हमारे लिए कितना कठिन था एक-दूसरे के सामने औपचारिकता का नाटक करना. मैंने देखा बाहरी आवरण में तो उसमें बहुत…
उसने पहली बार अपने प्यार को शब्दों का जामा पहनाया. मैं निःशब्द होकर उसकी बातें सुनती रही. उसने मुंबई में…
'इतने सालों बाद तुम्हें कैसे मेरी याद आई?’ ‘याद तो उसकी आती है, जिसे भूला गया हो, मैं तो तुम्हें…
उससे संपर्क टूटने का मुझे बहुत दुख हुआ, लेकिन क्या करती, समय के साथ समझौता करना पड़ा. चोरी-चोरी, छुप-छुपकर आंसू…
अरे, यह तो श्याम है! मेरी हल्की-सी चीख निकल गई, दिल की धड़कनें तेज़ हो गईं. अकारण ऐसा लगा जैसे…