घर के हर कोने को साफ़ और व्यवस्थित रखना चाहती हैं, तो अपनाएं ये स्मार्ट होम मैनेजमेंट ट्रिक्स और कहलाएं स्मार्ट होम मैनेजर. Home Management लिविंग…
Home Management
घर के हर कोने को साफ़ और व्यवस्थित रखना चाहती हैं, तो अपनाएं ये स्मार्ट होम मैनेजमेंट ट्रिक्स और कहलाएं स्मार्ट होम मैनेजर. Home Management
लिविंग रूम
* सबसे पहले तो लिविंग रूम को फर्नीचर और एंटीक चीज़ों से भरने की ग़लती न करें. जितना ज़रूरी है, उतने ही फर्नीचर और डेकोरेटिव पीसेस रखें. इससे मैनेज करना आसान हो जाता है.
* सोफा कवर या पर्दे थोड़े डार्क कलर के सिलेक्ट करें. ये जल्दी गंदे नहीं लगते.
* अगर लाइट कलर इस्तेमाल कर रही हैं, तो बेहतर होगा कि सोफा कवर, पर्दे, कुशन कवर्स आदि के एक से ज़्यादा पेयर रखें, ताकि इसकी क्लीनिंग आसान हो जाए.
* कई सारे फोटोफ्रेम्स की बजाय सारे फोटो का कोलाज बनाकर एक-दो फ्रेम लगाएं. इससे लिविंग रूम को क्लीन लुक मिलेगा.
* सोफे के पीछे की जगह को स्मार्टली यूज़ करें. एक्स्ट्रा ब्लैंकेट, कुशन्स, डेकोरेटिव आइटम्स को बक्से में भरकर सोफे के पीछे रख दें. एक्स्ट्रा बुक्स को भी आप ट्रंक में भरकर यहां रख सकती हैं.
* अपना एंटरटेनमेंट कॉर्नर एक बार चेक करें. डीवीडी या सीडी का कलेक्शन चेक करें. जो मूवी आप देख चुके हैं और जिसका कलेक्शन आपको नहीं रखना है, उसे हटा दें. गैरज़रूरी चीज़ों को घर में न रखें. इससे घर मैनेज करना आसान हो जाएगा और समय की भी बचत होगी.
* हर डेकोरेटिव आइटम या पीस को ये सोचकर सहेजती न जाएं कि इतने पैसे ख़र्च किए थे या अब कहां मिलेंगी ऐसी चीज़ें. इससे आपका घर एंटीक चीज़ों का स्टोर बन जाएगा और आपके लिए उन्हें मैनेज करना भी मुश्किल हो जाएगा. अगर नई चीज़ें घर में लाती हैं, तो पुरानी चीज़ों को हटाना ही पड़ेगा.
* यदि आपने लिविंग रूम में लोटस पॉन्ड, वास आदि रखे हैं, तो उसकी क्लीनिंग का ख़ास ख़्याल रखें. उसका पानी रोज़ाना बदलती रहें, ताकि बीमारियां न पनपने पाएं.
* क़िताबों को शीशे की आलमारी में रखें. इससे क़िताबों को ढूंढ़ना आसान हो जाएगा. हां समय-समय पर इनकी सफ़ाई करना न भूलें.
* यह सोचकर सफ़ाई को टालती न रहें कि इकट्ठे ही सफ़ाई करेंगी. हर 15 दिन में सफ़ाई करती रहें. इससे जहां आपका घर हेल्दी बना रहेगा, वहीं क्लीन भी लगेगा.
किचन मैनेजमेंट
* जो चीज़ें अक्सर इस्तेमाल में आती हैं, उन्हें एक ही जगह रखें, ताकि उन्हें ढूंढ़ने में समय बर्बाद न हो.
* क्रॉकरी को भी उसके यूज़ के हिसाब से अरेंज करें. रोज़ाना या अक्सर यूज़ होनेवाली क्रॉकरी निचले शेल्फ में रखें और कभी-कभार होनेवाली क्रॉकरी को ऊपर के शेल्फ में रखें.
* गैस के पास ही कुकिंग रेंज सेट करें जैसे कि मसालों, नमक, शक्कर के जार, कुकिंग पैन, कड़ाही आदि को गैस के पास के शेल्फ में ही रखें, ताकि इस्तेमाल में आसानी हो.
