Are you obsessed about losing all that excess fat but too lazy to work out and have fallen intoa trap…
Have you been following your diet religiously and not been witnessing the results for the same? Well, there is a…
As the season changes to warmer days ahead, the chances of contracting serious infections also increase manifold due to environmental…
While it’s always important to maintain as balanced a diet as you can throughout life, our age also plays a…
स्लिम-ट्रिम बॉडी तो हम सभी चाहते हैं लेकिन मुश्किल डायट प्लांस और उतनी ही कठिन एक्सरसाइज़ के चलते हम सभीके लिए वज़न को कंट्रोल करना चुनौतीपूर्ण काम बन जाता है. ऐसे में बढ़ते वज़न का क्या करें जो हमारे फिटनेस गोल कोपूरा नहीं होने देता. ऊपर से हमारी बिज़ी लाइफ़स्टाइल के चलते भी स्ट्रिक्ट डायट फ़ॉलो करना बेहद मुश्किल हो जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि हम आपको वज़न कम करने के आसान घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं जिनको फ़ॉलोकरना है बेहद आसान. बदलें अपना रूटीन और बदलें अपनी सोच भी… सबसे पहले एक डायरी में उस रूटीन को नोट करें जो आप अब तक फ़ॉलो करते आए हैं. क्या-क्या और कब-कब कितना खाते हैं. फ़िज़िकल एक्टिविटी कितनी है और स्ट्रेस लेवल कितना है.अब खुद से सवाल करें- क्या आप अपनी बॉडी से खुश हैं? क्या आप अपने इस रूटीन से खुश हैं? क्या आप वाक़ईवेटलॉस करना चाहते हैं?खुद ही जवाब ढूंढ़ें कि आप इस रूटीन में क्या बदलाव चाहते हैं? निराश न हों सकारात्मक सोच बनाकर शुरुआत करें. क्या बदलाव करें? वेटलॉस का मतलब खाना एकदम से बंद कर देना नहीं होता, बल्कि अनहेल्दी फूड को हेल्दी फूड से रिप्लेस करनाहोता है. अनहेल्दी लाइफ़स्टाइल हैबिट्स को हेल्दी में बदलना होता है. शुगर और नमक का सेवन कम करें.प्रासेस्ड फूड न खाएं. मैदा न खाएं और गेहूं व चावल के और भी हेल्दी ऑप्शंस ट्राई करें. मसाला चाय को ग्रीन टी से रिप्लेस करें. फ़िज़िकली थोड़े और एक्टिव हो जाएं. वॉक करें. सीढ़ियां चढ़ें. स्विमिंग या साइक्लिंग भी बेटर ऑप्शन है. चाहें तो डान्स क्लास जॉइन करें. समय पर सोएं, देर रात तक न जागें. नींद पूरी न होने से भी वज़न बढ़ता है.लेट नाइट स्नैकिंग से बचें. मंचिंग के लिए हेल्दी चीज़ें घर में रखें. सनसेट के बाद खाना अवॉइड करें. अगर फ़िज़िकल एक्टिविटी कम है तो ड्राई फ़्रूट्स का ज़्यादा सेवन न करें. इसी तरह शुगरी फ़्रूट्स भी ज़्यादा नखाएं. ग्रीन की जगह ब्लैक ग्रेप्स खाएं. पपीते का सेवन करें. इसे आप रात को भी खा सकते हैं. ये पेट भी साफ़ करता है और पाचन तंत्र को हेल्दी बनाताहै. टीवी या लैपटॉप देखते हुए खाना न खाएं. जल्दी-जल्दी न खाएं. एरिएटेड शुगरी ड्रिंक्स बंद कर दें.दो या तीन बार भरपेट खाने की बजाय मील्स को 5-6 छोटी-छोटी मील्स में बांट लें.हेल्दी व पौष्टिक नाश्ता करना शुरू करें. स्टडीज़ से साबित हुआ है जो लोग ब्रेकफ़ास्ट करते हैं उनको मोटापा वडायबिटीज़ का ख़तरा कम रहता है. साथ ही उनको अनहेल्दी, जंक फ़ूड खाने की क्रेविंग्स भी कम होती है.स्ट्रेस ईटिंग से बचें. स्ट्रेस कम करने के लिए रोज़ कुछ देर मेडिटेशन करें. योगा व प्राणायाम भी कारगर हैं काफ़ी. भोजन के बाद वज्रासन में कुछ देर बैठें. खुद खाना पकाएं और बाहर का खाना कम से कम खाएं.