन पर ध्यान नहीं देते. हम यह सोचते हैं कि अपनों के साथ क्या औपचारिकता करना और इसी सोच के चलते हम अक्सर शिष्टता भूल जाते हैं. चाहे अपने हों या अन्य लोग, तमीज़ से, प्यार से बात करेंगे, तो सभी को अच्छा ही लगेगा. अपनों के साथ तो और भीसतर्क रहना चाहिए, क्योंकि हमारे द्वारा कहा गया कोई भी कटु शब्द उन्हें ज़्यादा हर्ट कर सकता है, जिससे मन-मुटाव हो सकता है. गलती होने पर माफ़ी मांगने से पीछे न हटें. अपने ईगो को एक तरफ़ रखकर यही सोचें कि गलती किसी से भी होसकती है, अगर आपसे भी हुई है तो पार्टनर से माफ़ी मांगें. इसके अलावा खाने-पीने से संबंधित शिष्टाचार भी ज़रूरी है. बहुत ज़्यादा आवाज़ करके या जल्दी-जल्दी न खाएं. पर्सनल हाईजीन यानी खुद को साफ़-स्वच्छ रखना भी शिष्टता में आता है. अपने पार्टनर और रिश्ते के प्रति इतनेबेपरवाह न हो जाएं कि अपनी ओर ध्यान ही न दें. पार्टनर भले ही कहें नहीं लेकिन उनको भी ये पसंद नहीं आएगा, इसलिए पर्सनल हाईजीन से लेकर ओरल हाईजीन का भी ख़याल रखें. कुल मिलाकर दोस्ती और शिष्टाचार के बीच एक सामंजस्य, समन्वय और संतुलन ही रिश्ते की सफलता की चाभी है. हनी शर्मा
एक-दूसरे से अलग होते हुए भी स्त्री और पुरुष साथ चलते हैं, परिवार और रिश्ते निभाते हैं, मगर उनकी चाहतें…
रिश्तों की डोर काफ़ी नाज़ुक होती है इसमें ज़रा सा ढीलापन या ज़रूरत से ज़्यादा खिंचाव इसे तोड़ सकता है. बेहतर होगाकि हम अपने रिश्तों को संतुलित और सहज रखें. छोटी-छोटी बातों और ग़लतियों को इतना बड़ा ही न बनने दें कि रिश्तेपर आंच आ जाए. फ़ॉलो करें ये टिप्स जिन्हें आप भी जानते-समझते हैं लेकिन बस नज़रअंदाज़ कर देते हैं. डाउनलोड करें हमारा मोबाइल एप्लीकेशन https://merisaheli1.page.link/pb5Z और रु. 999 में हमारे सब्सक्रिप्शन प्लान का लाभ उठाएं व पाएं रु.…
आंखों से दिल का हाल बताने वाली महिलाओं से यूं तो कोई बात छुपाए नहीं छुपती, पर बात जब जीवनसाथी…
करियर को बेहतर बनाने के लिए जिस तरह आपको एडवाइज़ की ज़रूरत पड़ती है, उसी तरह पति-पत्नी के रिश्ते में…
“काजल तू यहां क्या कर रही है? आज शाम को तो शशि जा रहा है न फिर से ड्यूटी जॉइन करने, उसके साथ होना चाहिएतुझे. आख़िर शादी होने वाली है तुम दोनों की… वैसे भी शशि न सिर्फ़ तेरे भइया के साथ फ़ौज में था, उनका दोस्त था, बल्कि तेरा प्यार भी तो है.” “नहीं भाभी, मुझे शशि से बात नहीं करनी और ना ही शादी, उसके लिए उसका काम ही सब कुछ है…” “काजल इतनी सी बात के लिए ऐसा नाराज़ नहीं होते… मैं बस इतना कहूंगी कि प्यार भरे पलों को यूं व्यर्थ की बातों मेंबर्बाद मत करो, उनको जितना हो सके समेट लो, वक़्त का कोई भरोसा नहीं, न जाने फिर कभी किसी को मौक़ा दे, नदे…” काजल से बात करते हुए मैं पुराने दिनों की यादों में खो गई… मैं और काजल बचपन के साथी थे. हम साथ ही कॉलेज के लिए निकलते थे. रोज़ की तरह आज भी मैं काजल के घर गईतो दरवाज़ा खुलते ही एक बेहद आकर्षक लड़का मेरे सामने था. मैं एक पल के लिए तो सकपका गई, फिर पूछा मैंने- “जीवो काजल?” “काजल