हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में स्थित बीर बिलिंग स़िर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में पैराग्लाइडिंग के लिए मशहूर है. यहां पर हर साल दुनियाभर से पर्यटक आते हैं. इसे भारत की पैराग्लाइडिंग राजधानी भी कहते हैं. ख़ूबसूरत
पहाड़ों से घिरा बीर बिलिंग का दृश्य बहुत ही मनोहर दिखता है. पहाड़ों पर इतराते और अटखेलियां करते मेघ आपके टूर को और भी ख़ूबसूरत बना देते हैं.
कैसे पहुंचे?
बीर बिलिंग पहुंचने के लिए आप दिल्ली से बाई रोड पहुंच सकते हैं. न्यू दिल्ली से यहां के लिए डायरेक्ट बसें चलती हैं. आप इन बसों के माध्यम से भी यहां पहुंच सकते हैं. ये बसें आपको बैजनाथ छोड़ेंगी. वहां से आपको टैक्सी के ज़रिए बीर जाना होगा. आपके पास अगर समय की कोई कमी नहीं है, तो आप ट्वाय ट्रेन से भी जा सकते हैं. ये ट्रेन सात घंटे के आसपास आपको बीर छोड़ेगी.
ये भी देखें
बीर बिलिंग जाने के बाद स़िर्फ पैराग्लाइडिंग करना और वापस आ जाना सही नहीं लगता, इसलिए हम आपको बताते हैं कुछ ऐसी जगहों के बारे में जो हैं फेमस और आपकी जर्नी को यादगार बना देंगी.
– कंकलेश्वर मंदिर
– बैजनाथ मंदिर
– ताशीजोंग मॉनेस्टरी
ट्रेकिंग का लें आनंद
अगर आपको पहाड़ों पर चढ़ना अच्छा लगता है, तो बीर में अपनी ये इच्छा ज़रूर पूरी करें. टूरिस्ट गाइड आपको ट्रेकिंग के लिए मदद करते हैं. ग्रुप में ट्रेकिंग करके आप अपनी ट्रिप को और भी आनंददायक बना सकते हैं.
नंदी हिल कर्नाटक में चिकबलपुर शहर से मात्र 10 किलोमीटर दूर है. बैंग्लोर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह बहुत ही आकर्षक पहाड़ है. यहां हर साल दुनियाभर से हज़ारों सैलानी पैराग्लाइडिंग के लिए आते हैं. कुछ दिन के लिए अगर शहरी लाइपस्टाइल से दूर प्रकृति की गोद में बिताना चाहते हैं, तो नंदी हिल आपके लिए परफेक्ट है.
कैसे पहुंचे?
फ्लाइट, ट्रेन या बस के ज़रिए आप बैंग्लोर पहुंच सकते हैं. वहां से फिर आप बसों/टैक्सी के माध्यम से नंदी हिल पहुंच सकते हैं.
ये भी देखें
नंदी हील पहुंचने के बाद पैराग्लाइडिंग से अगर समय बच जाए, तो इन जगहों पर ज़रूर जाएं:
– टीपू सुल्तान का किला
– नंदी टेंपल
– मुदेनहल्ली म्यूज़ियम
– टीपूज़ ड्रॉप
करें साइकलिंग और ट्रेकिंग
आपको अगर साइकलिंग का शौक़ है और नेचर की गोद में साइकलिंग करना चाहते हैं, तो नंदी हिल जाने के बाद साइकलिंग का मौक़ा बिल्कुल न गवाएं. इतना ही नहीं आप यहां ट्रेकिंग का आनंद भी उठा सकते हैं.
महाराष्ट्र के पुणे से लगभग 65 किलोमीटर दूर पावना में पैराग्लाइडिंग करने का आनंद ही कुछ और है. पहाड़ों से अपने पंख लगाकर जब आप पावना लेक के ऊपर उड़ान भरते हैं, तो नज़ारा ही कुछ और होता है. यहां पर आना बहुत ही आसान है. पैराग्लाइडिंग के लिए आपको ज़्यादा दिन का इंतज़ार नहीं करना पड़ता. मखमली पहाड़ और स़फेद झील के आसपास उड़ना बहुत ही अच्छा लगता है.
कैसे पहुंचे?
आप देश के किसी भी शहर से पहले मुंबई या पुणे पहुंच जाइए. उसके बाद आसानी से आप पावना पहुंच सकते हैं. ट्रेन, बस या फिर प्राइवेट टैक्सी करके भी आप वहां पहुंच सकते हैं.
ये भी देखेेंं
– पावना लेक ज़रूर देखें.
– यहां के रिसॉर्ट में ज़रूर जाएं.
– यहां से आप लोनावला भी जा सकते हैं.
मसूरी को पहाड़ों की रानी कहा जाता है. ये क्षेत्र पढ़ाई, व्यवसाय और टूरिज़्म के लिए जाना जाता है. हो सकता है आफ मसूरी कई बार गए हों और वहां के ख़ूबसूरत पहाड़ों का नज़ारा देखा हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मसूरी में पैराग्लाइडिंग करना कितना सुखद और अद्भुत अनुभव होता है. जी हां, बिल्कुल सही सुना आपने, इसलिए इस बार आप मसूरी ख़ासतौर पर पैराग्लाइडिंग के लिए जाएं.
कैसे पहुंचे?
आप बस, ट्रेन और फ्लाइट के ज़रिए मसूरी पहुंच सकते हैं. फ्लाइट से जाने के लिए आपको देहरादून के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर जाना होगा.
ये भी देखेेंं
– मसूरी लेक
– कंपनी गार्डन
– ज्वालाजी मंदिर
– क्लाउड हिल
पैराग्लाइडिंग करने से पहले कुछ बातों का ध्यान ज़रूर रखें.
– ट्रेन्ड और अच्छे इंट्रक्टर के निगरानी में पैराग्लाइडिंग करें.
– उंचाई से डर लगता है, तो दोस्तों के दबाव में आकर पैराग्लाइडिंग बिल्कुल न करें.
– बूट्स, हेलमेट और ग्लोब्स ज़रूर पहनें.
– स्मार्टनेस दिखाने के चक्कर में बादलों के बीच में उड़ान न भरें.
– ख़ुद उड़ान भरने से पहले दूसरों को टेकऑफ और लैंडिंग करते देखें. इससे आपको मनोबल बढ़ेगा और आप सही तरह से उड़ान भर सकेंगे.
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