मोबाइल फ़ोन पर बात कर रहे हों तो टहलते हुए करें. बहुत देर तक एक ही जगह पर न बैठे रहें. होम रेमेडीज़ ठंडे पानी की बजाय गुनगुना पानी पिएं. दिन भर ऐसा ही गुनगुना पानी पिएं. सुबह गुनगुने नींबू पानी में शहद मिलाकर पिएं.एलोवीरा जूस व आंवले के रस का सेवन भी वेटलॉस करता है.दालचीनी भी वज़न कम करने में बेहद कारगर है. अपने सलाद या दही में इसका पाउडर मिलाकर सेवन करें या फिरदालचीनी को पानी में उबालकर छानकर इसमें शहद मिलाकर पिएं.खाने से पहले पानी पिएं और भूख से हमेशा थोड़ा कम खाएं. पानी को भी भोजन समझें क्योंकि कभी-कभी भूख सिर्फ़ दिमाग़ में होती है, इसलिए कुछ भी खाने से पहले पानीपिएं, इससे हो सकता है आपकी दिमाग़ी भूख शांत हो जाए.हेल्दी ऑयल यूज़ करें, जैसे- ऑलिव ऑयल, नारियल तेल, सरसों का तेल, सूरजमुखी का तेल और देसी घी.घी को रोटी या परांठे पर लगाने की बजाय एक अलग कटोरी में लेकर उसके साथ रोटी खाएं. अदरक के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से ने सिर्फ़ फैट्स बर्न होता है बल्कि मेटाबॉलिज़्म भी तेज़ होता है.सलाद और मौसमी फल व सब्ज़ियों का सेवन करें.पत्ता गोभी का सलाद खाएं. ये पेट के लिए ठंडा रहता है और बॉडी में ज़्यादा फैट्स बनने नहीं देता.सुबह ख़ाली पेट सौंफ के कुछ दानों को पानी में उबालकर छानकर गुनगुना पिएं. पुदीने का सेवन चाहे तो चटनी के रूप में करें या फिर इसका रस गुनगुने पानी में मिक्स करके पिएं. बेहतर होगा किखाना खाने के कुछ समय बाद ये उपाय करें इससे मेटाबॉलिज़्म तेज़ होता है. गेहूं की बजाय जौ, नाचनी, ज्वार-बाजरा, मल्टीग्रेन आटा, बादाम, रागी, सत्तू, सोयाबीन आटा या फिर चोकरयुक्तआटा यूज़ करना शुरू कर दें. स्टीम्ड फ़ूड लें- जैसे, इडली, सादा डोसा, ढोकला, मोमोज़ आदि. नाश्ते में पोहा, उपमा या फ़्रूट सलाद लें. दोपहर में एक चपाती, दाल-सब्ज़ी-सलाद और छाछ लें.शाम के नाश्ते में ब्राउन ब्रेड वेज सैंडविच, सूखा भेल, खाखरा, सूप, कोई फ़्रूट, एक मुट्ठी चना-मूंगफली, इडली वग्रीन टी या ब्लैक कॉफ़ी ले सकते हैं.चपाती के जगह आप बेसन का चीला, सूजी की रोटी या थालीपीठ भी ट्राई कर सकते हैं. रात को उबली सब्ज़ी या सूप व सलाद लें. हरी सब्ज़ियों को ज़रूर अपने मील के शामिल करें. वाइट राइस की बजाय ब्राउन राइस खिचड़ी खाना शुरू कर दें.स्प्राउटेड मूंग भी काफ़ी हेल्दी होता है. सीड्ज़ और फ़िश ऑयल का सेवन करें. ये वेटलॉस करते हैं. ऐप्पल साइडर विनेगर वेटलॉस में काफ़ी प्रभावी है. एक ग्लास पानी में एक टीस्पून ऐप्पल साइडर विनेगर व एकटीस्पून नींबू का रस मिलाकर रोज़ सेवन करें. ये फ़ैट्स को तेज़ी से बर्न करता है और फ़्लैट टमी में भी मदद करता है. प्रोटीन और फाइबर रिच डायट लें. ये फैट्स को बर्न करने में काफ़ी मददगार है, इसलिए अपने भोजन में पनीर, बींस, फ़िश, अंडे, टोफ़ू, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, एवोकैडो, ब्रोकोली आदि शामिल करें.काली मिर्च को अपने डायट में शामिल करें क्योंकि इसमें वज़न घटानेवाले तत्व मौजूद रहते हैं. छाछ, सलाद आदि मेंइसके पाउडर को यूज़ करें.