पास के मेडिकल स्टोर पर गई है अभी आती होगी. अंदर आ जाओ.” मैं भीतर चली गई, घर में कोई नहीं था. इतने में ही आवाज़ आई- “तुम ख़ुशबू हो ना?” “हां, और आप विनोद?” “अरे वाह! बड़ी जल्दी पहचान लिया, दरवाज़े पर तो ऐसे खड़ी थी जैसे कि भूत देख लिया हो…” “नहीं वो इतने टाइम के बाद आपको देखा… काफ़ी बदल गए हो.” “हां, क्या करें, फ़ौजी हूं, पोस्टिंग होती रहती है, तो यहां आना ही कम होता है, फ़िलहाल बॉर्डर पर हूं. वैसे बदल तो तुम भी गई हो, मेरा मतलब कि काफ़ी खूबसूरत हो गई हो.” मैं झेंप गई और इतने में ही काजल भी आ गई थी. “ख़ुशबू विनोद भइया से मिलीं?” “हां काजल, चल अब कॉलेज के लिए देर हो रही है.” कॉलेज से आने के बाद मैं बचपन के दिनों में खो गई. विनोद, काजल और मैं बचपन में साथ खेला करते थे. विनोद हमसे बड़े थे थोड़ा, लेकिन हमारी खूब पटती थी. उसके बाद विनोद डिफेंस फ़ोर्स में चले गए और उनसे मुलाक़ातें भी ना केबराबर हुईं. लेकिन आज विनोद को एक अरसे बाद देख न जाने मन में क्यों हलचल सी हो गई. …
हम अक्सर अपने सबसे करीबी रिश्तों को ही गंभीरता से नहीं लेते. एक वक़्त के बाद हम उनके प्रति लापरवाह या यूं कहेंकि बेपरवाह से हो जाते हैं और यहीं से शुरुआत होने लगती है समस्याओं की. धीरे-धीरे कम्यूनिकेशन कम होने लगता गई, नीरसता बढ़ती जाती है और एक रोज़ अचानक महसूस होता है कि रिश्ते में रहकर भी आप अकेले हैं. जब रिश्ते इसदहलीज़ तक पहुंच जाते हैं तो उनको टूटने में भी ज़्यादा वक़्त नहीं लगता. बेहतर होगा कि ऐसी नौबत ही क्यों आने दें कि रिश्ता टूटने के कगार तक पहुंच जाए. क्यों न अपने रिश्ते को हमेशातारोताज़ा बनाए रखा जाए, लेकिन उसके लिए थोड़ी सी कोशिश करनी होगी, तो इन टिप्स को आज़माएं और अपने रिश्तेको रिफ्रेश करें… रिश्ता भले ही पुराना हो गया हो, लेकिन उसमें कुछ नया हमेशा ट्राई करते रहें.रिश्ते में अगर आप नया नहीं करेंगे वो वो बोरिंग होने लगेगा. आप हर दिन जैसे बाक़ी कामों के लिए समय निकालते हैं उसी तरह अपने पार्टनर और अपने रिश्ते के लिए भी रोज़वक़्त निकालें. इस वक़्त को आप सिर्फ़ अपने और अपने पार्टनर के लिए रखें. उसमें आप चाहें तो बैठकर चाय या कॉफ़ी पिएं, बातेंकरें, दिनभर की छोटी-बड़ी घटनाओं का ज़िक्र करें. ध्यान रहे इस वक़्त में आप शिकायतें न करें, सिर्फ़ पॉज़िटिव बातें करें.शेयर करने से ही रिश्तों में भावनाएं और गर्माहट बनी रहेगी. हमेशा शिकायतें ही न करते रहें. इससे नकारात्मकता फैलती है.हंसी-मज़ाक़ करें.कॉम्प्लिमेंट दें. एक-दूसरे को छेड़ें, मूड लाइट करें.रोमांस को ज़िंदगी से ग़ायब न होने दें. छोटी-छोटी कोशिशें रिश्तों में बड़ी मज़बूती लाती है. जिस तरह पार्टनर की खूबियों को अपनाते हैं वैसे ही उसकी कमियों को भी अपनाना सीखें. अपने हिसाब से किसी को भी बदलने के लिए फ़ोर्स न करें. ना ही बात-बात पर तानें दें. एक-दूसरे को स्पेस भी दें, हमेशा सिर पर सवार न रहें.हर छोटे-बड़े फ़ैसले में पार्टनर की राय भी ज़रूर लें.वीकेंड पर पिकनिक या आउटिंग की प्लानिंग करें. इससे रूटीन में थोड़ा बदलाव और नयापन आएगा.