* किचन में हर समय शॉपिंग लिस्ट लगाकर रखें. जैसे ही कोई चीज़ आउट ऑफ स्टॉक होती है, फ़ौरन उसे लिस्ट में शामिल कर लें. इससे आपको पता रहेगा कि किचन में क्या चीज़ें नहीं हैं और अंतिम समय में होनेवाली भागदौड़ से आप बच जाएंगे.
* कई महिलाओं की आदत होती है कि कोई भी प्लास्टिक कंटेनर खाली होता है, तो उसे किचन में यूज़ करने लगती हैं. इससे किचन अन ऑर्गनाइज़्ड तो लगता ही है, मेसी भी लगने लगता है. इसलिए बेहतर होगा कि प्लास्टिक कंटेनर्स का मोह छोड़ें और जितनी ज़रूरत हो, उतने ही कंटेनर्स रखें.
* फ्रिज को गैरज़रूरी चीज़ों का स्टोरेज युनिट न बनाएं. ख़राब हो चुकी सब्ज़ियों, बासी चीज़ों को रोज़ाना हटाती रहें. इससे फ्रिज आसानी से मेंटेन तो होगा ही, आपके हेल्थ के लिए भी ये ज़रूरी है.
* किचन में साफ़-सफ़ाई का ख़ास ख़्याल रखें. एग्ज़ॉस्ट फैन ज़रूर लगवाएं. इससे किचन में धूल-मिट्टी कम जमती है और किचन क्लीन रहता है.
* किचन प्लेटफॉर्म के पास एक प्लास्टिक बैग टांगकर रखें और कुछ भी काटने के बाद कचरा उसमें ही डालें. ऐसा करने से किचन साफ़-सुथरा रहेगा. साथ ही नैपकिन्स भी ज़रूर रखें. हाथ पोंछने के लिए सूखे तौलिए या हो सके तो डिस्पोज़ेबल पेपर नैपकिन का इस्तेमाल करें.
बेडरूम
* बेडरूम के ड्रॉवर्स का इस्तेमाल अक्सर हम ग़ैरज़रूरी चीज़ों को स्टोर करने के लिए करते हैं और जब उन चीज़ों की ज़रूरत पड़ती है, तो उन्हें ढूंढ़ने में पूरा बेडरूम ही तहस-नहस कर देते हैं. इसलिए ऐसा करने से बचें. हर चीज़ के लिए एक जगह निर्धारित करें और उसे इस्तेमाल के बाद वहीं रखें. इससे आपका बेडरूम तो ऑर्गनाइज़ रहेगा ही, आपके समय की भी बचत होगी.
* बेड स़िर्फ सोने के लिए नहीं होते. इसके नीचे-ऊपर और आसपास की जगह को आप स्टोरेज के लिए स्मार्ट्ली यूज़ कर सकते हैं. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आप कहीं भी कुछ भी रख दें.
* इसके लिए आप कलरफुल स्टोरेज ट्रे और प्लास्टिक बिन लेकर आएं और इसमें सामान रखें. इसे आप बेड के नीचे या साइड में अच्छी तरह अरेंज कर सकती हैं. इन ट्रे और प्लास्टिक बिन्स को समय-समय पर क्लीन करती रहें.
* बेडरूम के हर फर्नीचर यहां तक कि नाइट टेबल का सिलेक्शन करते समय भी स्टोरेज को ध्यान में रखें.
* छोटे घरों में ड्रेसिंग टेबल भी अक्सर बेडरूम में ही रखा जाता है. कॉस्मेटिक्स के लिए कलरफुल ट्रे यूज़ करें. ज्वेलरी और
एक्सेसरीज़ के लिए हैंगिंग ऑर्गेनाइज़र का इस्तेमाल करें. इसमें कई पॉकेट्स बने होते हैं और इसमें आपके ईयरिंग्स, ज्वेलरी, वॉचेस आदि अच्छे से अरेंज हो जाते हैं.