जीरे का पानी पिएं. ये भी काफ़ी उपयोगी है. जीरा एंटीओक्सिडेंट्स, मिनरल्स व विटामिन से भरपूर होता है और येमेटाबॉलिज़्म को बूस्ट करता है. एक ग्लास पानी में एक टीस्पून जीरा रात भर भिगोकर सुबह छानकर खाली पेटपिएं. चाहें तो इसमें नींबू ka रस भी मिलाया जा सकता है. सफ़ेद नमक की जगह सेंधा नमक या काला नमक यूज़ करें. इलायची भी वेटलॉस में बेहद प्रभावी है. इसे अपने खाने में शामिल करें और साथ ही रातभर इसे पानी में भिगोकररखें और सुबह ख़ाली पेट वो पानी पिएं. ये मेटाबॉलिज़्म फ़ास्ट करके फैट्स बर्न करती है.लौकी की सब्ज़ी खाएं. लौकी का जूस भी वज़न कम करता है. दही व छाछ को शामिल करें अपने डायट में क्योंकि ये आंतों को हेल्दी रखते हुए पाचन तंत्र को बेहतर करते हैं औरवज़न को नियंत्रित रखते हैं. अर्टिफिशियल जूस की बजाय देसी ड्रिंक्स का सेवन करें- नारियल पानी, शिकंजी, आम पना, गन्ने का रस आदि. नारियल पानी इलेक्ट्रोलाइटिस से भरपूर होता है और मेटाबॉलिज़्म को भी फ़ास्ट करता है. खीरे का सेवन करें. इसमें वॉटर कंटेंट बहुत ज़्यादा होता है. अलसी के बीज ज़रूर खाएं क्योंकि इनमें डाइटरी फाइबर पाया जाता है जिससे भूख कंट्रोल में रहती है. इसी तरहचिया सीड्स भी वेटलॉस में लाभकारी हैं. अजवायन भी बेहद कारगर है. अजवायन को पानी में उबाल कर छान लें और इस पानी को गुनगुना पिएं.तुलसी की कुछ पत्तियों को एक ग्लास पानी में तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए. इस पानी का सुबहखाली पेट करें. ये फैट्स बर्न करता है.लहसुन भी वेटलॉस करता है. लहसुन की कुछ कलियों को छीलकर शहद में डालकर स्टोर कर लें. रोज़ सुबह खालीपेट एक कली लहसुन की खाएं.एक ग्लास पानी में एक टीस्पून साबूत धनिया डालकर पानी आधा रह जाने तक उबाल लें. छानकर इस पानी कासेवन करें. वज़न कंट्रोल में आने लगेगा.एक टीस्पून गिलोय का रस पिएं. ये वज़न तेज़ी से कम करता है.करौंदा भी काफ़ी गुणकारी है. रोज़ करौंदे का रस पीने से भी वज़न कम होता है. जीरा, भुनी हुई हींग और काला नमक- तीनों को समान मात्रा में लेकर पीस लें और इस पाउडर को दही के साथखाएं. vetलॉस जल्दी होगा.खाने में गाजर, शिमला मिर्च, मटर, टमाटर, चुकंदर को शामिल करें.हेल्दी फैट्स लें. अंडा भी खाएं. रोज़ सुबह 8-10 करीपत्तों को चबाकर खाने से भी वेटलॉस होता है.बेरीज़ खाएं, ये वज़न कम करती हैं और बेहद हेल्दी भी होती हैं. रोज़ एक सेब ज़रूर खाएं. इसी तरह अमरूद भी वज़न कम करने के लिए जाना जाता है. सिल्की शर्मा
हर कोई स्लिम दिखना चाहता है लेकिन स्लिम होने के साथ-साथ आपका फिटनेस लेवल भी उतना ही बेहतर होना चाहिए!…
हेल्दी भला कौन नहीं रहना चाहता और यह ज़रूरी भी है, लेकिन हेल्दी रहने के लिए बेहद ज़रूरी है कि…
हेल्दी रहना भले ही आज के दौर में इतना आसान नहीं लेकिन छोटी-छोटी कोशिशें बड़े रंग ला सकती हैं. आप…
हमारा शरीर खुद ही हमें कई बातों का संकेत देता है, बस ज़रूरत है उन संकेतों को पहचानने की. इसी तरह जब हमारावज़न बढ़ता है तो भी शरीर संकेत देता है, समय पर उनको पहचानकर ध्यान दें वर्ना सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. सबसे पहला संकेत है कि आपको खुद अपना शरीर हेवी लगने लगता है. आप अक्सर सोचने लगते हो कि कहीं मेरावज़न बढ़ तो नहीं रहा. आपके कपड़े आपको टाइट होने लगते हैं, पुराने कपड़े अब नहीं आते.