मधुर समझ गए टेकराम अपने परिवार के लिए तरबूज लाया होगा. सुभागी ने पनाह देने की बात कही होगी. उपकार…
“बाबू, दरवाज़ा खोलो. मेरा बच्चा पानी में मर जाएगा...” ये तो सुभागी है. मधुर ने बिना सोचे-विचारे दरवाज़ा खोल दिया.…
उस दिन उन्होंने जोख़िम भरे करतबों को मनोरंजन की दृष्टि से नहीं, भूख से जोड़कर देखा था. पेट के लिए…