कहानी- दो प्याला ज़िंदगी

कहानी- दो प्याला ज़िंदगी 7 (Story Series- Do Pyala Zindagi 7)

सीमा मैं हवा की तरह जीना चाहता हूं. जिसका ना कोई आकार है और ना ही कोई ठिकाना. मैंने जीवन…

October 10, 2021

कहानी- दो प्याला ज़िंदगी 6 (Story Series- Do Pyala Zindagi 6)

  "क्या कहा तुमने? तुम्हारे हाथ से सब कुछ छूटता जा रहा है... हा..हा.. हा.. अरे भाई हम सब के…

October 9, 2021

कहानी- दो प्याला ज़िंदगी 5 (Story Series- Do Pyala Zindagi 5)

"ममा... मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूं. मैंने…" वह आगे कुछ कहना चाहती थी कि तभी रमेश बोला," सीमा, वह…

October 8, 2021

कहानी- दो प्याला ज़िंदगी 4 (Story Series- Do Pyala Zindagi 4)

उसे स्वयं को भी नहीं पता था कि वह सूरज की ओर खींचती चली जा रही थी. बगीचे की एक…

October 7, 2021

कहानी- दो प्याला ज़िंदगी 3 (Story Series- Do Pyala Zindagi 3)

सूरज तपाक से बोला, "अजनबी? कौन अजनबी..? कहीं आप मेरे बारे में तो नहीं कह रही? अजी, मुझे तो यहां…

October 6, 2021
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