* हर सुबह उठने के बाद नियम बनाएं कि पांच मिनट बेडरूम ऑर्गनाइज़ करने के लिए देंगे. सारे बेडशीट, पिलो, रजाई वगैरह फोल्ड करके रखें. कोई चीज़ ग़ैरज़रूरी लगे, तो उसे हटा दें. इससे आपका बेडरूम हमेशा मैनेज रहेगा.
वॉर्डरोब मैनेजमेंट
* हर सीज़न के बाद अपना वॉर्डरोब चेक करें. उसमें से जो भी कपड़े अगले सीज़न में इस्तेमाल में न आनेवाले हों, उन्हें वॉर्डरोब से हटा दें.
* जिन कपड़ों के बारे में तय नहीं कर पा रहे हैं कि पहनेंगे या नहीं, उन्हें भी वॉर्डरोब से बाहर निकाल दें.
* इसी तरह जब भी नए कपड़े, खिलौने, बुक्स आदि ख़रीदें, तो पुरानी और अनुपयोगी चीज़ों को निकाल दें. इससे ग़ैरज़रूरी चीज़ों से घर भरा नहीं रहेगा और मैनेज करना भी आसान हो जाएगा.
* हर सीज़न के कपड़े अलग-अलग रखें और एक सीज़न के ख़त्म होते ही वो कपड़े अच्छी तरह से क्लीन करके पैक करके रख दें, ताकि अगले सीज़न में आसानी से यूज़ कर सकें. इससे आपका वॉर्डरोब क्लीन और मैनेजेबल हो जाएगा.
* एक जैसे कपड़े, जैसे- शर्ट, सूट, वेस्टर्न वेयर, इंडियन वेयर, पार्टी वेयर आदि को वॉर्डरोब के एक हिस्से में रखें. इससे ज़रूरत पड़ने पर आपको पूरा वॉर्डरोब ढूंढ़ने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.
* हैवी सूट्स, साड़ियां, बच्चों के हैवी कपड़े, जेंट्स सूट, जो कभी-कभार ही पहने जाते हैं, उन्हें सूटकेस में रख दें.
* कई पॉकेट वाले हैंगिंग प्लास्टिक बैग्स को भी वॉर्डरोब में लटका कर रख दें. इसमें आप ज्वेलरी, कॉस्मेटिक्स, एक्सेसरीज़ आदि रख सकती हैं.
* स्टोरेज स्पेस बढ़ाने के लिए ड्रॉवर्स बनवाएं. इनमें कपड़े मैनेज करना भी आसान होता है.
* कपड़ों को हमेशा आयरन करके ही वॉर्डरोब में रखें. इससे जहां वॉर्डरोब आर्गनाइज़्ड रहेगा, वहीं कपड़े भी अच्छी कंडीशन में रहेंगे.
* अच्छी क्वालिटी के हैंगर्स ख़रीदें और इन पर ही कपड़े रखें. इससे कपड़ों पर सिलवटें नहीं पड़ेंगी और उनमें जंग लगने की संभावना भी नहीं रहेगी.
कुछ काम की बातें
* ऐसी कोई चीज़, जो अच्छी कंडीशन में हो, पर आपके काम न आती हो, उसे फेंकने से अच्छा है किसी को दान कर दें.
* बिज़नेस या विज़िटिंग कार्ड्स को मैनेज करना मुश्किल होता है, इसलिए बेहतर होगा कि उसे फोन में सेव कर लें या डिजिटल कॉन्टैक्ट लिस्ट
बना लें.
* ज़रूरी पेपर्स और बिल्स को यहां-वहां रखने की बजाय उसे फाइल करने की आदत डालें. इससे उनके खोने का डर नहीं रहेगा और ज़रूरत पड़ने पर वो आसानी से मिल भी जाएंगे.