आप खर्राटे लेने लगते हैं, अगर कोई आपका अपना कहे कि आजकल आप खर्राटे लेने लगे हो तो नाराज़ होने कीबजाय गम्भीरता से लें इस बात को क्योंकि सोने के दौरान अनियमित सांसों से ऐसा होता है. दरअसल जब शरीर मेंफैट्स बढ़ता है तो गर्दन के आसपास भी फैट्स बढ़ जाता है जिससे सांस की नली संकरी हो जाती है और सांस लेनेमें रुकावट व दिक़्क़त होने लगती है. बेहतर होगा आप डॉक्टर के पास जाकर हल निकालें.थोड़ी सी शारीरिक गतिविधि से आपकी सांस फूलने लगे, सीढ़ियां चढ़ने पर, चलने फिरने पर भी सांस फूल जाए तोसमझ जाएं कि डायटिंग करके हेल्दी लाइफ़स्टाइल से वज़न कंट्रोल किया जाए. रूटीन चेकअप पर पता चले कि आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है. अगर आप वज़न कम करेंगे तो ब्लड प्रेशर भी कमहो जाएगा क्योंकि आपके कार्डीओवैस्क्युलर सिस्टम को शरीर को ऑक्सिजन सप्लाई करने के लिए कम मेहनतकरनी पड़ेगी. अगर आपका वजन बढ़ता है तो आप टाइप 2 डायबिटीज़ के रिस्क पर आ जाते हैं. बहुत ज़्यादा प्यास लगने लगे, बार बार यूरिन जाना पड़े और पिछले कुछ समय में फैट्स भी बढ़ा हो तो सतर्क हो जाएं. कॉलेस्टरॉल का बढ़ना भी बड़ा संकेत है और यह मात्र वज़न कम करने से कम नहीं होगा बल्कि हेल्दी ईटिंग, डायटिंगऔर एक्सरसाइज़ से कम होगा.परिवार में कोलोन या ब्रेस्ट कैंसर की हिस्ट्री है तो आपको शुरुआत से ही डायटिंग को अपनी आदत में शुमार करलेना चाहिए, क्योंकि इस तरह के कैंसर का मोटापे से गहरा संबंध होता है. डायटिंग का मतलब ना खाना नहीं, बल्कि हेल्दी खाना होता है अक्सर लोगों के मन में यह धारणा होती है कि डायटिंग का मतलब है खाना बंद कर दो या एकदम कम कर दो.लेकिन यह सोच ग़लत है, डायटिंग का मतलब होता है अनहेल्दी चीज़ों को छोड़कर हेल्दी चीज़ें खाएं. फ़्राइड चीज़ों को बेक्ड से रिप्लेस करें.चीनी और स्टार्च का सेवन कम कर दें.नमक कम कर दें.ग्रीन टी का सेवन करें, इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं.प्रोटीन का सेवन बेहद ज़रूरी है. प्रोटीन के सोर्स- दालें, ड्राइफ्रूट्स, बींस, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, दही, फिश, सोयाबीन, अंडा.फ़ाइबर का अधिक इस्तेमाल करें. फल और सब्ज़ियां फ़ाइबर का अच्छा सोर्स है. खीरा, गाजर, सलाद और हरीपत्तेदार सब्जियां ज़रूर खाएं.पानी का सेवन भरपूर मात्रा में करें. यह टॉक्सिंस को बाहर करता है, मेटाबॉलिज़्म को बेहतर करता है.गुनगुना पानी पीएं. हो सके तो सुबह शहद और नींबू गुनगुने पानी में लें.हेल्दी ब्रेकफ़ास्ट लें, रिसर्च बताते हैं कि नाश्ता आपको डायबिटीज़ के ख़तरे से बचाता है. जो लोग नाश्ता करते हैंउन्हें डायबिटीज़ का ख़तरा नाश्ता ना करनेवालों की तुलना में कम रहता है.इतना ही नहीं ब्रेकफ़ास्ट आपको मोटापे से बचाता है. जो लोग नाश्ता नहीं करते उनकी वेस्ट लाइन नाश्ता करनेवालों की तुलना में अधिक होती है. भले ही लंच ठीक से ना करें लेकिन नाश्ता हेल्दी करेंगे तो फ़ैट्स से बचेंगे. जो लोग नाश्ता करते हैं उनका एनर्जी लेवल अधिक होता है और वो दिनभर ऐक्टिव बने रहते हैं. नाश्ते से पाचन तंत्र संतुलित रहता है. यह क्रेविंग से बचाता है. जो लोग नाश्ता नहीं करते उन्हें दिनभर में मीठा खानेकी, जंक फ़ूड की और चाय आदि की तलब ज़्यादा लगती है, जिससे वो अधिक कैलरीज़ का सेवन कर लेते हैं औरमोटापे का शिकार होने लगते हैं.