सीमा मैं हवा की तरह जीना चाहता हूं. जिसका ना कोई आकार है और ना ही कोई ठिकाना. मैंने जीवन…
"क्या कहा तुमने? तुम्हारे हाथ से सब कुछ छूटता जा रहा है... हा..हा.. हा.. अरे भाई हम सब के…
"ममा... मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूं. मैंने…" वह आगे कुछ कहना चाहती थी कि तभी रमेश बोला," सीमा, वह…
उसे स्वयं को भी नहीं पता था कि वह सूरज की ओर खींचती चली जा रही थी. बगीचे की एक…
सूरज तपाक से बोला, "अजनबी? कौन अजनबी..? कहीं आप मेरे बारे में तो नहीं कह रही? अजी, मुझे तो यहां…