हमारी हेल्थ और सुरक्षा तभी सही रहेगी जब हमारा घर भी सुरक्षित और कीटाणु मुक्त होगा. यहां हम होम हाइजीन के वो आसान टिप्स बता रहेहैं, जिन्हें अपनाकर आप भी अपने घर को सेहतमंद और खुद को हेल्दीव सुरक्षित रख सकते हैं. हालाँकि ये टिप्स हम सभी जानते हैं लेकिन इनकी तरफ़ ध्यान कम ही जाता है, पर ये बेहद ज़रूरीहै ताकि घर भी हेल्दी रहे और साफ़ व सुंदर भी! घर के मेन डोर से ही हाइजीन की शुरुआत क्यों न करें.घर के बाहर ओपन शू रैक न रखें, बेहतर होगा पैक्ड शू रैक यूज़ करें. बाहर अच्छी क्वालिटी का डोर मैट ज़रूर रखें, लेकिन उसे नियमित साफ़ भी करते रहें. अक्सर लोग बाहर रखे डोरमैट की सफ़ाई को नज़रंदाज़ ही कर देते हैं, जिसके ज़रिए घर में कई कीटाणु व गंदगी आ सकती है.इसी तरह आपकी डोरबेल को भी न जाने कितने लोग छूते होंगे इसलिए उसे भी नियमित रूप से सैनिटाइज़ करें.घर में डस्टिंग रोज़ करें और दरवाज़े को भी एंटीबैक्टीरियल स्प्रे से क्लीन करें. घर में कुछ ऐसी जगहें और कोने होते हैं जिनकी तरफ़ ध्यान कम ही जाता है, वहां मकड़ी के जाले, मच्छर, कॉक्रोचको अपना घर बनाते देर नहीं लगती, इसलिए उन कोनों को, साथ ही सीलिंग व दीवारों को साफ़ रखें.फर्नीचर के पीछे और नीचे भी काफ़ी कचरा जमा हो जाता है इसलिए ज़रूरी है कि उन्हेंहटाकर वहाँ की सफ़ाई कीजाए.किचन सिंक की सफ़ाई पर ख़ासतौर से ध्यान दें. वहां खाना व पानी जमा न होने दें. काम हो जाने पर उसे क्लीन वसूखा कर दें.जूठे बर्तन रातभर कभी न छोड़ें. बेहतर यही होगा कि उनको साफ़ कर दें. एसी व पंखों की सफ़ाई के साथ-साथ अलमारी ब ऊंचे फ़र्नीचर की छत की भी सफ़ाई करें क्योंकि वहां धूल जमजाती है.सोफ़ा कवर, बेडशीट्स और तकिया कवर भी हर 4-5 दिन में नियमित रूप से धोएंक्योंकि उनमें भी कीटाणु पनप कर आपको बीमार कर सकते हैं.बेहतर होगा कि इन सबको वैक्यूम क्लीनर से साफ़ करें.यदि वैक्यूम क्लीनर नहीं हैं रोज़ तो झाड़-पोंछकर बिछाएं.घर के और हर रूम के वेंटीलेशन का ध्यान रखें.सूरज की रोशनी व ताज़ा हवा आ सके, इस बात का ध्यान रखें. घर की खिड़कियां खुली रखें. सूरज की रोशनी से भी कीटाणु मरते हैं, इसलिए वो बेहद ज़रूरी है. किचन में एग्ज़ॉस्ट फैन ज़रूर होना चाहिए. हेल्दी कुकिंग के लिए सही वेंटिलेशन ज़रूरी है.गद्दों को और तकियों को समय-समय पर धूप दिखाएं. इससे वो हेल्दी और क्लीन बने रहेंगे और बदबू भी नहींपनपेगी.किसी भी रूम में या घर की बालकनी में भी बहुत सारा सामान एक जगह डम्प करके न रखें.सामान और कमरा जितना व्यवस्थित होगा उन्हें साफ़ करना उतना ही आसान होगा.खिड़कियों के आसपास भी मकड़ी के जाले बन जाते हैं इसलिए वहां की साफ़-सफ़ाई को नज़र अंदाज़ न करें.शूरैक की सफ़ाई को अक्सर ही हम नज़रअंदाज़ करते हैं या वहां की सफ़ाई को भूल जाते हैं, लेकिन वहां काफ़ीमात्रा में कीटाणु पनपते हैं. बेहतर होगा कि जूते चप्पलों को उसमें सिर्फ़ डम्प न कर दें, बीच-बीच में उनकोनिकालकर साफ़ करें.दरवाज़ों में या किसी भी चीज़ पर ज़ंग लगा हो तो उसके उपाय करें क्योंकि यह ख़तरनाक हो सकता है.अगर घर में किसी भी दीवार में या छत पर सीलन है तो इसे फ़ौरन ठीक करवाएं, क्योंकि इससे सांस की बीमारी हो सकती है और जिनको दमा या अन्य सांस संबंधी परेशानी है, वो सीलन की वजहसे बढ़ सकती है.