एक बार में ज़्यादा खाने की बजाए अपनी मील्स को डिवाइड करें. दिन में 4-6 बार छोटी-छोटी मील्स लें. हेल्दी सूप्स और सलाद को शामिल करें. रात को हल्का खाना लें और सोने से दो घंटे पहले डिनर कर लें. खाने के हेल्दी ऑप्शन्स की लिस्ट बना लें, जैसे- खिचड़ी, ओट्स, ब्राउन ब्रेड सैंडविच, ब्राउन राइस, दाल, इडली, सादा डोसा, उपमा, पोहा आदि.डायट के अलावा रोज़ आधा घंटा कुछ एक्सरसाइज़, वॉक या योगा ज़रूर करें.नींद पूरी लें और स्ट्रेस कम लें. सबसे ज़रूरी कि वज़न बढ़ने पर जब कपड़े टाइट होने लगें तो नए साइज़ के कपड़े लेने की बजाय अपना फ़िटनेसलेवल बढ़ाकर, हेल्दी ईटिंग कर, डायट और कसरत से वज़न कम करने पर फ़ोकस करें और उन्हीं कपड़ों में फिटहोने पर ध्यान दें! क्योंकि स्वास्थ्य से बड़ा धन कोई नहीं, वज़न बढ़ने पर कई बीमारियां एक साथ घेर लेती हैं औरइनमें से कई बीमारियां काफ़ी गंभीर और जानलेवा तक हो सकती हैं. आज से बल्कि अभी से अपनी बॉडी के संकेतोंको पहचानें, उन्हें नज़रअंदाज़ क़तई ना करें और उनपर ध्यान देकर एक्शन लें. स्वस्थ रहें और हेल्दी खाएं!भोलू शर्मा यह भी पढ़ें: शिशु को इन्फेक्शन से बचाने के स्मार्ट टिप्स.. (Smart Tips…
हमारा स्वास्थ्य काफ़ी हद तक हमारे पेट और पाचन तंत्र से जुड़ा रहता है, इसलिए हेल्दी रहने के लिए पाचन तंत्र औरमेटाबॉलिज़्म का सही और हेल्दी रहना बेहद ज़रूरी है. कैसे रखें अपने पाचन तंत्र का ख़्याल आइए जाने. हो सही शुरुआत: जी हां, दिन की शुरुआत सही होगी तो पूरा दिन सही होगा और सेहत भी दुरुस्त रहेगी. सही शुरुआत केलिए हेल्दी और पौष्टिक नाश्ता ज़रूरी है. नाश्ता पौष्टिक होना ज़रूरी है- फल, ड्राई फ़्रूट्स, दलिया, उपमा, पोहा, कॉर्नफ़्लेक्स, दूध, फ़्रूट जूस, अंकुरित अनाज,दालें, अंडा, पराठे, दही आदि. पौष्टिक नाश्ता आपका दिनभर संतुष्ट रखताऔर इससे पाचन तंत्र संतुलित रहता है. ये दिनभर की ऊर्जा प्रदान करता है. एसिडिटी से राहत दिलाता है, क्योंकि अगरआप नाश्ता नहीं करते हैं, तो ऐसिड बनने लगती है, जो काफ़ी तकलीफ़ देती है. हेल्दी डायजेशन के लिए प्रोबायोटिक्स ज़रूरी है: क्या आप जानते हैं कि बैक्टीरिया भी हेल्दी और अनहेल्दी होते हैं. हेल्दीबैक्टीरिया पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं. हेल्दी बैक्टीरिया आपको प्रोबायोटिक्स सेमिलते हैं. आप प्रोबायोटिक्स के प्राकृतिक स्रोतों को भोजन में शामिल करें. दही, ख़मीर वाले प्रोडक्ट्स, छाछ व रेडीमेडप्रोबायोटिक्स ड्रिंक्स का सेवन करें. स्ट्रेस से दूर रहें: स्ट्रेस यानी तनाव पूरे शरीर व ख़ासतौर से पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. इससे गैस, ऐसिडिटी, क़ब्ज़ जैसी समस्या हो सकती है. तनाव के कारण पेट में ब्लड व ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है जिससेपेट में ऐंठन, जलन जैसी समस्या होने लगती है, साथ ही पेट में मैजूद हेल्दी बैक्टीरिया में भी असंतुलन आने लगता है. इसके अलावा तनाव से नींद भी नहीं आती और नींद पूरी ना होने से पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता. प्रोटीन रिच फूड खाएं: ये मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाता है. प्रोटीन के लिए आप पनीर, चीज़ व अन्य डेयरी प्रॉडक्ट्स शामिल करसकते हें. इसके अलावा अंडा, चिकन, फिश भी प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं