मेरी कोख मेरी नहीं, मेरा अस्तित्व मेरा नहीं, मेरे जज़्बात की कदर है क्या किसी को? मेरी उम्मीदों को क्या…
मैं ख़्वाब नहीं, हक़ीक़त हूं... मैं ख़्वाहिश नहीं, एक मुकम्मल जहां हूं... किसी की बेटी, बहन या अर्द्धांगिनी बनने से…
क्या आप जानते हैं कि महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज़ से देश का कौन-सा राज्य कितना सुरक्षित और कौन सबसे…