मुझे एक गहरा धक्का लगा. एक झटके में मेरे सारे सपने बिखर गए. मैंने किसी तरह से अपने को…
न जाने क्यूं उस दिन तुम्हारे ज़ुबान से उसकी तारीफ़ सुन जलन-सी होने लगी थी. यूं ही आपस में…
पर... यह सब तो एक छलावा था, अपने आप को छलने का. चारों तरफ़ नज़रें घुमाई, तो सब आज…
थोड़ी संभली तो दिल ने कहां हे ईश्वर! आते ही यह कैसी परीक्षा लेने लगे. तुम्हारे घर के इतने…