कहानी- मुक्ति

कहानी- मुक्ति 5 (Story Series- Mukti 5)

मौत सिरहाने खड़ी है, इसीलिए मैं अपनी कमियों का विश्लेषण बहुत ईमानदारी से कर पा रही हूं. मैंने कहीं पढ़ा…

February 19, 2021

कहानी- मुक्ति 4 (Story Series- Mukti 4)

‘‘पापा, आपको अपनी पत्नी की इज़्ज़त प्यारी हो या न हो, किंतु मुझे अपनी मां से बहुत प्यार है. आपकी…

February 18, 2021

कहानी- मुक्ति 3 (Story Series- Mukti 3)

प्रथम रात्रि को सुहागरात की मधुरिम कल्पना से रोमांचित मैं अनुराग की प्रतीक्षा कर रही थी. कुछ क्षण बाद भावहीन…

February 17, 2021

कहानी- मुक्ति 2 (Story Series- Mukti 2)

इंसान की सभी कामनाएं पूर्ण हो जाएं, तब भी क्या वह मरना चाहेगा? मौत सिरहाने खड़ी हो, तो कौन जीवट…

February 16, 2021

कहानी- मुक्ति 1 (Story Series- Mukti 1)

चाहती तो यह थी कि वक़्त के साथ सांसारिक मोह-माया से धीरे-धीरे स्वयं को दूर कर लूं, किंतु मोह है…

February 15, 2021
© Merisaheli