खाना बनाना हो या खाना बनाने की तैयारी करना हो, यह सब काम किचन में ही होते हैं, लेकिन जब किचन की साफ़-सफाई और स्वच्छता…
खाना बनाना हो या खाना बनाने की तैयारी करना हो, यह सब काम किचन में ही होते हैं, लेकिन जब किचन की साफ़-सफाई और स्वच्छता की बात आती है, तो महिलाएं उतना ध्यान नहीं देतीं, जितना कि उन्हें जरूरत होती है. किचन में काम करते हुए छोटी- छोटी कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है, जो परिवार की सेहत से जुडी हुई होती हैं. चलिए, हम आपको बताते हैं किचन हाइजीन के बारे में कुछ ऐसे रूल्स, जिनके बारे में सभी महिलाओं को पता होना चाहिए.
1. किचन हाइजीन के मामले में पहला रूल है- हाथ धोकर किचन में प्रवेश करना. बिना हाथ धोकर किचन में जाने से बैक्टीरिया फैलने का डर रहता है. डॉक्टर्स का मानना है 25-30% बीमारियां हाथ न धोकर खाना बनाने से होती हैं. बिना हाथ धोकर खाना बनाने से कीटाणु खाने के जरिये शरीर में चले जाते हैं और बीमारियों का कारण बनते हैं, इसलिए जब भी किचन में जाएं, तो साबुन से अच्छी तरह हाथ धोकर जाएं.
2. खाने को अच्छी तरह से पकाना भी किचन हाइजीन के तहत आता है. यदि खाना कच्चा रहता है, तो हानिकारक बैक्टीरिया के कारण ़फूड पॉइज़निंग हो सकती है, इसलिए आंच से उतारने से पहले जांच लें कि खाना अच्छी तरह से पकाया हुआ हो.
3. यहां पर एक बात ओर ध्यान देने वाली है कि पका हुआ खाना बार-बार गर्म न करें. ऐसा करने से भोजन के पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं और उसके ख़राब होने की संभावना भी बढ़ जाती है.
4. सही तरीके से खाना बनाना फूड हाइजीन का पहला नियम है, लेकिन फूड हाइजीन से पहले ज़रूरी है खाने को सुरक्षित तरी़के से स्टोरेज करना. बचे या खुले खाद्य पदार्थों को ज़िप लॉक या क्लिगं बैग में रखें. दाल, अनाज जैसी चीज़ों को प्लास्टिक के कंटेनर में भरकर रखें.
5. किचन हाइजीन के बुनियादी नियमों में से एक है- किचन काउंटर को साफ़ करना. ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर बनाने के बाद किचन काउंटर क्लीन करना बहुत ज़रूरी है. ऐसा करने किचन साफ़ रहेगा और बैक्टीरिया को फ़ैलाने से भी रोक सकते है. इसके अलावा सप्ताह में एक बार काउंटर को गर्म पानी में वाशिंग पाउडर/लिक्विड सोप या बेकिंग सोडा मिलाकर साफ करें.
6. ज़्यादातर महिलाएं कटिंग के लिए चॉपिंग बोर्ड का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन क्या आप जानती हैं कि ठीक तरीके से चॉपिंग बोर्ड को साफ न करने पर उस पर चिपका हुआ भोजन बैक्टीरिया को जन्म देता है, इसलिए बैक्टीरिया को पनपने से रोकने के लिए ज़रूरी है कि इस्तेमाल के बाद चॉपिंग बोर्ड को स्क्रबर से साफ़ करें. सप्ताह में एक बार चॉपिंग बोर्ड को गर्म पानी से अच्छी तरह धोएं, ताकि उसमें चिपके और छिपे हुए बैक्टीरिया निकल जाएं.
7. किचन में सबसे ज्यादा इस्तेमाल चाकू का किया जाता है, जिससे बैक्टीरिया फैलने का अधिक डर रहता है. इसलिए जितनी बार चाकू का उपयोग करें, उतनी बार चाकू को धोएं. सारा काम ख़त्म होने के बाद चाकू को गरम पानी से साफ़ करें, ताकि उसमें चिपकी हुई गंदगी और बैक्टीरिया दूर हो सके.