और ये मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाते हैं. सेब, केला और पपीता ज़रूर खाएं: सेब में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो पेट के स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं. सेबफाइबर का अच्छा स्रोत भी है और गुड बैक्टीरिया को पनपाने में भी मदद करता है. पपीते में विटामिन ए, बी और सी औरकई तरह के एन्ज़ाइम्स होते हैं, जो खाने को डायजेस्ट करने में मदद करते हैं. रिसर्च बताते हैं कि पपीता खाने सेडायजेस्टिव सिस्टम में सुधार होता है. केले में फाइबर और पेक्टिन भरपूर मात्रा में होता है, जो आंतों के स्वास्थ्य के लिएबहुत फायदेमंद होता है. डायट में फाइबर शामिल करें: भोजन में फाइबर जितना ज़्यादा होगा पेट उतना ही स्वस्थ होगा क्योंकि आपको क़ब्ज़ कीसमस्या नहीं होगी. फाइबर कोलोन की कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है और पेट साफ़ रखता है. अपने भोजन में साबूतअनाज, दालें, गाजर, ब्रोकोली, नट्स, छिलके सहित आलू, मकई, बींस व ओट्स को शामिल करें. अदरक का सेवन करें: अदरक पेट के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है. यह पाचन को बेहतर करता है. अदरक के टुकड़ेकरके ऊपर से नींबू का थोड़ा सा रस डालें और भोजन के साथ खाएं. आपका हाज़मा बेहतर होगा. अपच की समस्या नहीं होगी. लहसुन मेटाबॉलिज़्म को बूस्ट करता है: लहसुन को भी डायट में शामिल करें. यह ना सिर्फ़ मेटाबॉलिज़्म को बेहतर करता है बल्कि वज़न कम करने में भी सहायक है और हार्ट को भी हेल्दी रखता है. जीरा भी है बेहद हेल्दी: जीरा आंतों को और गर्भाशय को भी साफ़ रखता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. जीरा भूख भीबढ़ाता है और पेट संबंधी कई समस्याओं से राहत दिलाता है. ग्रीन टी है मेटाबॉलिज़्म बूस्टर: जी हां, ग्रीन टी ज़रूर लें इससे पाचन बेहतर होता है. यह मेटाबॉलिज़्म बूस्टर मानी जाती हैऔर वज़न भी कम करती है. साबूत अनाज और बींस: यह पाचन तंत्र को ठीक रखने में सहायक होते हैं. क़ब्ज़ से बचाते हैं और पेट संबंधी कईसमस्याओं से राहत दिलाते हैं. इसी तरह बींस में भी फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को बेहतर करता है. बींस से गुड़बैक्टीरिया भी बढ़ते हैं और कब्ज़ की समस्या भी नहीं होती. हरी पत्तेदार सब्ज़ियां: ये प्रोटीन व आयरन का भी अच्छा सोर्स मानी जाती हैं और विटामिंस से भरपूर होती हैं. साथ ही साथये पेट को व पाचन तंत्र को हेल्दी रखती हैं. ये फाइबर का बेहतर स्रोत होती हैं, इनमें ख़ासतौर से पालक और गोभी में कईपोषक तत्व- फोलेट, विटामिन ए, सी और के होता है. शोध बताते हैं कि हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में एक ख़ास तरह का शुगरहोता है जो आंतों के हेल्दी बैक्टीरिया (गट बैक्टीरिया) के निर्माण को बढ़ाता है. रसीले व मौसमी फल व ड्राई फ़्रूट्स खाएं: फल पेट को हेल्दी रखते हैं. क़ब्ज़ की समस्या नहीं होने देते. फाइबर से भरपूरहोते हैं. ड्राई फ़्रूट्स भी फाइबर से भरपूर होते हैं और आंतों को हेल्दी रखते हैं. हाल ही के रिसर्च से पता चला है कि प्रूनयानी सूखा आलूबखारा आंतों, मुंह और वजाइना में पाया जानेवाला ख़ास क़िस्म का बैक्टीरिया के निर्माण में सहायकहोता है जिससे पाचन तंत्र भी मज़बूत