आधुनिक होने का दावा करनेवाले और महिला सशक्तिकरण की बात करने वाले हमारे देश में बेशक पिछले कुछ वर्षों में…
हमारे समाज में किसी को भी और ख़ासतौर से लड़कियों को सेटल तब ही माना जाता है जब तक कि…
हम भले ही कितनी भी बातें कर लें, समाज के बदलाव का दावा ठोक लें लेकिन सच तो यही है…
समाज सुधार आंदोलनों के दौर में करीब 160 साल पहले हुई एक महत्वपूर्ण घटना ने 16 जुलाई को भारतीय इतिहास…
जब किडनी ख़राब होने से बेटे की जान ख़तरे में थी, तो उसके सिरहाने उसकी मां खड़ी थी, जब उसे…
मेरी कोख मेरी नहीं, मेरा अस्तित्व मेरा नहीं, मेरे जज़्बात की कदर है क्या किसी को? मेरी उम्मीदों को क्या…
आज शायद ही ऐसी कोई कंपनी, कारखाना, दफ़्तर या फिर दुकान हो, जहां महिलाएं काम न करती हों.…
संपत्ति में हक़ मांगनेवाली लड़कियों को नहीं मिलता आज भी सम्मान... (Property For Her... Give Her Property Not Dowry) उसका…
निगाहों से छलके वो क़तरे अब नहीं हैं उसकी पहचान... ख़ामोशी को छोड़ उसने छू लिया है आसमान... पथरीली राहों…
तमाम एहतियात और शोर-शराबे के बावजूद महिलाओं के साथ अपराध और यौन शोषण की घटनाएं कम नहीं हो रहीं. लेकिन…
सोशल मीडिया के साइड इफेक्ट्स का असर न स़िर्फ बच्चों की पढ़ाई, लोगों के काम के परफॉर्मेंस, फैमिली लाइफ आदि…
हमें बहुत-सी शिकायतें रहती हैं... अपनी ज़िंदगी से, अपने आसपास के लोगों से और ऊपरवाले से भी... न हम किसी…