थोड़ा-बहुत झूठ भी बोलें, एक-दूसरे की झूठी तारीफ़ भी करें. ओवर रोमांटिक होने से रिश्ते में एक ताज़गी बनी रहतीहै.एक-दूसरे को गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड की तरह ट्रीट करें न कि पति-पत्नी की तरह.गिफ़्ट्स दें, सर्प्राइज़ प्लान करें. एक साथ जॉगिंग पर जाएं या शाम को वॉक पर जाएं. कोई हॉबी क्लास जॉइन करें.हर जगह बच्चों को लेकर जाने की ज़रूरत नहीं. सिर्फ़ आप दोनों रोमांटिक डेट पर जाएं.सेकंड हनीमून भी अच्छा आइडिया है. अपने पैरेंट्स या दोस्तों को बहुत ज़्यादा अपनी निजी ज़िंदगी में दख़ल न देने दें. सुनें सबकी पर करें अपने मन की. अपने रिश्ते को लेकर हमेशा पॉज़िटिव रहें. भले ही कुछ अनबन हो जाए आपस में लेकिन उसे रिश्ते का एक अंगमानकर स्वीकार लें. अगर सॉरी या थैंक यू कहने से काम बनता है तो झिझकें नहीं.अपने रिश्ते को अपनी प्राथमिकता बनाएं, न कि अपने ईगो को. अपने पार्टनर की ख़ुशी को तवज्जो दें न कि अपने अहम की तुष्टि को. रिश्ते में नफ़ा-नुक़सान न सोचें, रिश्ते अपने आप में हमारी सबसे पहली ख़ुशी होनी चाहिए. अगर लंच साथ नहीं कर पाते तो कोशिश करें कि ब्रेकफ़ास्ट और डिनर साथ करें. भले ही सुबह थोड़ा जल्दी उठनापड़े. जब साथ हों तो वाक़ई में साथ रहें, अपने-अपने फ़ोन से ब्रेक ले लें.कभी एक प्यारभरा किस तो कभी अपने हाथों से कुछ स्पेशल बनाकर खिलाना वो जादू कर जाता है जो बड़े से बड़ाऔर महंगा तोहफ़ा भी नहीं कर पाता.अपने रिश्ते को रिफ्रेश करने के लिए बहुत ज़रूरी है कि अपनी सेक्स लाइफ़ को भी रोमांचित और रिवाइव करें. अपने घर का माहौल लाइट और रोमांटिक रखें. बेडरूम का डेकोर भी रोमांटिक हो.सेक्स को लेकर कुछ नया करें, कभी वीकेंड में स्वीट बुक करें तो कभी घर में ही नई जगह या नई पोज़ीशन ट्राई करें.पार्टनर को ये फ़ील कराएं कि वो आज भी आपको उतना ही अट्रैक्टिव लगते हैं जितना पहले. कभी फ़ोन पर हस्की वॉइस में बात करें.आई लव यू कहें या मैसेज करें. नॉटी बातें करने से झिझकें नहीं. कभी भी ये न सोचें कि अब बच्चे बड़े हो गए या वो मिडल एज में आ गए तो रोमांस करना सही नहीं.रोमांस की कोई एज नहीं होती, आप जब तक अपना दिल जवां और मूड ज़िंदादिल रखेंगे आपका रिश्ता उतना हीफ्रेश रहेगा.अपने रिश्ते को बेहतर करने के लिए एक अच्छा ऑप्शन ये भी है कि आप एक-दूसरे की जिम्मेदारियां बांटें, ताकिपार्टनर को लगे कि आप उनका साथ निभाने और बोझ कम करने के लिए हमेशा उनके साथ हैं.इसी तरह अपने पार्टनर को हर्ट करने से बचें. कड़वा न बोलें और अगर ग़ुस्से में कुछ मुंह से निकल भी जाए तो दिमाग़ठंडा होने पर माफ़ी मांग लें. इमोशनल ब्लैकमेलिंग से बचें. ये रवैया रिश्ते में ज़हर भर देता है, क्योंकि अपनों के साथ सौदेबाज़ी नहीं की जाती. उन्हें डरा-धमकाकर अपना काम नहीं निकलवाया जाता.