होता है. इसी तरह से खजूर भी पेट के लिए काफ़ी हेल्दी माना जाता है. हाईड्रेटेड रहें: पानी ख़ूब पिएं क्योंकि यह ज़हरीले तत्वों को बाहर करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है. शरीर मेंपानी व नमी की कमी ना होने पाए. नींबू पानी, नारियल पानी या ताज़ा फल व सब्ज़ी का जूस भी लें. एक्टिव रहें, एक्सरसाइज़ व योगा करें: रोज़ाना 30 मिनट एक्सरसाइज़ करें, वॉक करें, एक्टिव रहें. लिफ़्ट की बजायसीढ़ियों का इस्तेमाल करें. योगा भी कर सकते हैं. साइक्लिंग, स्विमिंग भी कर सकते हें. यह रूटीन आपकी मांसपेशियोंको लचीला बनाएगा और पाचन को बेहतर. वरना शारीरिक गतिविधियों की कमी से क़ब्ज़ जैसी समस्या होने लगेगी.…
हेल्दी तो हम सभी रहना चाहते हैं लेकिन कुछ छोटे छोटे सूत्र हैं जिन पर हम ध्यान ही नहीं देते, अगर ये सूत्र और सीक्रेट हमसमझ जाएँ तो हेल्दी रहना आसान हो जाए. आइए जानते हैं इन्हीं सीक्रेट सूत्रों को- सकारात्मक रहें और अपना महत्व समझें. खुद पर ध्यान देना ज़रूरी है इस तथ्य को समझ लें.दूसरों के लिए जीना अच्छी सोच है लेकिन उससे पहले खुद के लिए जीना सीखें.आप हेल्दी रहेंगे तभी तो दूसरों के लिए भी कुछ कर पाएँगे.हाईड्रेटेड रहें ताकि शरीर में पानी व नमी की कमी ना हो. पानी ज़हरीले तत्वों को बाहर करता है और पाचन क्रियाको बेहतर बनाता है.फ़िज़िकली एक्टिव रहें. एक्सरसाइज़ व योगा करें. आप भले ही कितना भी हेल्दी खा लें पर जब तक शरीर कोक्रियाशील नहीं रखेंगे तब तक कहीं न कहीं कोई कमी रह ही जाएगी. रोज़ाना कम से कम आधा घंटा कसरत करें. जॉगिंग और वॉकिंग करें.लिफ़्ट की बजाए सीढ़ियों का इस्तेमाल करें. यह रूटीन आपकी मांसपेशियों को लचीला बनाएगा और पाचन कोबेहतर. ध्यान और योगा भी कर सकते हैं. मेडिटेशन से ब्रेन में हैप्पी हार्मोंस रिलीज़ होते हैं और एक नई ऊर्जा का एहसासहोता है.ध्यान रहे फ़िज़िकल एक्टिविटी की कमी से क़ब्ज़ जैसी समस्या हो सकती है. हेल्दी खाना खायें. अपने दिन की शुरुआत पोषण भरे नाश्ते से करें. भले ही लंच ठीक से ना करें लेकिन नाश्ता अच्छी तरह और हेल्दी करेंगे तो फ़ैट्स से बचेंगे.रिसर्च बताते हैं कि जो लोग नाश्ता करते हैं उनका एनर्जी लेवल अधिक होता है और वो दिनभर ऐक्टिव बने रहते हैं.जंक फूड से बचें. हेल्दी खाना खाएँ. मंचिंग के लिए भी हेल्दी ऑप्शन पर ध्यान दें. फ़्राइड सनैक्स की बजाए ड्राई फ़्रूट्स, बेक्ड फ़ूड रखें.स्ट्रेस ना लें, क्योंकि तनाव पूरे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. इस से गैस, ऐसिडिटी, क़ब्ज़ जैसी समस्या होसकती है.स्ट्रेस के कारण पेट में रक्त व ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है जिससे पेट में ऐंठन, जलन जैसी समस्या होनेलगती है, साथ ही पेट में मैजूद हेल्दी बैक्टीरिया में भी असंतुलन आने लगता है. शराब व कैफेन का सेवन कम करें क्योंकि यह भीतर से शरीर को ड्राई और डीहाईड्रेट करते हैं.अपने भोजन में साबूत अनाज, गाजर, ब्रोकोली, नट्स, मकई, बींस, ओट्स, दालें व छिलके सहित आलू को शामिलकरें.मौसमी फल खाएँ और अपने खाने में हर रंग की फल-सब्ज़ियाँ शामिल करें.दही व छाछ का सेवन करें, क्योंकि इनमें हेल्दी बैक्टीरिया होते हैं जो पेट और आँतों को स्वस्थ रखते हैं.पनीर का सेवन करें क्योंकि यह वज़न को भी नियंत्रित रखने में कारगर है.