घर के परदों को भी नियमित रूप से धोएं और कृपया करके उनको तौलिए के तौर पर इस्तेमाल न करें, क्योंकि अक्सर लोग अपने गीले हाथ परदों से पोंछ लेते हैं.किचन नैपकिन भी साफ़ रखें और समय-समय पर बदलते रहें. अपना तौलिया भी क्लीन रखना बेहद ज़रूरी है और उससे भी ज़रूरी है सब अपना अलग-अलग तौलिया इस्तेमालकरें. एक ही तौलिया स्किन संबंधी बीमारी दे सकता है.खाना बनाने से पहले साबुन से हाथ ज़रूर धोएं. इसी तरह सुबह इस्तेमाल से पहले बर्तनों को भी साफ़ करके यूज़करें क्योंकि रात को कॉक्रोच, मकड़ी, चींटी वगैरह उन पर बीमारी पैदा करनेवाले बैक्टीरिया व कीटाणु छोड़ सकतेहैं.कटिंग बोर्ड को भी साफ़ रखें.अगर आप नॉन वेज खाते हैं, तो बेहतर होगा उसके लिए अलग बर्तन व कटिंग बोर्ड रखें, क्योंकि ये हाइजीन के लिएतो ज़रूरी है ही, लेकिन अगर कोई मेहमान नॉन वेज नहीं खाते तो उन्हें भी संतुष्टि रहेगी.सब्ज़ियां व फल धोकर ही इस्तेमाल करें.घर में बर्तन या बाल्टी में पानी भरकर न रखें, क्योंकि इस जमा पानी में मछर-मक्खी पनपकर कई बीमारी दे सकते हैं.फ्रिज की भी नियमित सफ़ाई करें. फ्रिज में सामना रखकर अक्सर लोग भूल भी जाते हैं, इसलिए बहुत ज़्यादा ठूंसकर सामान न भरें.प्लास्टिक की बोतलों को लंबे समय तक इस्तेमाल न करें, ये सेहत के लिए काफ़ी नुक़सानदायक हो सकता है. इसी तरह घर में भी प्लास्टिक कंटेनर को लंबे समय तक यूज़ न करें. बेहतर होगा स्टील या कांच के बर्तन यूज़ करें.बाल्टी और मग भी प्लास्टिक के होते हैं, इसलिए उन्हें भी नियमित रूप से बदलते रहें. साथ ही इनकी सफ़ाई का भीध्यान रखें.अपना टूथब्रश भी समय-समय पर बदलना न भूलें.वॉश बेसिन, बाथरूम,टॉयलेट और टूथब्रश एरिया को साफ़ रखें क्योंकि अक्सर लोग इन जगहों की सफ़ाई परज़्यादा ध्यान नहीं देते, जबकि सबसे ज़्यादा कीटाणु यहीं पर हो सकते हैं.बेहतर होगा कि नहाने के बाद बाथरूम को सूखा कर दें.बाल्टी और मग प्लास्टिक के होते हैं उन्हें नियमित रूप से बदलते रहें और उन्हें साफ़ भी करते रहें. बेसिन में फिनाइल की गोलियां डालकर रखें.बाथरूम और टॉयलेट को सिर्फ़ साबुन-पानी से धोकर चमकाना ही ज़रूरी नहीं, इनकोडिसइंफ़ेक्ट करना भी बेहद ज़रूरी. इनके लिए डिसइंफ़ेक्टेंट मिलते हैं, उन्हें ज़रूर घर में रखें.इसी तरह फ़्लोर क्लीनर भी घर में रखें और आप चाहें तो घर पर ही फ़्लोर क्लीनर बना सकते हैं, ये बेहद आसान हैऔर अगर आप चाहें तो इन क्लीनर्स में अपनी पसंद का एसेंशियल ऑयल भी मिला सकते हैंआधा कप ब्लीच पानी में मिलाकर डिसइंफेक्टेंट तैयार किया जा सकता है.गर्म पानी में विनेगर मिलाकर भी क्लीनर तैयार किया जा सकता है. पोछा लगाते वक़्त बाल्टी के पानी में एक दो चम्मच नमक मिला लें. यह भी क्लीनर का काम करता है.गर्म पानी में बेकिंग सोडा और विनेगर मिला लें, चाहें तो लिक्विड डिश सोप भी मिला लें.एक लीटर पानी में कपूर की गोलियांडालें, उसमें ३-४ चम्मच नमक और एक चम्मच विनेगर मिला लें. इसको स्टोरकर लें. जब भी इस्तेमाल करना हो एक ढक्कन क्लीनर को बाल्टी के पानी में मिला लें.गर्म पानी में ओलिव ऑयल और नींबू का रस मिलाकर भी क्लीनर बनाया जा सकता है.नींबू का रस और विनेगर को भी पानी में मिक्स करके क्लीनर बनाया जा सकता है. बिट्टू शर्मा यह भी पढ़ें: 40+ Amazing होम क्लीनिंग टिप्स, जो चमकाएंगे आपके घर का…
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