अगर आप ऐसा कुछ करते हैं तो फ़ौरन अपना ये ऐटिट्यूड बदल दें. रोमांटिक म्यूज़िक सुनें वो भी साथ में या पुराने ऐल्बम निकालें, तस्वीरें देख कर बीते वक़्त को रिवाइव करें. पुरानीयादें ताज़ा करें. अपने पुराने दोस्तों के साथ पार्टी रखें. पुरानी रोमांटिक सिचूएशन्स को और दिनों को रिक्रीएट करें. हाईजीन और फिटनेस का ध्यान ज़रूर रखें. ना सिर्फ़ बॉडी हाईजीन या प्राइवट पार्ट्स की बल्कि ओरल हाईजीन और फिटनेस भी उतनी ही ज़रूरी है. ये न सिर्फ़ आपको हेल्दी रखती हैं बल्कि आपके रिश्ते को भी हेल्दी और फ्रेश रखती है.पार्टनर को या उसकी बातों को इग्नोर न करें या हल्के में न लें.माइंड गेम्स या पावर गेम्स न खेलें, रिश्तों में मैनिप्युलेशन आपके रिश्ते को तोड़ सकता है. पार्टनर को कंट्रोल में करने के उपाय न सोचें बल्कि उसका साथ देने की बात पर ज़ोर दें.अक्सर घरवाले या दोस्त-रिश्तेदार भी सलाह देते हैं कि ऐसा करोगे तो पार्टनर क़ाबू में रहेगा, आपकी हर बातमानेगा… दिन-रात आपको ही याद करेगा. इन चक्करों में न पड़ें, क्योंकि आपको लाइफ़ पार्टनर चाहिए न कि कोईरोबोट या गुड्डा-गुड़िया जो आपके इशारों पर नाचे.इन सबसे भले ही थोड़े समय के लिए आपको पार्टनर का अटेंशन मिल जाए, लेकिन लंबे समय तक यह करेंगे, तोपार्टनर की दिलचस्पी आप में कम हो जाएगी. रिश्ते में ठंडापन व ग़लतफ़हमियां बढ़ेंगी. जिससे रिश्ता टूट सकता है. इसी तरह पार्टनर की तारीफ़ या कामयाबी से जलें नहीं बल्कि गर्व करें. अगर पार्टनर थका हुआ है तो सेक्स के लिए ज़ोर न दें बल्कि एक हॉट मसाज देकर उसका मूड फ्रेश कर दें.चीट न करें और झूठ बोलने से बचें, क्योंकि झूठ रिश्तों को खोखला कर देता है, जिससे पार्टनर आप पर भरोसा नहींरख पाता. अपने साथी को अपने दोस्तों व ऑफ़िस कलीग से खुलकर मिलवाएं. अपने रिश्ते से उम्मीद और अपेक्षा सभी रखते हैं लेकिन ये ध्यान रहे कि ये अपेक्षाएं अनरीयलिस्टिक न हों.संयम और विश्वास रिश्ते में बेहद ज़रूरी हैं, आपका रिश्ता तभी तक ताज़ा रहेगा जब तक कि आप संयम औरविश्वास से काम लेंगे, क्योंकि संयम होगा तो नकारात्मकता नहीं पनपेगी और विश्वास होगा तो साथ बना रहेगा.रिश्ते को रिफ्रेश करने का एक और जादुई उपाय है- टच थेरेपी. जी हां, प्यार भरी, केयर से भरपूर हल्की से छुअन भीरिश्ते को रोमांचित कर जाती है.कभी सामान पकड़ाते समय हल्के से हाथ छू लिया, कभी नज़रों से ही प्यार से ही देख कर छू लिया, कभी किचन मेंकाम करती पत्नी को पीछे से आकर अचानक कमर से पकड़ किया तो कभी काम में डूबे पतिदेव के बालों मेंउंगलियों का कोमल स्पर्श दे दिया… ये तमाम बातें रिश्तों और रिश्ते में प्यार की ताज़गी को बनाए रखती हैं.साथ रह रहे हैं तो एक-दूसरे की हेल्थ के बारे में अपडेटेड रहें, एक-दूसरे के घरवालों की भी हेल्थ का पता रखें औरज़रूरत के वक्त साथ खड़े रहें. एक-दूसरे के घरवालों का पूरा सम्मान भी करें, इसका सीधा असर आपके रिश्तों परपड़ेगा और वो पॉज़िटिव और फ्रेश बना रहेगा. गोल्डी शर्मा
रिश्तों को बनाए रखना और निभाना भी एक कला है. जिसने इसे समझ लिया, उसने रिश्तों को संभाल लिया. आप…
कॉम्प्लिमेंटस किसे पसंद नहीं! हर कोई चाहता है कि उसके लुक्स, बिहेविअर, फैशन सेंस या फिर उनके एफ़र्ट्स के लिए…