बहुत ख़ूबसूरत है यह ज़िंदगीहर रंग चुराया इसका मैंने जीने के लिएउम्मीद का दामन पकड़े रही हमेशाज़िंदगी के जाम का…
एक छवि बसी हुई हैअब तक आंखों मेंबड़े जतन सेमेरा कुरता प्रेस करते हुए.. एक छविपहला कौरमुझे खिलाने कोउठे हुए…
याद है तुम्हें?सागर के झालरदार तट परघूमना?पानी की तेज़ आती लहर मेंहाथ कस के पकड़ लेनाभीग जाना अंतर्मन तक सफलता…
फागुन कृष्ण चतुर्दशी, शिव का हुआ विवाह।पूजन जन-जन कर रहा, लेकर हृदय उछाह।।लेकर हृदय उछाह, पूजते पार्थिव को सब।रस का…
अनकही ही रह जाती हैं कितनी ही कविताएंक्यों न उनके हिस्से में हम नए ख़्याल लिख दें आजकल रद्द हो…
हम प्रार्थना करते हैंकुछ पाने के लिएकिसी सेनिःस्वार्थ प्रार्थना में भीसर्व कल्याण का भाव निहित रहता हैवरदान मांगते हैंऔर स्वतः…
हर रात देर तकमैं अपने मन में गड़े शूल चुनती हूंएक-एक और एक करकेऔर हर दिन वहां नए शूल उग…
स्मृति पट परआज भी चित्रित है वह दिनजब तुम किन्हीअनजाने, अनदेखे लोक से उतरमेरी गोद में आए थे.. और मुझे…
मैं तुम्हें इश्क़ के मुहाने तक लेकर आया और तुम लौट गए उस मोड़ पर भी तुम आगे बढ़ने का …
संवरे सारे बिगड़े काम विपदा का हो काम तमाम संशय हटे तब मन का सारा प्रभु राम का लें जब…
बंद कर दो अपनी बेटियों को परिकथा सुनानामत सुनाओ ऐसी कोई भी कहानीजिसमें सफ़ेद घोड़े पर बैठा राजकुमारउसे उसकी सपनों…
फकत उलझे रहे ताउम्र हम उलझनों में हीइतना भी मुश्किल नहीं था आसान होना रहा अनदेखियों में अब तक अपना…