The fear of failure among children in India today has reached epic proportions, causing a spurt in teen suicides. Very…
Parenting is hard work. Sometimes, our kids make us feel angry. We will come home after a tough day, step…
गर्भावस्था में मां की सेहत व मनःस्थिति का प्रभाव तो शिशु पर पड़ता ही है, पैरेंट्स के आपसी संबंधों का…
FROM WHINING TO KICKING TO THROWING A FIT, THE TANTRUMS CHILDREN THROW UP CAN BE VARIED. WHILE TANTRUM-THROWING IS A…
Given how important financial skills are to navigating life, it's surprising that our schools don't teach children about money. As…
पिछले साल फरवरी में स्वरा भास्कर ने समाजवादी पार्टी के नेता फहद अहमद से शादी की थी और 23 सितंबर…
Peer pressure has always been a part of teenage, but with unbridled access to the internet, virtual peer pressure has…
छोटे बच्चों की इम्युनिटी कमज़ोर होती है. इसलिए बच्चे जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं. बच्चों के बीमार पड़ने का सबसे बड़ा…
The transitional phase between childhood and adolescence is replete with challenges. Pre-puberty changes coupled with the pressure of forging new…
बच्चे बहुत जल्द बदलते मौसम से प्रभावित होते हैं, इसके अलावा वो खानपान को लेकर भी काफ़ी चूज़ी और थोड़े ज़िद्दी होते हैं, जिससेअक्सर उनको खांसी की समस्या जब-तब होती रहती है. वहीं नवजात शिशु भी अक्सर खांसी की चपेट में आ जाते हैं, ऐसे में उन्हें कुछआसान घरेलू उपायों द्वारा कंट्रोल किया जा सकता है. 👉🏻 सावधानियां ➡️ ध्यान रहे कि ये होम रेमेडीज़ सामान्य खांसी के लिए है. ➡️ अगर बच्चे की खांसी बढ़ रही है और उसे राहत नहीं मिल रही तो फ़ौरन डॉक्टर के पास ले जाएं. ➡️ इसके अलावा बच्चों को इम्युनिटी बूस्टर फ़ूड खिलाएं. ➡️ उनको सर्दी से बचाएं. ➡️ उनका रूटीन हेल्दी बनाएं, हाइजीन की आदत और महत्व समझाएं. ➡️ खाना खाने से पहले, खांसने-छींकने के बाद, टॉयलेट यूज़ करने के बाद साबुन से हाथ धोने की आदत विकसित करें. 👉🏻 होम रेमेडीज़… शहद चटाएं. शहद में औषधीय गुण होते हैं, जो खांसी में काफ़ी लाभदायक हैं. स्वीट होने के कारण बच्चे इसे आसानी से ले भीलेते हैं. विटामिन सी युक्त चीज़ें खिलाएं-पिलाएं. एक कप पानी में नींबू का रस और थोड़ा-सा शहद मिलाकर दें. अगर बच्चा थोड़ा बड़ा है तो गरारा करवाएं. गुनगुने पानी में नमक या हल्दी डालकर गार्गल करें. गले में ड्राइनेस न बढ़ने दें, इसलिए बच्चे को ज़्यादा से ज़्यादा लिक्विड यानी तरल पदार्थ दें, जैसे- जूस, सूप, पानी. जंक और ऑयली फ़ूड से बचाएं. अदरक का रस शहद के साथ रात को सोते समय दें. 2 साल से कम उम्र के बच्चे के तकिए पर नीलगिरि के तेल की कुछ बूंदें डाल दें. एक चम्मच तुलसी का रस, एक चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन बार दें. मिश्री का टुकड़ा दें. ये काफ़ी फ़ायदा करेगा. अंजीर खिलाएं. इससे छाती में जमा बलगम निकल जाता है और खांसी से छुटकारा मिलता है. बड़ी इलायची का पाउडर थोड़ा-थोड़ा दिन में तीन बार पानी के साथ दें.…
बच्चों के यौन शोषण को लेकर आज भी समाज इतना जागरूक नहीं हुआ. पैरेंट्स अक्सर बच्चों की बातों को मनगढ़ंत…
As a parent, do you tend to hover over your children, rushing to their rescue at the first sign of…