8. नॉन वेज बनाते समय जिन बर्तनों (पैन कुकर, चाकू आदि) का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें अच्छी तरह धोकर और धूप में सुखाकर रखें. उन बर्तनों को बाकी बर्तनों से अलग रखें.
9. खाना पकाते समय कचरे को इधर-उधर न फेंकें और न ही किचन के किसी कोने में ढेर लगाकर रखें.
10. किचन की स्वच्छता के लिए ज़रूरी है कि डस्ट बिन का इस्तेमाल करें और उसे ढंककर रखें. नियमित रूप से कचरे को बाहर फेंकें.
11. नियमित रूप से डस्टबिन को साफ़ करें. यह भी किचन हाइजीन का महत्वपूर्ण पहलू है. डस्ट बिन में फेंका हुआ कचरा (फल और सब्ज़ियों के छिलके और दूसरा गीला कचरा) जल्दी सड़ जाता है, जिसके कारण वातावरण में बैक्टीरिया फैलने शुरू हो जाते हैं और किचन में बदबू आने लगती है. यदि आप अपने किचन को स्वच्छ रखना चाहती हैं, तो सबसे पहले डस्ट बिन को साफ़ रखे.
12. किचन में रखे डस्टबिन में से यदि बदबू आती है, तो उसके आसपास बेकिंग सोडा छिड़कें, जिससे कीटाणुओं को फैलने से रोका जा सके और बदबू भी पूरे घर में न फैले.
13. खाना बनाते समय किचन के आसपास दीवारों पर तेल के छीटें पड़ जाते हैं, इन छीटों को तुरंत साफ़ करें. इन छीटों से भी कीटाणु फैलने का डर रहता है. चिकनाई वाले इन दाग-धब्बों को साबुनवाले गरम पानी से साफ़करें. ऐसा करने से कीटाणुओं को फैलनेसे रखा जा सकता है और किचन भी साफ सुथरा नज़र आएगा.
14. फ्रिज किचन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसकी नियमित रूप से साफ़- सफाई करनी आवश्यक है.अधिक दिनों तक साफ़ न करने पर, बहुत दिनों का बचा हुआ खाना या अन्य चीज़ें रखने के कारण फ्रिज में भी बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, इसलिए फ्रिज को सप्ताह में एक बार बेकिंग सोडा मिले हुए पानी से साफ़ करें.
15. फ्रिज में पका हुआ खाना 7 दिनों से ज्यादा न रखें. फिर भी आप इस बचे हुए इस हुए खाने को खाना चाहते हैं, तोपहले चेक करें यह ख़राब तो नहीं हुआ है, उसे 170 डिग्री फेरनहाइट के तापमान पर ही गर्म करें. यदि खाने में से गंध आ रही है या उसकारंग बदला हुआ लग रहा है, तो उसे तुरन्त फेंक दें.
16. किचन का सिंक वह जगह है, जहां पर बैक्टीरिया फैलने का सबसे ज़्यादा खतरा होता है. क्योंकि सिंक का उपयोग दिनभर झूठे बर्तनों को धोने के लिए किया जाता है. सिंक को क्लीनर और स्क्रबर से रोज़ाना साफ़ करें. सप्ताह में एक बार गर्म पानी में बेकिंग सोडा मिलकर साफ़ करें.
17. बर्तनों को धोने के लिए अच्छी क्वालिटीवाले स्क्रबर और लिक्विड उपयोग में लाएं. किचन सबसे ज्यादा कीटाणु फैलने का डर स्क्रबर से होता है, इसलिए काम हो जाने के बाद स्क्रबर को अच्छी तरह धोकर सूखने के लिए रखें.
18. अधिकतर महिलाएं किचन की साफ़-सफाई का बहुत ध्यान रखती हैं, लेकिन उनका ध्यान किचन में उपयोग में लाए जानेवाले कपड़ों की तरफ़ कम ही जाता है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किचन में उसे किये जाने वाले कपडे, स्पंज और स्क्रबर ऐसे खतरनाक चीज़ें हैं, जिनसे सबसे ज़्यादा कीटाणु फैलते हैं, इसलिए इन्हें 2-3 दिन में गर्म पानी से धोएं. संभव हो, तो 1-2 महीने में बदल दें.
