कमरे में सिर्फ़ मैं और राहुल रह गए. आंखों में असीम प्यार का सागर समेटे वह एकटक मुझे निहार रहा…
‘‘सोचा था, दोनों बहनें प्यार से एक ही घर में रहेंगी. इतना अच्छा लड़का, इतना बढ़िया घर-परिवार मिलेगा कहीं. परंतु…
जान-बूझकर ही मैं लाॅन में खड़ी भीगती रही, इस आस में कि शायद राहुल मुझे अंदर आने के लिए कहे,…
‘‘अरे, आप काॅफी पी रही हैं. गर्म दिमाग़वालों के लिए आइसक्रीम की व्यवस्था है.’’ उफ्फ़! क्या समझता है यह इंसान…
तो क्या यही वह संयोग था, जो मेरा भविष्य तय करने वाला था? मुंबई में दीदी के मकान का मुहूर्त…