घर को क्लीन लुक देने के लिए टूटी-फूटी, ख़राब हो चुकी और ग़ैरज़रूरी चीज़ों को तुरंत हटा दें, जैसे-
* एक्सपायर हो चुके फूड आइटम्स
* शॉपिंग, रेस्टोरेंट के बिल्स, जो ज़रूरी न हों
* टूटे हुए बेकार के इलेक्ट्रॉनिक या किचन अप्लायंसेस, गेम्स आदि
* पुराने कॉस्मेटिक्स, ज्वेलरी
* बच्चों के पुराने खिलौने
* ग़ैरज़रूरी कपड़े या अन्य सामान
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मीति और मधुर बचपन से एक ही स्कूल में पढते थे, लेकिन मधुर के पिता का अचानक निधन हो गया और उसे मीति का स्कूल छोड़ सरकारी स्कूल में दाख़िला लेना पड़ा. लेकिन आते-जाते अक्सर दोनों के रास्ते मिल ही जाते थे और उनकी नज़रें मिल जातीं, तो दोनों केचेहरे पर अनायास मुस्कुराहट आ जाती. स्कूल ख़त्म हुआ तो दोनों ने कॉलेज में एडमिशन ले लिया था. दोनों उम्र की उस दहलीज़ पर खड़े थे जहां आंखों में हसीन सपने पलने लगते हैं. मधुर भी एक बेहद आकर्षक व्यक्तित्व में ढल चुका थाऔर उसके व्यक्तित्व के आकर्षण में मीति खोती जा रही थी. कई बार मधुर ने उसे आगाह भी किया था कि मीति तुम एक रईस पिता की बेटी हो, मैं तो बिल्कुल साधारण परिवार से हूं, जहां मुश्किल से गुज़र-बसर होती है, लेकिन मीति तो मधुर के प्यार में डूब चुकी थी. वहकब मधुर के ख्यालों में भी बस गई थी वह यह जान ही नहीं पाया. मीति कभी नोट्स, तो कभी असाइनमेंट के बहाने उसके पास आ जाती, फिर कभी कॉफी, तो कभी आइसक्रीम, ये सब तो उसका मधुरके साथ नज़दीकियां बढ़ाने का बहाना था. अब मीति और मधुर क़ा इश्क कॉलेज में भी किसी से छिपा नहीं रह गया था. करोड़पति परिवार की इकलौती लाडली मीति कोपूरा विश्वास था कि मध्यवर्गीय परिवार के मधुर के कैंपस सेलेक्शन के बाद वह पापा को अपने प्यार से मिलवायेगी. मल्टीनेशनल कंपनी के ऊंचे पैकेज का मेल मिलते ही मधुर ने मीति को अपनी आगोश में ले लिया ऒर वह भावुक हो उठा, ”मीति, तुम तो मेरे जीवन मेंकी चांदनी हो, जो शीतलता भी देती है और चारों ओर रोशनी की जगमगाहट भी फैला देती है. जब हंसती हो तो मेरे दिल में न जानेकितनी कलियां खिल उठती हैं. बस अब मेरी जिंदगी में आकर मेरे सपनों में रंग भर दो.” मीति मधुर के प्यार भरे शब्दों में खो गई और लजाते हुए उसने अपनी पलकें झुका लीं और मधुर ने झट से उसकी पलकों को चूम लिया था. इस मीठी-सी छुअन से उसका पोर-पोर खिल उठा. वह छुई मुई सी अपने में सिमट गई. लेकिन इसी बीच मीति के पापा ने उसकी ख्वाहिश को एक पल में नकार दिया और मधुर को इससे दूर रहने का फरमान सुना दिया. मधुर उदास पराजित-सा होकर दूर चला गया. दोनों के सतरंगी सपनों का रंग बदरंग कर दिया गया था. मधुर ने अपना फ़ोन नंबर भी बदल दिया था और अपनी परिस्थिति को समझतेहुए मीति से सारे संबंध तोड़ लिये थे. मीति के करोड़पति पापा ने धूमधाम और बाजे-गाजे के साथ उसे मिसेज़ मेहुल पोद्दार बना दिया. उसका अप्रतिम सौंदर्य पति मेहुल केलिए गर्व का विषय था. समय के साथ वह जुड़वां बच्चों की स्मार्ट मां बन गई थी. पोद्दार परिवार की बहू बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमतीऔर अपने चेहरे पर खिलखिलाहट व मुस्कान का मुखौटा लगाए हुए अपने होने के एहसास और वजूद को हर क्षण तलाशती-सी रहती. उसे किसी भी रिश्ते में उस मीठी-सी छुअन का एहसास न हो पाता और वह तड़प उठती. सब कुछ होने के बाद भी वह खोई-खोई-सी…