– देवांश शर्मा
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मीति और मधुर बचपन से एक ही स्कूल में पढते थे, लेकिन मधुर के पिता का अचानक निधन हो गया और उसे मीति का स्कूल छोड़ सरकारी स्कूल में दाख़िला लेना पड़ा. लेकिन आते-जाते अक्सर दोनों के रास्ते मिल ही जाते थे और उनकी नज़रें मिल जातीं, तो दोनों केचेहरे पर अनायास मुस्कुराहट आ जाती. स्कूल ख़त्म हुआ तो दोनों ने कॉलेज में एडमिशन ले लिया था. दोनों उम्र की उस दहलीज़ पर खड़े थे जहां आंखों में हसीन सपने पलने लगते हैं. मधुर भी एक बेहद आकर्षक व्यक्तित्व में ढल चुका थाऔर उसके व्यक्तित्व के आकर्षण में मीति खोती जा रही थी. कई बार मधुर ने उसे आगाह भी किया था कि मीति तुम एक रईस पिता की बेटी हो, मैं तो बिल्कुल साधारण परिवार से हूं, जहां मुश्किल से गुज़र-बसर होती है, लेकिन मीति तो मधुर के प्यार में डूब चुकी थी. वहकब मधुर के ख्यालों में भी बस गई थी वह यह जान ही नहीं पाया. मीति कभी नोट्स, तो कभी असाइनमेंट के बहाने उसके पास आ जाती, फिर कभी कॉफी, तो कभी आइसक्रीम, ये सब तो उसका मधुरके साथ नज़दीकियां बढ़ाने का बहाना था. अब मीति और मधुर क़ा इश्क कॉलेज में भी किसी से छिपा नहीं रह गया था. करोड़पति परिवार की इकलौती लाडली मीति कोपूरा विश्वास था कि मध्यवर्गीय परिवार के मधुर के कैंपस सेलेक्शन के बाद वह पापा को अपने प्यार से मिलवायेगी. मल्टीनेशनल कंपनी के ऊंचे पैकेज का मेल मिलते ही मधुर ने मीति को अपनी आगोश में ले लिया ऒर वह भावुक हो उठा, ”मीति, तुम तो मेरे जीवन मेंकी चांदनी हो, जो शीतलता भी देती है और चारों ओर रोशनी की जगमगाहट भी फैला देती है. जब हंसती हो तो मेरे दिल में न जानेकितनी कलियां खिल उठती हैं. बस अब मेरी जिंदगी में आकर मेरे सपनों में रंग भर दो.” मीति मधुर के प्यार भरे शब्दों में खो गई और लजाते हुए उसने अपनी पलकें झुका लीं और मधुर ने झट से उसकी पलकों को चूम लिया था. इस मीठी-सी छुअन से उसका पोर-पोर खिल उठा. वह छुई मुई सी अपने में सिमट गई. लेकिन इसी बीच मीति के पापा ने उसकी ख्वाहिश को एक पल में नकार दिया और मधुर को इससे दूर रहने का फरमान सुना दिया. मधुर उदास पराजित-सा होकर दूर चला गया. दोनों के सतरंगी सपनों का रंग बदरंग कर दिया गया था. मधुर ने अपना फ़ोन नंबर भी बदल दिया था और अपनी परिस्थिति को समझतेहुए मीति से सारे संबंध तोड़ लिये थे. मीति के करोड़पति पापा ने धूमधाम और बाजे-गाजे के साथ उसे मिसेज़ मेहुल पोद्दार बना दिया. उसका अप्रतिम सौंदर्य पति मेहुल केलिए गर्व का विषय था. समय के साथ वह जुड़वां बच्चों की स्मार्ट मां बन गई थी. पोद्दार परिवार की बहू बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमतीऔर अपने चेहरे पर खिलखिलाहट व मुस्कान का मुखौटा लगाए हुए अपने होने के एहसास और वजूद को हर क्षण तलाशती-सी रहती. उसे किसी भी रिश्ते में उस मीठी-सी छुअन का एहसास न हो पाता और वह तड़प उठती. सब कुछ होने के बाद भी वह खोई-खोई-सी…