सरसरी नज़रों से कॉपी के पन्ने पलटती नीरा को कहीं कुछ अस्वाभाविक-सा लगा, तो उसके हाथ एक पल को थम…
“अविजीत जीवित होते, तो अपनी मां का ख्याल रखते न! तो उनकी देखभाल कर मैं अविजीत का ही फर्ज़ पूरा…
यह भागदौड़ उस सन्नाटे से अच्छी है, जो कई बार डरा देता है. पर जीवन की गति अनवरत चलती रहे,…
“पागल मत बनो काव्या. वह अध्याय कब का समाप्त हो चुका है. मुझे और नलिन को अलग रहते कितने बरस…
“यूं तो हम समानता की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन बात जब अपने पर आती है, तो अक्सर हमसे चूक…
मैं अब अकेली रह गई, निस्सहाय! मुझे रोना आ गया. रोते-रोते मेरी हिचकियां बंध गईं. भाई कभी डूबता, कभी उतराता.…
वे दुर्लभ क्षण थे. हमने मैडम की चढ़ी हुई नज़रों को मुलायम पड़ते देखा. मुस्कुराते देखा, जो अब तक नहीं…
“ओह! कम ऑन. आरती वो नहीं, तो क्या हम गाएंगे? काश! मेरी भी ऐसी इन-लॉ होतीं.” तभी विनीता बोल…
“तुमसे मिलने आता ही कौन है? तुम्हारी जितनी भी सहेलियां हैं, वो सब मुझे जानती हैं. बाकी जो लोग तुम्हें…
‘‘एक साधारण-सी दिखनेवाली स्त्री जिसे अबला कहा जाता है, वो भीतर से कितनी बलशाली है. उसके अंदर सोए स्वाभिमान को…
‘मेरे उस अधूरे प्यार के नाम, जिसे मैंने जीवनभर पूरी संपूर्णता से चाहा’ चित्रलेखा का पूरा वजूद थरथरा गया. आंखें…
यही एक पल जब यामिनी सभी बाहरी अदालतों के परे अपने भीतर है और अपनी ही सफ़ाई में कहने को…