हफ़्ते में एक या दो दिन अपनी क्रेविंग्स के लिए रखें. मनपसंद कुछ खाएँ क्योंकि अगर आप बहुत ज़्यादा स्ट्रिक्टडायट करते हो तो बहुत ज़्यादा समय तक उसको फ़ॉलो कर पाना बेहद मुश्किल है.हेल्दी सूप को अपने डायट का हिस्सा बनाएँ. किचन में मौजूद मसाले भी बहुत हेल्दी होते हैं , काली मिर्च, दालचीनी, लौंग, इलाइची,धनिया आदि को खाने में शामिल करें. अगर गले में ख़राश या सिर में दर्द हो तो चटकीभर दालचीनी पाउडर को पानी के साथ लें. यही नहीं दालचीनी वज़नभी कम करती है. इसे सलाद या दही में मिलाकर ले सकते हैं. यह मुँहासों को भी कम करता है. दालचीनी पाउडर कोपानी में मिलाकर पेस्ट तैयार करें और अप्लाई करें.अगर कफ़ की समस्या हो तो सरसों के तेल में लहसुन और सेंधा नमक मिलाकर गुनगुना करें और सीने पर मालिशकरें.वज़न को नियंत्रण में रखें क्योंकि बढ़ता वज़न कई बीमारियों को जन्म देता है. हार्ट से लेकर ब्लड प्रेशर औरडायबिटीज़ तक जैसी समस्याएँ बढ़ते वज़न के कारण हो सकती हैं.वज़न कम करने के लिए छोटे गोल्स सेट करें और धैर्य ना खोएँ.वज़न कम करने में नींबू और शहद बेहद कारगर हैं. गुनगुने पानी में रोज़ सुबह खाली पेट सेवन करें.स्पोर्ट्स, स्विमिंग या डांस क्लास से जुड़ सकते हैं.अपने शौक़ को ज़रूर पूरा करें, उन्हें मरने ना दें, क्योंकि यही शौक़ आपको जीवंत बनाए रखते हैं.पर्सनल हाइजीन से लेकर ओरल हाइजीन तक के महत्व को समझें और उनपर ध्यान भी दें. हेल्दी सोशल लाइफ़ मेंटेन करें, क्योंकि इससे आपको अकेलापन और डिप्रेशन नहीं होगा. लोगों की मदद करें यहआपको बेहतर महसूस कराएगा.पार्टी करें, दोस्तों से मिलें और रिश्तों में इंवेस्ट करें.धोखा ना दें क्योंकि यह आपमें अपराधबोध की भावना को जन्म देगा और आप भीतर से अनहेल्दी मेहसूस करेंगे.ज़िम्मेदारी लेना सीखें, यह आपमें आत्मविश्वास बढ़ाएगा.नींद पूरी लें, यह आदत आपको कई तरह के तनावों से बचाएगी और साथ ही दिनभर ऊर्जावान रखेगी. साथ ही यहडिप्रेशन जैसी नकारात्मक भावनाओं से भी आपका बचाव करती है.ओवर ईटिंग और ओवर स्लीपिंग से भी बचें, ये आपको अनहेल्दी बनाती हैं.बहुत ज़्यादा टीवी ना देखें, यह आपको आलसी और इनएक्टिव तो बनाएगा ही साथ ही रिसर्च बताते हैं कि ज़्यादाटीवी देखने वालों की लाइफ़ कम होती जाती है. इसी तरह मोबाइल और बहुत ज़्यादा सोशल साइट्स पर भी ना बने रहें. ये आपके रिश्तों की सेहत के लिएहानिकारक है जिसका असर आपने शरीर पर भी पड़ता है.कुकिंग थेरेपी आज़माएँ. रिसर्च के अनुसार जब आप खुद खाना बनाते हैं तो स्ट्रेस कम होता है, आप बेहतर महसूसकरते हैं, क्रिएटिव बनते हैं और हेल्दी रहते हैं.नए दोस्त बनाएँ और हो सके तो पेट्स रखें. ये आपको खुश और हेल्दी रखने में मदद करते हैं.खुश होने का मौक़ा ना छोड़ें. बड़ी चीज़ों की बजाए छोटी छोटी चीज़ों में ख़ुशियाँ देखें. यह आपको सकारात्मकबनाती है और मन के संतोष को दूर करती हैं.ये तमाम बातें आपको पहले से ही पता होती हैं लेकिन कमी सिर्फ़ जज़्बे की होती है. बेहतर होगा बिना देर किएआज से ही हेल्दी लाइफ़ के इन सीक्रेट और सूत्रोंको अमल में लाया जाए. सरस्वती शर्मा यह भी पढ़ें: हेल्थ अलर्ट- मास्क पहनते समय इन…
फिटनेस प्रोजेक्ट: घी खाएं बिना डरे, बिना शंका व अपराधबोध के... रुजुता दिवेकर का फिटनेस मंत्र (Eat Ghee Without…