“असत्य पर सत्य की जीत का स्लोगन अधूरा है. बच्चों को दशहरा-दीवाली को विजयदशमी नहीं विजय-यात्रा के रूप में पढ़ाया…
आज भी नींद खुलते ही एक भयानक सन्नाटा शोर करने लगता है कि सब ख़त्म हो चुका है. वो कहकहे,…
“हां, और हमें बताओ हम तुम्हारी क्या मदद कर सकते हैं.” सबने मेरी बात का ज़ोरदार समर्थन किया, पर रोहन…
“तुम क्या अंतर्यामी भी बन गए हो, जो मन मे प्रश्न आते ही उत्तर दे देते हो.” मेरे मुंह से…
‘यही तो! यही तो सबसे तकलीफ़देह है...’ मेरा मन चीखा और मैंने संवेदनाभरे हाथों से उसका हाथ थाम लिया, “दिल…
एक वो जिन्हें मेरी सेवा पर गर्व था और कहते थे जाने दो, बहुत कर चुकीं तुम और दूसरे वो…
उनके जीवन के बारे में सुना तो पहले भी था, पर सुनने और महसूस करने में अंतर होता है. उनकी…